अकेले यूपी में दुनिया के बड़े से बड़े देशों से अधिक सामर्थ्य

0
368

लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करीब 32 लाख करोड़ रुपये के ऐतिहासिक निवेश प्रस्ताव जुटाने वाले तीन दिवसीय उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (यूपी जीआईएस)-2023 का शुभारंभ करते हुए कहा कि आज देश-दुनिया के उद्यमी और निवेशक जिस राज्य (यूपी) में बैठे हैं, उसकी आबादी करीब-करीब 25 करोड़ है। दुनिया के बड़े-बड़े देशों से भी ज्यादा सामर्थ्य अकेले उत्तर प्रदेश में है। एक तरफ डबल इंजन सरकार का इरादा है और दूसरी तरफ संभावनाओं से भरा उत्तर प्रदेश।इससे बेहतर पार्टनरशिप हो ही नहीं सकती। भारत अगर आज दुनिया के लिए ब्राइट स्पॉट है तो यूपी भारत के ग्रोथ को ड्राइव करने में अहम नेतृत्व दे रहा है।

कार्यक्रम स्थल लखनऊ के वृंदावन योजना स्थित वाल्मीकि मुख्य हॉल में यूपी जीआईएस-2023 के उद्घाटन सत्र में मौजूद देश-दुनिया के दिग्गज उद्यमियों-निवेशकों से मुखातिब पीएम मोदी ने सबको उत्तर प्रदेश में निवेश का आमंत्रण देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की आज की सरकार और ब्यूरोक्रेसी प्रगति की राह पर दृढ़ संकल्प के साथ चल पड़ी है। वह आपके (निवेशकों व उद्यमियों) सपनों को साकार करने के लिए, आपके संकल्पों को सिद्ध करने के लिए पूरे सामर्थ्य के साथ अग्रदूत बनकर आपके साथ खड़ी है।

पीएम ने कहा कि आज जो समय है इसको हमें गंवाना नहीं चाहिए। भारत की समृद्धि में दुनिया की समृद्धि निहित है। भारत के उज्जवल भविष्य में दुनिया के उज्जवल भविष्य की गारंटी है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का रिमोट से बटन दबाकर उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री ने देश का ग्रोथ इंजन बन रहे उत्तर प्रदेश की शानदार प्रगति यात्रा पर प्रदर्शित शाॅर्ट फिल्म का भी अवलोकन किया।

डंके की चोट पर नई पहचान बनाई यूपी ने : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश दुनिया से आए निवेशकों, उद्यमियों, नीति निर्माताओं, विचारकों के सामने उत्तर प्रदेश की पूर्व और वर्तमान छवि का शाब्दिक चित्रण भी किया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की धरती अपने सांस्कृतिक वैभव, गौरवशाली इतिहास और समृद्ध विरासत के लिए जानी जाती है। इतना सामर्थ्य होने के बावजूद यूपी के साथ कुछ बातें जुड़ गई थीं। लोग कहते थे कि यूपी में विकास होना मुश्किल है। यहां कानून व्यवस्था सुधरना नामुमकिन है। उत्तर प्रदेश बीमारू राज्य कहलाता था। यहां आए दिन हजारों करोड़ के घोटाले होते थे। हर कोई यूपी से अपनी उम्मीदें छोड़ चुका था। लेकिन, सिर्फ पांच-छह साल के भीतर यूपी ने अपनी एक नई पहचान स्थापित कर ली है और डंके की चोट पर स्थापित कर ली है। अब यूपी को सुशासन से और गुड गवर्नेंस से पहचाना जा रहा है। अब यूपी की पहचान बेहतर कानून व्यवस्था, शांति और स्थिरता के लिए है। अब यहां वेल्थ क्रिएटर्स के लिए नित नए अवसर बन रहे हैं।

यूपी में नजर आ रहे हैं आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के परिणाम : पीएम मोदी ने कहा कि बीते कुछ वर्षों में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए उत्तर प्रदेश की जो पहल है, उसके परिणाम नजर आ रहे हैं। बिजली से लेकर कनेक्टिविटी तक हर क्षेत्र में सुधार आया है। बहुत जल्द यूपी देश के उस इकलौते राज्य के तौर पर भी जाना जाएगा जहां पांच इंटरनेशनल एयरपोर्ट हैं। डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से यूपी सीधे समुद्र से जुड़ रहा है। गुजरात और महाराष्ट्र के पोर्ट से कनेक्ट होता जा रहा है।

