डेटा केंद्र उद्योग भरने लगा कुलांचें, हो रहा भारी निवेश

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डेटा केंद्र उद्योग भरने लगा कुलांचें, हो रहा भारी निवेश…. भारतीय डेटा सेंटर इंडस्ट्री यानी आंकड़ा भंडारण उद्योग पंद्रह साल का हो गया है। अगले तीन सालों में यह जवानी की दहलीज पर खड़ा होगा। इस पर एक, सवा लाख करोड़ रुपए का नया निवेश हो रहा है। और तब देखिएगा, यह कुलांचें भरने लगेगा। 5 जी, वीडियो स्ट्रीमिंग, ऑनलाइन गेमिंग, ओवर-दि-टाॅप मीडिया, डिजिटल कामर्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्लाउड कम्प्यूटिंग और इंटरनेट आफ थिंग्स का जैसे-जैसे विस्तार होगा वैसे-वैसे इस उद्योग के पांव पसरते जाएंगे।

एक सवाल कौंधता है कि डेटा सेंटर-आंकड़ा भंडारण उद्योग आखिर है क्या? सीधा सा जवाब-हर तरह की जानकारी-आंकड़ों का एक स्थान पर व्यापक विश्लेषण और सुरक्षित संग्रह। और इन आंकड़ों का किसी भी क्षेत्र में उपयोग। आंकड़ों की जरूरत और उपयोग सदियों से होता आया है। त्वरित गति से टेक्नोलॉजी के विकास ने इस क्षेत्र की भूमिका का बहुत अधिक विस्तार कर दिया। वैश्विक-आर्थिक परिदृश्य ही बदल गया, दिनों दिन हर क्षेत्र में कांटे की प्रतिस्पर्धा ने ‌जानकारी आंकड़ों की महत्ता में अकल्पनीय वृद्धि की। वर्तमान समय में सिकंदर वही जो अधिकतम सटीक जानकारी से लैस है, और आने वाले वक्त में आंकड़ों जानकारी की भूमिका का और विस्तृत होना अवश्यंभावी है।

इसी को ध्यान में रखकर माइक्रोसॉफ्ट, अमेज़ाॅन, वालमार्ट से लेकर गूगल, पेंटागन सहित तमामों तमाम राजनीतिक संगठन, वाणिज्यिक संस्थान, शोध संस्थान, हथियार निर्माता, खुफिया एजेंसियां और आतंकवादी संगठन तक येन केन ताजा से ताजा जानकारी हासिल करने पर धन खर्च कर रही हैं। इन नामी टेक्नोलॉजी कंपनियों‌ ने अच्छा खासा धन निवेश करके भारत में आंकड़ा भंडारण केंद्र स्थापित किए हैं। यूं तो श्री धर पिन्नापुरेड्डी ने अपनी कंपनी सीटीआरआईएस (ctRIS) के अंतर्गत साल 2008 में भारत में पहला आंकड़ा भंडारण केंद्र स्थापित किया था, आज श्रीधर के मुंबई, बंगलुरु, हैदराबाद और नोएडा सहित आठ केंद्र कार्य कर रहे हैं। श्रीधर के अलावा रिलायंस, अडाणी की एजकॅनेक्स, वेबवर्क्स, एनटीटी, सिफी टेक्नोलॉजीज, इक्विनाॅक्स, गूगल, एमेज़ाॅन, Nxtra, माइक्रोसॉफ्ट सहित कई देशी-विदेशी कंपनियों ने आंकड़ा भंडारण केंद्र स्थापित कर लिए् हैं और उनका संचालन कर रही हैं,

भारत में आंकड़ा भंडारण केंद्रों की संख्या 140 हो गई है। वेबवर्क्स के संस्थापक सीईओ निखिल राठी का मानना है कि भारत में डेटा सेंटर उद्योग का तेजी से विकास हो रहा है, भारत इस क्षेत्र में वर्ल्ड लीडर बनने की क्षमताएं हैं। भारत में 2025 तक आंकड़ा केंद्रों की संख्या 183-185 और इनकी डेटा स्टोरेज क्षमता 1500 मेगावाट के आसपास पहुंचने का अनुमान है। आंकड़ा केंद्र में मेगावाट का तात्पर्य इनकी भंडारण क्षमता से होता है।

भारतीय आंकड़ा भंडारण उद्योग का आकार अर्थात कारोबार चालू वर्ष में 62 हजार करोड़ रुपए से अधिक होने का अनुमान लगाया गया है, जबकि 2014में 2700 करोड़ रुपए के लगभग था। भारत में सबसे अधिक आंकड़ा केंद्र नवीमुंबई में, इसके बाद घटते क्रम में चेन्नई, दिल्ली एनसीआर, बंगलुरु, हैदराबाद और पुणे में स्थित हैं। देश का सबसे बड़ा आंकड़ा भंडारण केंद्र ग्रेटर नोएडा में है, नाॅलेज पार्क- 5 में इसके प्रथम टाॅवर का उद्घाटन उ.प्र. के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवंबर 2022 में किया था, दो और टाॅवर बन रहे हैं जो 2024 में तैयार हो जाएंगे।

मुंबई के मशहूर रिअलटर हीरानंदानी ग्रुप की कंपनी योट्टा द्वारा बनाए जा रहे इस केंद्र की स्थापना पर कुल 5 हजार करोड़ रुपए की लागत आएगी। इस केंद्र में देश की साठ प्रतिशत आबादी के आंकड़ों का भंडारण (स्टोरेज) करने की क्षमता होगी। तीन लाख वर्गफुट क्षेत्र में पसरे इस केंद्र को संचालित करने में 250 मेगावाट बिजली की जरूरत पड़ेगी। गूगल नवी मुंबई में 1144 करोड़ रुपए के किराए पर लिए गए 3.81 लाख वर्गफुट पर अत्याधुनिक केंद्र सक्रिय है जिसका विस्तार कार्य 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य है।

गूगल दूसरा केंद्र नोएडा में स्थापित कर रही है, इसके लिए दस साल की लीज़ पर 4.64 लाख वर्ग फुट स्पेस लिया गया है भारत का आंकड़ा भंडारण उद्योग वैश्विक स्तर पर बहुत पीछे की कतार में खड़ा है। सबसे अधिक 2710 आंकड़ा भंडारण केंद्र अमेरिका में, जर्मनी में 490, यूके में 460 और चीन में 450 केंद्र काम कर रहे हैं।

प्रणतेश बाजपेयी