लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कानून मंत्री बृजेश पाठक ने कहा है कि राज्य में कोरोना काल में करोड़ों लोगों के सामने आजीविका चलाने का संकट आने के बावजूद उनके घर में भोजन की कमी नहीं होने दी गई। इसके लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शुरू की गई मुफ़्त राशन वितरण की व्यवस्था आगामी होली तक जारी रहेगी।
उन्होंने जारी एक बयान में कहा कि इस योजना से प्रदेश के 15 करोड़ गरीबों को होली तक दोगुना मुफ्त राशन वितरण होता रहेगा, जिससे कमजोर वर्ग के परिवारों के सामने भोजन का संकट नहीं रहेगा।
उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्य मंत्री अखिलेश यादव द्वारा इस विषय पर किये गए एक ट्वीट के जवाब में कहा कि कोरोना संकट की घड़ी में कमजोर वर्ग के लोगों के घरों में भोजन की व्यवस्था सुनिश्चित करना एक चुनौती थी जिसे राज्य सरकार ने बखूबी निभाया। इस योजना पर सवाल उठाना और इसकी आलोचना करना विपक्ष की बेचैनी और गरीब-विरोधी मानसिकता का परिचायक है। इस योजना के तहत गरीबों को आटा, चावल, दाल, नमक, चीनी और तेल भी दिया जा रहा है। कोरोना की दूसरी लहर के समय इस योजना का प्रारंभ किया गया था, जिसके बाद रामनवमी से दिवाली तक लगभग सात महीने गरीबों को मुफ्त आनाज दिया गया और पिछले वर्ष दिवाली से इस वर्ष होली तक अनाज का वितरण किया जाएगा।
पाठक ने कहा कि यह प्रदेश में डबल इंजन सरकार की सफलता है कि भाजपा सरकार ने कोरोना के मुश्किल समय में भी किसी गरीब को भूखे पेट नहीं सोने दिया। लेकिन इससे सपा बहुत बेचैन है क्योंकि उसने कभी जनता के भले के बारे में सोचा ही नही।
पाठक ने अखिलेश यादव द्वारा इस्तेमाल की गई असम्मानजनक व अशोभनीय भाषा के प्रयोग पर आपत्ति जताई है और कहा है कि कोरोना काल में दी गई मदद को बेकारी-बीमारी के नाम पर मिला सड़ागला अनाज” कहना गरीब जनता का अपमान है। उन्होंने कहा उत्तर प्रदेश सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि गरीब के परिवार का कोई भी सदस्य भूख से पीड़ित न रहे।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की विभीषिका के दौरान एक-एक व्यक्ति का जीवन बचाने की चुनौती थी, ऐसे में सरकार जीवन ही नहीं जीविका को बचाने में भी सफल रही। चाहे वैक्सीनेशन हो या कोविड प्रबंधन और महीने में दो बार गरीबों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराना हो, अपने विशिष्ट मॉडल से बेहतरीन कोविड प्रबंधन में पूरी दुनिया में उत्तर प्रदेश का नाम हुआ। पाठक ने कहा विपक्ष को इस योजना का स्वागत करना चाहिए लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि उन्हे गरीबों की चिंता नहीं है।