कंगना राणावत : ग्रहों की उथल पुथल से ज़िन्दगी में उलझाव

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अपने जीवंत अभिनय से शोहरत की बुलंदियों पर पहुंची कंगना इस बार न केवल बहुत अधिक सुर्खियों में आ गयीं‌ बल्कि मुसीबतों में चौतरफ़ा उलझती दिख रही हैं जैसा कि इनकी जन्मकुंडली बताती है। इनकी जन्मपत्री के हिसाब से इन पर कातिलाना हमला हो सकता है। ये अभिनेत्री एक्टिंग को बाय बाय कर होटल, रेस्ट्रा या एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट का बिजनेस शुरू कर सकती हैं।

कंगना की जन्मतिथि 23 मार्च 1987, दोपहर बारह बजे है। मिथुन लग्न, कृष्ण पक्ष, तिथि नवमी और वरीयान योग में जन्म हुआ था, तीन नंबर की लग्न है, बुध की लग्न है मिथुन लग्न। ग्रहों की स्थिति इस प्रकार है, चौथे स्थान में केतु, छठे स्थान में शनि, सातवें स्थान में चंद्रमा, दसवें स्थान में राहु बृहस्पति सूर्य शुक्र बुध, ग्यारहवें स्थान में मंगल । इनकी जन्मकुंडली में चौथे स्थान में केतु बैठा है। जिस भी मनुष्य की जन्मपत्री में केतु अकेला चौथे स्थान में बैठा होगा, मेरे अनुभव में यह आया है कि उसके निजी दफ्तर मकान में दिक्कत आती है, या तो वो मकान बन नहीं पाता, टूट जाएगा या तोड़ दिया जाएगा, गिरा दिया जाएगा या बंधक होकर इनके हाथ से निकल जाएगा।

इनकी जन्मकुंडली में इनके छठे स्थान में वृश्चिक का शनि बैठा हुआ है जो संकेत दे रहा है, इनको कोर्ट_कचहरी (मुकदमा) और जेल यात्रा तक करनी पड़ सकती है। सातवें स्थान का चंद्रमा बैठा है जो इन्हें व्यवसायी बना रहा है और हो सकता है कि आने वाले समय में कंगना फिल्म उद्योग को बाय_बाय कर लें और वो होटल व्यवसाय, खान_पान(रेस्ट़राॅ) या एक्सपोर्ट-इंपोर्ट का बिजनेस कर सकती हैं। दसवें स्थान में बृहस्पति, राहु, सूर्य, शुक्र, बुध बैठे हुए हैं। बृहस्पति इनका अस्त है । याद दिलाता हूं कि सुशांत सिंह राजपूत की जन्मपत्री में बृहस्पति अस्त था।

पांच ग्रह किसी भी मनुष्य की जन्मपत्री में बैठते हैं तो ये राजयोग जरूर बनाते हैं साथ ही परवज्जा योग भी देते हैं अर्थात इनका विवाह होना संदिग्ध प्रतीत होता है। ग्रहों की गणना के आधार पर नहीं दिखता कि विवाहित जीवन का सुख इन्हें मिल पाएगा। ग्यारहवें स्थान का मंगल है जो इच्छा पूर्ति करा रहा है। मंगल जमीन जायदाद का भी कारक होता है। इनके पास पैतृक जमीन-जायदाद काफी होनी चाहिए। खुद का बाग बगीचा फार्म-हाउस होना चाहिए। वर्तमान दशाओं को देखते हुए मंगल में शुक्र की अंतर्दशा चल रही है, जैसा कि मैंने पहले भी बताया है कि अनुभव कहता है कि जब भी शुक्र की अंतर्दशा आएगी किसी मनुष्य की, उसको परेशान देखा है, चाहे शुक्र लग्नेश हो, पंचमेश हो, नवमेश हो, या वर्गोत्तम, कुछ भी हो जाए ।

कंगना का मकान या आॅफिस जो भी तोड़ा गिराया गया और जो इस समय इनकी लिटिगेशन हो रही है, मंगल में शुक्र चल रहा है जो दिसंबर 2020 तक रहेगा। इनके लिए समस्याएं अब और ज्यादा बढ़ेंगीं। बाॅलीवुड की इस बेहतरीन अदाकारा पर गोली, चाकू से कातिलाना हमला होने का भय है। दिसंबर के बाद स्थितियों में थोड़ा सुधार आएगा। और अंत में इनका जितना यश, नाम अभी फैल रहा है। इसके विपरीत बिल्कुल हो जाएगा क्योंकि इनकी जन्मकुंडली में गुरु और राहु एकसाथ बैठे हैं जो गुरु_चांडाल दोष का निर्माण कर रहे हैं।

ऐसे मनुष्य की बदनामी होने का प्रबल दर्जे का डर होता है। अभी मौजूदा में लोगों को लग रहा है कि इनका यश- कीर्ति, गाथा बहुत ऊंचाई पर जा रही है लेकिन यही दोष इन्हें अचानक रसातल में धकिया देगा, फिल्में मिलना भी बहुत कम हो जाएगा। उपरोक्त ज्योतिषीय गणना पर आधारित एक विश्लेषण मात्र है।
ज्योतिषाचार्य विनय तिवारी
उ.प्र. इंडिया