बिंसार हिल स्टेशन: हिमालय की गोद

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हिमालय की गोद में रचा बसा ‘बिंसार हिल स्टेशन” एक मखमली एहसास कराता है। ‘बिंसार हिल स्टेशन” हिमालय का ‘जीरो प्वाइंट” है। बिंसार में वन्यजीव अभ्यारण भी है। यूं कहें कि ‘बिंसार हिल स्टेशन” प्रकृति की गोद में जीवन की हलचल है तो शायद कोई अतिश्योक्ति न होगी। समुद्र तल से करीब 2412 मीटर शीर्ष पर स्थित ‘बिंसार हिल स्टेशन” में चौतरफा मखमली घास का बिछौना बिछा दिखता है।

मखमली घास से लबरेज हिमालय की वादियां-घाटियां निश्चय पर्यटकों को मुग्ध करती हैं। इतना ही नहीं बर्फबारी का वास्तविक लुफ्त यहीं मिलता है। ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे हिमालय ने बर्फ की सुन्दर चादर ओढ़ रखी हो। पाइन के वृक्ष श्रंखला से घिरा ‘बिंसार हिल स्टेशन” अति सुन्दर अवलोकित है। शक्तिशाली हिमालय की चोटियां बरबस लुभाती हैं। ‘बिंसार हिल स्टेशन” प्रकृति का एक शानदार एवं आदर्श स्थान है। ‘बिंसार हिल स्टेशन” उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा से करीब 35 किलोमीटर दूर है।

विशेषज्ञों की मानें तो ‘बिंसार हिल स्टेशन” 11वीं से 18वीं शताब्दी तक चन्द्र राजाओं की राजधानी रहा। विकास के क्रम में ‘बिंसार हिल स्टेशन” शनै: शनै: सौन्दर्य से आलोकित होता रहा। हिल स्टेशन क्षेत्र सुगंध एवं स्वास्थवर्धक वनस्पतियों से आच्छादित है। जीवों एवं वनस्पतियों की समृद्धता पर्यटकों को आकर्षित करती है। इस स्थान से हिमालय की चोटियां, केदारनाथ, त्रिशूल, शिवलिंग, नंददेवी एवं नक्षत्र पर्वत शानदार दिग्दर्शित होते हैं। वर्ष 1988 में हिमालयी क्षेत्र में ऑॅॅॅक के जंगलों को संरक्षित किया गया।

बिंसार वन्यजीव अभ्यारण: बिंसार वन्यजीव अभ्यारण में देश-विदेश की सुगंधित एवं आैषधीय वनस्पतियां उपलब्ध हैं। यहां वनस्पतियों एवं जीव संरक्षण का एक अतिसमृद्ध संग्रहालय भी है। यह क्षेत्र खास तौर से वनस्पतियों की समृद्धता के लिए जाना जाता है। अभ्यारण क्षेत्र में सुगंधित फूलों की श्रंखला भी मन-मस्तिष्क को प्रफुल्लित करती है। खास तौर से दुर्लभ फूलों की उपलब्धता आनन्दित करती है। वन्यजीव श्रंखला भी कहीं से कमजोर नहीं दिखती। तेंदुए, गॉलेट, कस्तूरी हिरण, चीतल, सुमात्रान सैरो, जंगली सुअर, जंगली बिल्ली, काले भालू, लाल लोमड़ी, पाइन मार्टन, भूरे लंगूर, लाल गिलहरी सहित वन्यजीवों की एक लम्बी श्रंखला इस अभ्यारण में वन्यजीव प्रेमियों को आनन्दित करती है।

बिंसार महादेव: बिंसार महादेव वन क्षेत्र में स्थित शिवालय है। यह स्थान अल्मोड़ा से करीब 70 किलोमीटर दूर है। रानीखेत से इस स्थान की दूरी करीब बीस किलोमीटर है। भगवान शिव के इस मंदिर क्षेत्र में जून में उत्सव एवं मेला के आयोजन होते हैं।

कासार देवी मंदिर: कासार देवी मंदिर आस्था एवं विश्वास का केन्द्र है। विशेषज्ञों की मानें तो वर्ष 1970 से 1980 की अवधि में इस भव्य-दिव्य मंदिर का निर्माण भिक्षुओं ने कराया था। यह स्थान वास्तुशिल्प का अद्भुत आयाम है। यह स्थान कभी स्वामी विवेकानन्द का ध्यान केन्द्र भी रहा है।

बिंसर शून्य बिंदु: ‘बिंसार हिल स्टेशन” की यात्रा करें तो बिंसर शून्य बिंदु अवश्य जायें। इस स्थान से हिमालय का अति सुन्दर दृश्य अवलोकित होता है। शांतिपूर्ण एवं आकर्षक स्थान है। हिमालय की पर्वतमाला का सौन्दर्य यहां से खास दिखता है।

मैरी बुड़न एस्टेट: मैरी बुड़न एस्टेट ‘बिंसार हिल स्टेशन” का एक सर्वोच्च शिखर स्थान है। समुद्र तल से यह स्थान 8000 फुट ऊंचाई पर है। छुट्टियां बिताने या मौज मस्ती का यह श्रेष्ठ स्थान है। इसके आसपास के स्थानों में पर्यटक चिताई, रानीखेत, कौसानी, अल्मोड़ा आदि का भी भ्रमण कर सकते हैं। ‘बिंसार हिल स्टेशन” की यात्रा तो कभी भी की जा सकती है लेकिन गर्मी का मौसम कुछ अलग ही आनन्द देता है। इस अवधि ‘बिंसार हिल स्टेशन”की जलवायु बेहद सुहावनी एवं लुभावनी होती है कि एक सुखद ताजगी का एहसास होता है।

‘बिंसार हिल स्टेशन” की यात्रा के लिए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। पंतनगर हवाई अड्डा ‘बिंसार हिल स्टेशन” से करीब 150 किलोमीटर दूर है। निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम ‘बिंसार हिल स्टेशन” से करीब 119 किलोमीटर दूर है। सड़क मार्ग से यात्रा करने के लिए उत्तराखण्ड का कुमाऊं मण्डल सभी मुख्य सड़कों को आपस में जोड़ता है।