यूपी में एजुकेशन और स्किल डेवलपमेंट पर प्रशंसनीय कार्य : पीएम मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में एक और विषय पर बहुत प्रशंसनीय काम हुआ है। यह काम एजुकेशन और स्किल डेवलपमेंट से जुड़ा है। महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय, अटल बिहारी वाजपेयी हेल्थ यूनिवर्सिटी, राजा महेंद्र प्रताप सिंह यूनिवर्सिटी, मेजर ध्यान चंद स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी ऐसे अनेक संस्थान अलग-अलग स्किल्स के लिए युवाओं को तैयार करेंगे। स्किल डेवलपमेंट मिशन के तहत अभी तक यूपी के 16 लाख से अधिक युवाओं को अलग-अलग स्किल्स में प्रशिक्षित किया गया है। यूपी सरकार ने पीजीआई लखनऊ, आईआईटी कानपुर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़े कोर्स भी शुरू किए हैं। उत्तर प्रदेश के लिए बड़े गर्व की बात है कि नैक मूल्यांकन में इस बार उत्तर प्रदेश के चार विश्वविद्यालयों ने हिंदुस्तान को अपना लोहा मनवा दिया। इस उपलब्धि के लिए राज्यपाल और शिक्षा जगत से जुड़े लोगों को बधाई दी। साथ ही कहा कि देश के स्टार्टअप रिवैल्युएशन में यूपी की भूमिका लगातार बढ़ रही है। आने वाले कुछ वर्षों में 100 इनक्यूबेटर और 33 स्टेट ऑफ द आर्ट सेंटर को स्थापित करने का लक्ष्य यूपी सरकार ने रखा है। यानी यहां आने वाले निवेशक को कुशल व योग्य युवाओं का बहुत बड़ा पूल भी मिलने जा रहा है।

सरकारी सोच और अप्रोच में आया बदलाव : प्रधानमंत्री ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ यूपी में सरकारी सोच और एप्रोच में, ईज आफ डूइंग बिजनेस के लिए सार्थक बदलाव आया है। आज यूपी एक आशा, एक उम्मीद बन चुका है।

फास्टेस्ट ग्रोइंग इकोनॉमी बना भारत : पीएम मोदी ने कहा कि आज सभी इंडस्ट्री के दिग्गज यहां हैं। इनमें से अधिकतर को एक लंबा अनुभव भी है। दुनिया की वर्तमान स्थिति भी इन सभी से छुपी नहीं है। वे भारत की इकोनॉमी, आज के सामर्थ्य, यहां के माइक्रो इकोनॉमिक फंडामेंटल को भी बहुत बारीकी से देख रहे हैं। ‘पैंडेमिक’ और ‘वार’ के शॉक से बाहर निकलकर भारत फास्टेस्ट ग्रोइंग इकोनामी बना है। आज दुनिया की हर क्रेडिबल वॉयस यह मानती है कि भारत की अर्थव्यवस्था ऐसे ही तेजी से आगे बढ़ते रहेगी। वैश्विक संकट के इस दौर में भारत ने न सिर्फ रेडीनेस दिखाया बल्कि रिकवरी भी उतनी ही तेजी से की। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है भारतीयों का खुद पर बढ़ता भरोसा, खुद पर आत्मविश्वास।

नागरिकों की आकांक्षा, जल्द से जल्द विकसित हो भारत : प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत के युवाओं की सोच में, भारत के समाज की सोच और एस्पिरेशंस (आकांक्षाओं) में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। आज भारत का हर नागरिक ज्यादा से ज्यादा विकास होते देखना चाहता है। वह अब वह भारत को जल्द से जल्द विकसित होते देखना चाहता है। भारत के समाज की आकांक्षाएं आज सरकारों को भी पुश रही है, आगे बढ़ा रही है। और यही आकांक्षा विकास के कार्यों में भी गति ला रही है।

