हकलाना एक गंभीर बीमारी, पाएं ऐसे निजात

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हकलाना एक ऐसी समस्या है जो शर्मिंदगी के साथ-साथ बहुत बार कैरियर में रुकावट का कारण बन जाती है। हकलाने के स्थाई निदान पर केंद्रीय आयुष मंत्रालय भारत सरकार के बोर्ड मेंबर और श्रीनाथ आयुर्वेद चिकित्सालय भगवत दास घाट कानपुर के मुख्य चिकित्सक डॉक्टर रवींद्र पोरवाल ने बहुत ही सटीक लाभकारी जानकारी दी है।

क्या है हकलाना : यह समस्या महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में ज्यादा पाई जाती है। सामान्य रूप से बोलने पर बार-बार अटकना, शब्द के उच्चारण में ज्यादा जोर लगाना और बोलने पर एक प्रकार की अनैच्छिक रुकावट ही हकलाना है। इससे पीड़ित कई कई बार बोलने की कोशिश करता है किंतु स्पष्ट कहने में असमर्थ रहता है।

समस्या के प्रमुख कारण
1. जीभ व तालु का सामान्य से मोटा होना और जीभ का पीछे की ओर चिपका होना।
2. बोलने में अनावश्यक जल्दवाजी करना।
3 सेरेब्रल पाल्सी या अन्य अनुवांशिक बीमारियां हकलाने का कारण बन सकती हैं।
4. मनोवैज्ञानिक कारण जैसे घृणा, गुस्सा, अत्यधिक तनाव, कलह पूर्ण पारिवारिक वातावरण, ज्यादा खुशियां और उत्साह भी हकलाने का कारण बन सकता है।
5. न्यूरोमस्कुलर समस्याएं मस्तिष्क के बाएं हिस्से की तंत्रिका में दोष होने पर भी हकलाना संभव है।
6. हमेशा उधेड़बुन में रहना उत्साहहीनता और हीन भावना से ग्रसित होने पर भी ऐसी दिक्कत सामने आती है।
7. कुछ विशेष अक्षर व शब्दों के प्रति संवेदनशीलता भी एक कारण बन जाती है।
8. सामाजिक गतिविधियों से दूरी एकाकी शर्मिला स्वभाव अत्यधिक शांत प्रकृति भी हकलाने के लिए जिम्मेदार हो सकती है।
9. अपेक्षा से अधिक धन उच्चपद आदि मिलने पर भी घुलने मिलने, बात करने और बोलने में घबराहट के कारण हकलाहट शुरू हो जाती है।

कैसे पाएं छुटकारा
1 भ्रमरी प्राणायाम सर्वांगासन धनुरासन पश्चिमोत्तानासन और सिंहासन का दो-दो मिनट सांस को सामान्य रखकर प्रतिदिन अभ्यास करें। इसके साथ साथ कुछ मिनट तक हार्टफूलनेस मेडिटेशन बहुत लाभदाई है।
2. कठिन और स्पष्ट ना बोल पाने वाले शब्दों का घर पर शीशे के सामने बोलने का प्रयास करें।
3. मित्रों परिवारीजनो के टोकने या उपहास करने पर खुद पर संयम रखें और मन ही मन सुधार का संकल्प ले।
4. आत्म चिंतन और आत्म विश्लेषण हकलाहट का सशक्त उपचार है। स्पीच थेरेपी भी मददगार होती है।

आयुर्वेदिक उपचार : प्रातः एवं साईं काल सारस्वत चूर्ण का सेवन रामबाण उपाय है। रात को पानी में भीगे हुए बादाम अखरोट (छिलका निकाल कर) और खरबूजा के बीजों को चबा चबा कर खाएं। ऊपर से गुनगुना दूध पी ले। हकलाने की समस्या में पहले सप्ताह से ही सुधार शुरू हो जाएगा। अमलतास का एक चम्मच गूदा और पिसी हुई हरी धनिया को गुनगुने गर्म पानी में घोलकर धीरे-धीरे कुल्ला करें इससे बहुत फायदा होगा।