बदलते मौसम में रहें सावधान, लग न जाए बीमारी का झटका

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बदलते मौसम में सर्दी जुकाम खांसी बच्चों से लेकर बड़ों तक को परेशान करती है। मौसम बदलने से होने वाली इन बीमारियों से बचने के लिए श्रीनाथ आयुर्वेद चिकित्सालय भगवत दास घाट सिविल लाइंस कानपुर की मुख्य चिकित्सक डॉ रजनी पोरवाल ने बहुत ही लाभकारी हितकारी घरेलू उपाय बताए हैं।

बच्चों का जुकाम और नाक बहना : बच्चों को सर्दी जुकाम, नाक बहने लगे, सीना कफ से जकड़ जाए और किसी किसी बच्चे में पसली चलने लग जाए, समय रहते इस छोटी सी समस्या पर ध्यान न देने पर लापरवाही करने पर ब्रोंकाइटिस सांस फूलना तेज बुखार और निमोनिया जैसी दिक्कत होने की संभावना रहती है। प्रारंभिक स्थिति में ही हम बच्चे को चौकिया सुहागा की भस्म चने के दाने के बराबर शहद में मिलाकर दिन में तीन से चार बार दे। बहती हुई कफ का प्रकोप और रुला देने वाली खांसी थम जाती है। 2 वर्ष से कम के बच्चों को गेहूं के दाने के बराबर चौकिया सुहागा की भस्म देनी चाहिए। बड़े और बूढ़ो को आधा चम्मच मात्रा में शहद या गर्म पानी या चाय के साथ दिया जा सकता है। जिन बच्चों को अक्सर सर्दी जुकाम होता रहता है.. कफ ज्यादा बनता है.. नाक बहती रहती है.. नहाने भर से ठंड लग जाती है.. उन्हें इस छोटे से घरेलू उपाय से बहुत स्वास्थ्य लाभ मिलता है। यही नहीं छोटे बच्चों की पसली चलने की समस्या भी इस घरेलू निरापद और लाभकारी उपाय से ठीक हो जाती है।

बदलते मौसम की हठीली खांसी : बदलते मौसम में जब हल्की हल्की सर्दी रात्रि में ठंड और दिन में धूप रहती है तो हमारे कपड़ों के पहनने में लापरवाही.. ठंडे पानी से खूब नहाना और फ्रिज का शीतल पानी.. दही, मट्ठा, चावल का जैसे शीतवर्धक पदार्थों का सेवन करने से शरीर वातावरण के साथ अपने तापक्रम को परिवर्तित नहीं कर पाता है। फल स्वरूप ठंडी गर्मी का शिकार हो जाता है और ठंडी गर्मी के कारण खासी का और हरारत हो जाती है।

इस स्थिति से वृद्ध लोग बहुत पीड़ित होते हैं और पूरी रात रात भर खांसते रहते हैं.. जगते रहते हैं.. अनेक बार तो हल्की-हल्की सांस फूलने लगती है। इससे बचने के लिए एक बहुत सरल और बहुत लाभकारी उपाय है फिटकिरी के छोटे-छोटे टुकड़े करके तवे पर फुला ले। फिर इसे पीसकर पाउडर बनाकर शीशी में रख ले। बच्चों के लिए एक गेहूं के दाने के बराबर फिटकरी का पाउडर 5ml तुलसी की पत्ती की रस और 5ml देसी अदरक के रस के साथ मिलाकर पिला दे। ऊपर से गर्म पानी दे दे। जो बच्चे तुलसी और अदरक के रस के साथ कड़वी होने के कारण इस औषधि को नहीं ले सकते हैं, उन्हें थोड़ा सा शहद मिलाकर इसे दीजिए।

