अंततः भाजपा ने बैजनाथ रावत को ही चुना

यूपी में अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग का गठन रावत की नियुक्ति के लिए योगी सरकार को अधिकतम उम्र सीमा में छूट के लिए अध्यादेश लाना पड़ा यूपी सरकार ने इस आयोग में दो उपाध्यक्ष और 16 सदस्यों को भी शामिल किया है

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लखनऊ। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद, विधायक व राज्यमंत्री रहे 70 वर्षीय बैजनाथ रावत को अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग का अध्यक्ष बना दिया गया है। कुछ समय तक उनकी उम्र को लेकर विवाद हुआ। ऐसे में सरकार को अधिकतम उम्र सीमा में छूट के लिए अध्यादेश लाना पड़ा।

इस नियुक्ति के संकेत साफ है कि बैजनाथ रावत पार्टी के लिए महत्वपूर्ण हैं। इस चयन को आने वाले विधानसभा उपचुनाव से पहले यूपी सरकार की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। ताकि पिछली लोकसभा के परिणामों की पुनरावृत्ति न हो सके। उल्लेखनीय है कि पिछले लोकसभा चुनाव में दलितों की कथित नाराजगी के चलते भाजपा को यूपी में अपेक्षित परिणाम नहीं मिल पाया था। उसकी सीटें 62 से गिरकर 33 पर आ गई थीं। इसके चलते केंद्र की मोदी सरकार फिलहाल दो बैसाखियों जदयू और टीडीपी पर निर्भर है।

आसन्न उपचुनाव से पहले बैजनाथ रावत की नियुक्ति को भाजपा की एक सोची-समझी रणनीति माना जा रहा है। पार्टी के लिए यह नियुक्ति कई मायनों में महत्वपूर्ण है। ये अनुसूचित जाति एवं जनजाति को पार्टी के प्रति आकर्षित करने का प्रयास है। साथ ही बैजनाथ रावत की सादगी और ईमानदारी का उपयोग कर जनता से सीधे जुड़ने की कोशिश भी है। श्री रावत ने अपनी नियुक्ति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व सीएम योगी आदित्यनाथ का आभार प्रकट किया है। उन्होंने कहा है कि सरकार ने जो जिम्मेदारी मुझे सौंपी है, उसे पूरी निष्ठा के साथ निभाऊंगा। और समाज के हर व्यक्ति को न्याय दिलाने के लिए तत्पर रहूंगा।

सनद रहे कि करीब दो साल बाद आयोग के ये पद भरे गए हैं। अगस्त में ही इन पदों पर तैनाती दे दी गई थी, लेकिन कई सदस्यों की उम्र 65 वर्ष से अधिक होने पर अधिसूचना जारी नहीं हो सकी। फिर प्रदेश सरकार उम्र की बाध्यता खत्म करने के लिए अध्यादेश ले आयी। उसके बाद पहले वाली सूची को ही जारी कर दिया गया। इसमें सिर्फ अजय कोरी का नाम नहीं है, क्योंकि चयन प्रक्रिया के दौरान ही उनका निधन हो गया था।

आयोग में अध्यक्ष बैजनाथ रावत के अलावा दो उपाध्यक्ष और 16 सदस्य भी शामिल किए गए हैं। आयोग के अध्यक्ष बैजनाथ रावत बाराबंकी जिले के निवासी हैं। पूर्व विधायक व गोरखपुर निवासी बेचन राम और सोनभद्र के जीत सिंह खरवार आयोग के उपाध्यक्ष होंगे। इसके अलावा 16 सदस्य भी नामित कि गए हैं। इनमें मेरठ के हरेंद्र जाटव व नरेंद्र सिंह खजूरी, सहारनपुर के महिपाल वाल्मीकि, बरेली के संजय सिंह व उमेश कठेरिया, आगरा के दिनेश भारत, हमीरपुर के शिव नारायण सोनकर, औरेया की नीरज गौतम, लखनऊ के रमेश कुमार तूफानी, आजमगढ़ के तीजाराम, मऊ के विनय राम, गोंडा की अनिता गौतम, कानपुर के रमेश चंद्र, भदोही के मिठाई लाल, कौशाम्बी के जितेंद्र कुमार और अंबेडकरनगर की अनिता कमल शामिल हैं।

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 200 के तहत उत्तर प्रदेश में अधिनियम संख्या 16/1995 के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग का गठन किया गया था। इसकी स्थापना 8 अगस्त 1994 से मानी गयी। परंतु आयोग जून 1995 से कार्यरत है।

गौरव शुक्ल
वरिष्ठ पत्रकार