देश के सबसे बड़े भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) पर भारतीय रिज़र्व बैंक ने 2 करोड़ रु का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना अपने कर्मचारियों को पारिश्रमिक का भुगतान करने में नियमों का पालन नहीं करने पर लगाया गया है। भारतीय स्टेट बैंक पर पहले भी सेबी और भारतीय रिज़र्व बैंक कई बार जुर्माना ठोक चुके हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने पहले तो कर्मचारियों और बैंक प्रबंधन के बीच हुए पत्राचार की पड़ताल की, बैंक को कारण बताओ नोटिस जारी किया। तत्पश्चात बैंक का पक्ष सुनने के बाद बीते दिन 2 करोड़ रु जुर्माना लगाया। इसके पहले एनपीए से संबंधित रिज़र्व बैंक के दिशा निर्देशों का उल्लंघन करने पर 2019 में 7 करोड़ रु का जुर्माना ठोका था। विजय माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस द्वारा की गई धोखाधड़ी मामले की सूचना देने में नियमों का पालन नहीं किया था।
इस पर रिज़र्व बैंक ने 2018 अगस्त में एसबीआई पर 50 लाख रु का जुर्माना लगाया था। किंगफिशर एयरलाइंस मामले में ही बैंक आॅफ बड़ौदा और पंजाब नेशनल बैंक सहित कुल आठ बैंकों पर रिजर्व बैंक ने जुर्माना लगाया था। केवाईसी नियमों और धनशोधन (मनीलांड्रिंग) नियमों के उल्लंघन पर भी रिज़र्व बैंक ने एसबीआई को दंडित किया था।
यूटीआई म्युचुअल फंड से जुड़े मामले में शेयर बाजार विनियामक सेबी ने एसबीआई पर जुर्माना लगाया था। बैंक ने सेबी के आदेश के खिलाफ न्यायाधिकरण में अपील की थी। जिसमें सेबी के आदेश को खारिज कर दिया गया था। सेबी ने न्यायाधिकरण के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने न्यायाधिकरण (एसएटी) के फैसले को खारिज कर दिया है।
प्रणतेश नारायण बाजपेयी