पीएम मोदी ने सभी उद्यमियों, निवेशको का आह्वान करते हुए कहा कि पूरे भारत की तरह ही आज यूपी में एक बहुत बड़ी एस्पिरेशनल सोसाइटी (आकांक्षात्मक समाज) आपका इंतजार कर रही है। आज भारत में सोशल, फिजिकल और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर पर जो काम हुआ है, उसका बड़ा लाभ यूपी को भी मिला है। इस कारण आज यहां समाज सामाजिक और वित्तीय रूप से बहुत अधिक समावेशी हो चुका है, कनेक्टेड हो चुका है।

पीएम मोदी ने कहा कि एक मार्केट के रूप में भारत अब गंभीर हो रहा है। सरकारी प्रक्रियाएं भी सरल हो रही हैं। आज भारत ‘आउट ऑफ कंपल्शन’ नहीं बल्कि ‘आउट आफ कनविक्शन’ रिफॉर्म करता है। यही कारण है कि भारत 40 हजार से अधिक कम्प्लायंसेज को खत्म कर चुका है। दर्जनों पुराने कानूनों को खत्म कर चुका है। भारत सही मायने में ‘स्पीड’ और ‘स्केल’ के रास्ते पर चल पड़ा है। एक बहुत बड़े वर्ग की बुनियादी जरूरतों को हमने पूरा कर लिया है। इसलिए वह एक लेवल ऊपर की सोचने लगा है, आगे की सोचने लगा है। यही भारत पर भरोसे का सबसे बड़ा कारण है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ दिन पहले भारत सरकार का जो बजट आया है उसमें भी आपको कमिटमेंट साफ-साफ दिखेगा। आज इंफ्रास्ट्रक्चर पर रिकॉर्ड खर्च सरकार कर रही है और हर वर्ष इसको हम बढ़ा रहे हैं। इसलिए आज आपके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर में इन्वेस्टमेंट के नए मौके बन रहे हैं। आज आपके लिए हेल्थ, एजुकेशन, सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर में इन्वेस्टमेंट के अनेक अवसर हैं।

मिशन ग्रीन हाइड्रोजन बुलंद इरादा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा ग्रीन ग्रोथ के जिस रास्ते पर भारत चल पड़ा है उसमें तो वह निवेशकों, उद्यमियों को विशेष रूप से आमंत्रित कर रहे हैं। इस वर्ष के बजट में 35000 करोड़ रुपये सिर्फ एनर्जी ट्रांजिशन के लिए रखे गए हैं। यह दिखाता है कि भारत का इरादा क्या है। मिशन ग्रीन हाइड्रोजन इसी इरादे को बुलंद करता है।

नई वैल्यू और सप्लाई चेन का चैंपियन बनकर उभरा यूपी : पीएम ने बताया कि इस बजट में ग्रीन ग्रोथ से जुड़ा पूरा इकोसिस्टम विकसित करने के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की ट्रांसफॉरमेशन के लिए एक नई सप्लाई और वैल्यू चेन विकसित कर रहे हैं। नई वैल्यू और सप्लाई चेन विकसित करने के लिए यूपी आज एक नया चैंपियन बनकर उभर रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि परंपरा और आधुनिकता से जुड़े उद्योगों का, एमएसएमई का एक बहुत ही सशक्त नेटवर्क आज उत्तर प्रदेश में वाइब्रेट है। यहां भदोही के कालीन और बनारसी सिल्क है। भदोही कारपेट क्लस्टर और वाराणसी सिल्क क्लस्टर भी है और उसकी वजह से यूपी भारत का टेक्सटाइल हब है। आज भारत के कुल मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में 60 प्रतिशत से भी ज्यादा मोबाइल अकेले उत्तर प्रदेश में होता है। मोबाइल कम्पोनेंट की सबसे ज्यादा मैन्युफैक्चरिंग भी यूपी में ही होती है।

