शनि देव को प्रसन्न करने के लिए करें ये उपाय

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आज बात करते हैं शनि ग्रह के बारे में… शनि का सीधा संबंध पीपल के वृक्ष से है। लगभग सभी लोग जानते हैं कि शनिवार को पीपल के वृक्ष की विशेष पूजन होती हैं। आप कच्चे दूध में काले तिल ले जाएं.. पीपल पर भेंट करें.. एक सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इसके बाद प्रार्थना करके एक पीपल का पत्ता तोड़ कर रख लाएं। उसको घर के धन के स्थान पर या उत्तर की दिशा की तरफ रख दें। यह उपाय 7 शनिवार करें जब 7 शनिवार हो जाए तब वह सातों पत्ते बहते हुए जल में वहा दे और फिर से प्रारंभ करे शनिवार से, इससे धन लाभ में आ रही बाधाएं दूर होगी।

पीपल के वृक्ष पर जो व्यक्ति प्रतिदिन सूर्योदय के समय जल अर्पित करता है। उसके लिए महालक्ष्मी की विशेष कृपा होती है। जल का अर्पण प्रतिदिन कर सकते हैं रविवार छोड़कर। भोग दोपहर के समय पीपल के वृक्ष के नीचे सफेद मिठाई का भोग पितरों के लिए रख सकते हैं। चीटियों के लिए डाल सकते हैं। यह उपाय भी प्रतिदिन कर सकते हैं। रविवार छोड़कर हां यदि रविवार को चतुर्दशी तिथि है पितरों की या अमावस्या है तब कर सकते हैं। परंतु कोशिश करें उस दिन वृक्ष को स्पर्श न करें।

दीपक पूजन में हमेशा दीपक घी का लगाएं। महालक्ष्मी की विशेष कृपा होगी। हर शनिवार को केवल पीपल के नीचे सरसों का तेल का दीपक रखना ठीक होता है। पीपल का संबंध बृहस्पति, शनि, पितृ, लक्ष्मी और जगतगुरु श्री कृष्ण जी से है। अब आप सोच सकते हैं कि जो मुख्य चीजें पूजन में होती हैं। स्नान भोग और दीपक यह बहुत चमत्कारिक लाभ देता है। ग्रह स्थिति मारक हो सनी की हो राहों की हो या केतु की महादशा हर दिशा में लाभदायक सिद्ध होगी।