सेबी ने पकड़ा जीटीवी के सुभाष चंद्रा के बेटे अमित का 4 अरब का फ्राॅड

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ज़ीटीवी के सुभाष चंद्र के बेटे अमित का 4 अरब का फ्राॅड सेबी ने पकड़ा.. प्रख्यात मीडिया ज़ीटीवी और एस्सेल ग्रुप के प्रमोटर सुभाष चन्द्र के बेटे अमित गोयनका का 405 करोड़ रुपए का फ्राॅड पकड़ में आया है। अमित ने बहुत ही शातिराना तरीके से गोल्ड रिफाइनरी और दुबई तथा माली में अपनी फर्मों के जरिए सोना और ज्वैलरी के कारोबार में लिप्त कंपनी शिरपुर गोल्ड रिफाइनरी लिमिटेड में फर्जीवाड़ा किया। यह कंपनी बीएसई और एनएसई दोनों में सूचीबद्ध है।

शेयर बाजार नियामक सेबी द्वारा कराई गई जांच में (फोरेंसिक आडिट भी कराया गया) फ्राॅड का खुलासा हुआ। नियामक ने 25 अप्रैल को अपने अंतरिमआदेश में अमित गोयनका समेत सभी छह प्रमोटरों पर शिरपुर गोल्ड रिफाइनरी के वो शेयर बेंचने पर रोक लगा दी है। यद्यपि सेबी ने ऐसा कोई खुलासा नहीं किया है लेकिन कार्पोरेट सूत्रों का कहना है कि सीधा-सीधा यह मनी लांड्रिंग का मामला है, ईडी से इसकी जांच कराई जानी चाहिए। मुंबई हाईकोर्ट ने अमित गोयनका की सेबी आदेश के विरुद्ध अर्जी स्वीकार करने से मना कर दिया है।

शिरपुर गोल्ड रिफाइनरी में इसके प्रमोटरों द्वारा की जाने वाली अनियमितताओं की शिकायतें 2021 के शुरू में मिलने पर सेबी ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) को जांच सौंपी थी। अमित गोयनका शिरपुर गोल्ड रिफाइनरी लि.(एसजीआर) के चेयरमैन हैं, इन्हें मिलाकर इनकी फेमिली (पुनीत गोयनका, सुशीला गोयनका, श्रेयसी गोयनका, नव्यता गोयनका) के पास इस कंपनी के 72.17 प्रतिशत से अधिक शेयर थे। कंपनी के शेयर एनएसई और बीएसई दोनों में सूचीबद्ध हैं। यह कंपनी सोना, स्वर्ण आभूषणों का बिज़नेस करती थी। अमित गोयनका दुबई में शिरपुर गोल्ड डीएमसीसी, पापुआ न्यूगिनी में प्रीशिअस मेटल्स माइनिंग ऐंड रिफानिंग लि.और बोमाको, माली में मेटलिक एक्सप्लोरेशन ऐंड माइनिंग नाम की अपनी सब्सिडियरियों के जरिए सोना आयात और आभूषणों का निर्यात बिज़नेस करते थे।

शिरपुर गोल्ड (एसजीआर) की पेड अप शेयर पूंजी 29.13 करोड़ रुपए ‌थी, इसने कारोबारी उद्देश्य से बैंकों और वित्तीय संस्थानों से जो कर्ज़ लिया था अमित गोयनका ने उसे अवैधानिक तरीके से अपनी अन्य ग्रुप कंपनियों के जरिए अपने फेमिली मेंबर्स के खातों में 405 करोड़ रुपए ट्रांसफर कराया जिसका पर्दाफाश फोरेंसिक ऑडिट में हुआ, गोयनका ने अपनी ग्रुप कंपनियों जयनीर इंफ्रापावर, चुरू इंटरप्राइज़ेज़ एलएलपी, वर्ल्ड क्रेस्ट एडवायज़र्स एलएलपी, प्रजातमा इंटरप्राइज़ेज़ एलएलपी, बालमुख गोल्ड ज्वेल, मैजिक स्टोन ट्रेडर्स और अल्ट्रारेक्स ट्रेडर्स के बैंक खातों के जरिए ये हेराफेरी की। गोयनका ने जांच टीम को गुमराह भी खूब किया।

एसजीआर ने 2028-19 में 1895 करोड़ रुपए के कारोबार पर 2.75 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ दर्शाया, 2029-20में 542 करोड़ रुपए के कारोबार पर 147 करोड़ रुपए का घाटा दिखाया। इस कंपनी ने फरवरी 2020 में कारोबार बंद कर दिया। वर्ष 2020-21और 2021-22 में कारोबार शून्य रहा और घाटा क्रमशः 258 करोड़ और 119 करोड़ दर्शाया गया। अमित गोयनका ने सुनियोजित वित्तीय साजिश के तहत एसजीआर के अधिकांश शेयर 55-63 रुपए के भाव पर बेंचकर प्राप्त रकम को अपने फेमिली मेंबर्स के खातों में ट्रांसफर कर दिया।

नतीजतन खोखली कंपनी के शेयर का भाव लुढ़ककर 5-7रुपए पर रह गया। यह करने के साथ ही बीएसई और एनएसई को सालाना लिस्टिंग फीस का भी भुगतान नहीं जिससे दोनों स्टाॅक एक्सचेंजों में एसजीआर की ट्रेडिंग सस्पेंड कर दी गई। जांच रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अश्वनी भाटिया ने 25 अप्रैल को स्टाॅक एक्सचेंजों, डिपाजिटरी पार्टिसिपेंट्स और शेयर रजिस्ट्रार को अपनेअंतरिम आदेश का पालन करते हुए अमित गोयनका सहित सभी फेमिली मेंबर्स पुनीत गोयनका, सुशीला गोयनका, श्रेयसी गोयनका, नव्यता पर अगला आदेश आने तक एसजीआर के शेयर बेंचने पर प्रतिबंध लगा दिया है।

प्रणतेश बाजपेयी