लखनऊ/प्रयागराज। महाकुंभ में पहुंचे किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत योगी आदित्यनाथ की सरकार से काफी प्रसन्न दिखे। टिकैत महाकुंभ की व्यवस्थाओं से इतना खुश दिखे कि आलोचना करने वाले सपा नेता अखिलेश यादव को आड़े हाथों भी लिया। उन्होंने कहा कि व्यवस्थाएं बहुत अच्छी हैं, आप भी संगम स्नान का पुण्य प्राप्त कीजिए।
महाकुंभ में संगम स्नान के लिए पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि यदि अखिलेश यादव को लगता है कि अगर यहां भीड़ नहीं है तो आप भीड़ भेज दें, यार रेल फ्री है, बस फ्री है। यहां के लिए टोल फ्री है, जो आना चाहे आ जाए। टिकैत ने कहा कि लोगों को राजनीति को दूर रखकर यहां आना चाहिए। साथ ही जो गंगा में डुबकी लगाए, वह नशा छोड़कर जरूर जाए। सभी के लिए संदेश है कि इस महाकुंभ से बुराई का त्याग करके जाएं।
उल्लेखनीय है कि प्रयागराज में संगम तट पर 13 जनवरी से विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन महाकुंभ शुरू है। संगम में लाखों श्रद्धालु भक्ति भाव के साथ आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। संगम में स्नान के बाद राकेश टिकैत ने मीडिया से भी बात की। श्री टिकैत ने महाकुंभ में साफ-सफाई और अच्छी सुरक्षा-व्यवस्था मुहैया कराने पर योगी की तारीफ की और सफाई कर्मचारियों को धन्यवाद दिया।
दरअसल समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कुछ दिन पहले महाकुंभ के आयोजन को लेकर योगी सरकार की व्यवस्था पर सवाल उठाए थे। साथ ही महाकुंभ की भीड़ को लेकर सरकारी आंकड़े पर भी सवाल पूछा था। उन्होंने कहा था कि सरकार का हर आंकड़ा फर्जी है। कुछ ट्रेनें खाली जा रही हैं। सुनने में आया है कि गोरखपुर वाली ट्रेन भी खाली गई है। उन्होंने दावा किया था कि उनकी सरकार में कुंभ का आयोजन कम खर्चे में और अच्छा हुआ। अखिलेश ने यह भी कहा था कि गंगा में ड्रेजर मशीन लगाकर पर्यावरण से खिलवाड़ किया जा रहा है।
प्रयागराज से परहेज़ पर हरिद्वार में लगाई डुबकी : हालांकि अखिलेश यादव ने बीते दिनों मकर संक्रांति पर हरिद्वार पहुंच कर गंगा में डुबकी लगाई थी। उन्होंने ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर स्नान की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा था कि मकर संक्रांति के पावन पर्व पर लिया मां गंगा का आशीर्वाद। इसके बाद मीडिया से बात करते हुए अखिलेश ने कहा था कि कोलकाता तक गंगा बहती है, जो गंगा में जहां डुबकी लगाना चाहे वहां लगा सकता है। सभी जगह का अपना महत्व है। वहीं प्रयागराज जाने के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि संगम तब जाएंगे, जब मां गंगा बुलाएंगी। परंतु वे इसके साथ पवित्र यमुना और गुप्त सरस्वती नदियों का नाम लेना भूल गए।
अभयानंद शुक्ल
राजनीतिक विश्लेषक