किंतु युवाओं महिलाओं और वृद्धों को जिनको खांसी बहुत होती है और कफ निकलता नहीं है बहुत कष्टदाई हो जाता है उन्हें लगभग आधा ग्राम फिटकरी का भस्म और दो काली छोटी पीपल का पाउडर को तुलसी की पत्ती के रस में सुबह दोपहर शाम लेना चाहिए और इसके ऊपर गर्म पानी या चाय पी लेना चाहिए। फल, दही, मट्ठा, चावल, ठंडी चीजें कोल्ड ड्रिंक, आइसक्रीम, मिठाइयां इत्यादि का सेवन बिलकुल बंद कर देना चाहिए। बहुत से लोग घर में बनी हुई के नाम पर तली मसालेदार भुनी हुई चीजें चाट, पकोड़े या लस्सी ठंडा दही, मिष्टि दही, मिठाईयां इत्यादि का सेवन कर लेते हैं, जो रोग एवं ऋतु काल की दृष्टि से उचित नहीं है, इससे दिक्कत बढ़ती चली जाएगी।

बूढ़े जवानों का सर्दी के साथ सांस फूलना : बदलते मौसम में एक बड़ी समस्या है इससे युवा और वृद्ध लोग पीड़ित होते हैं। वृद्धों के लिए तो यह जीना हराम कर देती है। महिलाएं जो हल्की सर्दी में घर का काम विशेषकर पानी से संबंधित काम कपड़े धोना बर्तन ढोलना घर की धुलाई करना और भी अन्य अनेकों काम जो पानी की मदद से होते हैं करना होता है। क्योंकि घर परिवार की जरूरत होती है। महिलाओं की जिम्मेदारी होती है। इस जिम्मेदारी को निभाते निभाते उन्हें सर्दी हो जाती है.. खांसी हो जाती है।

इससे बचाव के लिए बहेड़ा का छिलका पीसकर पाउडर बना लें। इस पाउडर व मुलेठी का पाउडर एक एक ग्रामऔर आधा ग्राम फिटकरी का तवे पर फुला कर बनाया हुआ पाउडर तीनों चीजों को सुबह और शाम गरम पानी या चाय के साथ ले लेना चाहिए। इसके आधा घंटे बाद तक कोई भी खाद्य पदार्थ ना खाए जरूरत पड़ने पर केवल गर्म चीज, गर्म पानी या चाय इत्यादि का सेवन कर सकते हैं। यह उपाय करते समय एक चम्मच शुद्ध देसी घी में सेंधा नमक पत्थर पर घिसकर लें। फिर इसे गुनगुना गुनगुना करके छाती में हल्का लगा लेना चाहिए और उसके बाद कोई ऊनी वस्त्र बनियान आदि पहनकर बगैर पंखा एसी कूलर वाले कमरे या स्थान पर बैठ जाना चाहिए। रात्रि में सोते समय इस प्रयोग को कर सकते हैं। यह तमक स्वास को ठीक करने के लिए बहुत श्रेष्ठ उपाय है।

इसके साथ यदि 10 मिनट प्रतिदिन सूर्यभेदी प्राणायाम और 10 मिनट तक भस्त्रिका प्राणायाम, 5 मिनट तक कपालभाती का अभ्यास किया जाए तो फेफड़ों को नई ताकत मिलती है और फेफड़े मजबूत हो जाते हैं तथा सांस खांसी और कफ जैसी शिकायतें स्थाई रूप से ठीक हो जाती हैं। ऐसे लोगों को दूध में अदरक थोड़ा सा हल्दी मिलाकर खूब खौला लेना चाहिए। इस खौले हुए दूध को ही गुनगुना गुनगुना पीना चाहिए। यदि इस दूध में दो काली मिर्च या छोटी पीपल का पाउडर भी डाल दिया जाए तो यह फेफड़ों की ऑक्सीजन की अवशोषण क्षमता को बढ़ाकर फेफड़ों की अनेकों अनेक बीमारियों के निदान के लिए बहुत लाभप्रद होता है।

इसके साथ सर्वांगासन धनुरासन कोणासन और पद चालन 5 राउंड सूर्य नमस्कार की योग क्रियाएं वृद्धावस्था में बहुत हितकारी होती हैं। यह ध्यान रखिएगा योग क्रियाओं को जबरदस्ती नहीं करिए धीरे-धीरे इन का अभ्यास शुरू करिए कुछ सप्ताह में शरीर की मांसपेशियां लचीली हो जाएगी और आप सभी बताए गए आसन सहजता से कर लेंगे। हताश परेशान और निराश होने की आवश्यकता नहीं है। हिम्मत रखिए.. उत्साह रखिए.. आसन प्राणायाम आप निश्चित रूप से करने
लगेंगे।