मेड इन इंडिया डिफेंस इक्विपमेंट की निरंतर बढ़ रही मांग : पीएम मोदी ने आज देश के दो डिफेंस कॉरिडोर में से एक यूपी है। यहां डिफेंस कॉरिडोर पर तेजी से काम चल रहा है। आज मेड इन इंडिया डिफेंस इक्विपमेंट की मांग निरंतर बढ़ रही है। भारतीय सेना को भी हम अधिक से अधिक मेड इन इंडिया डिफेंस सिस्टम, डिफेंस प्लेटफॉर्म देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस महान काम का नेतृत्व इसी लखनऊ की धरती के हमारे ऐसे कर्मवीर राजनाथ सिंह जी कर रहे हैं। ऐसे समय में जब भारत एक वायब्रेंट डिफेंस इंडस्ट्री का विकास कर रहा है तो फर्स्ट मूवर एडवांटेज आपको जरूर लेना चाहिए।

यूपी में डेरी, फिशरीज, फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में अनेक संभावनाएं : प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में यूपी डेरी, फिशरीज, एग्रीकल्चर फूड फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में अनेक संभावनाएं हैं। फल और सब्जियों को लेकर उत्तर प्रदेश में बहुत विविधता है। यह एक ऐसा सेक्टर है जिसमें अभी भी प्राइवेट सेक्टर की हिस्सेदारी बहुत सीमित है। उन्होंने बताया कि फूड प्रोसेसिंग के लिए प्रोडक्शन लिंक इंसेंटिव स्कीम लाई गई। इसका लाभ जरूर उठाना चाहिए। कहा कि आज सरकार का यह प्रयास है प्राइमरी इनपुट से लेकर पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट तक एक आधुनिक व्यवस्था किसानों के लिए बने। छोटे इन्वेस्टर्स, एग्री इंफ्रा फंड का उपयोग कर सकते हैं। इसी प्रकार देशभर में बहुत बड़ी भंडारण क्षमता विकसित करने के लिए बजट में प्रावधान कर दिया गया है। यह भी छोटे निवेशकों के लिए बहुत बढ़िया मौका है।

प्राकृतिक खेती से फसल लागत घटाने पर सरकार का ध्यान : प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार का फोकस फसल विविधीकरण पर है। छोटे किसानों को ज्यादा साधन देने और उनकी फसल लागत घटाने पर है। इसलिए नेचुरल फार्मिंग (प्राकृतिक खेती) की तरफ हम तेजी से बढ़ रहे हैं। यहां यूपी में गंगा के किनारे दोनों तरफ पांच किलोमीटर क्षेत्र में नेचुरल फार्मिंग शुरू हो गई है। इस वर्ष के बजट में किसानों की मदद के लिए 10,000 बायोइन्फो रिसोर्ट सेंटर बनाने की घोषणा की गई है। यह नेचुरल फार्मिंग को और अधिक प्रोत्साहित करेगा। इसमें भी प्राइवेट इन्वेस्टर्स के लिके इन्वेस्टमेंट की अनेक संभावनाएं हैं।

श्रीअन्न के रूप में विश्व बाजार में होगी मिलेट्स की नई पहचान : प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के नेतृत्व में मोटा अनाज कहे जाने वाले मिलेट्स को लेकर नया वैश्विक दौर शुरू हुआ है। विश्व बाजार में उसकी एक पहचान बने इसके लिए सरकार ने बजट में मिलेट्स को एक नया नाम दिया है, श्रीअन्न। यह श्री अन्न में पोषक तत्व बहुत अधिक हैं। यह सुपरफूड है। जैसा श्रीफल का महात्म्य है, वैसा ही श्रीअन्न का महात्म्य बनने वाला है। यह प्रयास है भारत का मिलेट्स वैश्विक पोषण सुरक्षा को नेतृत्व दे। उन्होंने कहा कि दुनिया इस वर्ष को इंटरनेशनल ईयर आफ मिलेट्स के रूप में भी मना रही है इसलिए एक तरफ हम किसानों को श्रीअन्न के उत्पादन के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ इसके लिए ग्लोबल मार्केट का भी विस्तार कर रहे हैं। फूड प्रोसेसिंग सेक्टर से जुड़े लोग, रेडी टू ईट, रेडी टू कुक से जुड़े लोग श्रीअन्न के प्रोडक्ट में संभावनाएं तलाश सकते हैं और मानव जाति बड़ी सेवा भी कर सकते हैं।