कोविड वस्तुओं पर राहत, जीएसटी के दायरे में आएगा पेट्रोलियम

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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज जीएसटी परिषद की लंबी चली बैठक की अध्यक्षता करते हुए कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने कोविड संबंधित वस्तुओं और ब्लैक फंगस की दवा  एंफोटेरिसिन बी पर एकीकृत जीएसटी दरों पर 31 अगस्त तक तथा राहत वस्तुओं के आयात की छूट 31 अक्टूबर तक देने की घोषणा की। जीएसटी रिटर्न देर से दाखिल करने वाले करदाताओं को लेट फीस में राहत देने का निर्णय किया है। इन वस्तुओं पर और कर छूट देने की जरूरत का आकलन करने के लिए जीओएम का गठन शीघ्र किया जाएगा, जो अपनी संस्तुति रिपोर्ट 8 जून तक परिषद को सौंप देगा।

उन्होंने बताया कि पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाने की योजना पर काम चल रहा है।इस बैठक का अरसे से इंतजार किया जा रहा था। वित्त मंत्री ने पूरे 234 दिनों के बाद आज परिषद की 43 वीं बैठक की, 42 वीं बैठक 2020, 5अक्टूबर को हुई थी। निर्धारित समय से अधिक देर तक वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए चली बैठक के बाद मीडिया को बताया कि स्टेट अथाॅरिटी से संस्तुति प्राप्त करने के बाद खरीद करने, किसी राहत एजेंसी अथवा सरकार को दान स्वरूप सौंपने के उद्देश्य से खरीदी या आयात की गई कोविड संबंधित वस्तुओं पर एकीकृत जीएसटी से 31अगस्त (2021) तक छूट मिलेगी।

ब्लैक फंगस की दवा ‘एंफोटेरिसिन बी’ को भी कर छूट की श्रेणी में शामिल कर लिया गया है। जीएसटी रिटर्न दाखिल करने में विलम्ब पर लेट फीस में भी करदाताओं को रियायत मुहैया कराई जाएगी। इस निर्णय से 89 फीसद करदाताओं, खास तौर से छोटे करदाताओं को राहत मिलेगी। बताते चलें कि राजस्थान सरकार की पहल पुडुचेरी और आठ राज्यों के वित्त मंत्रियों ने जीएसटी परिषद की बैठक से एक दिन पूर्व 27 मई को आपसी वर्चुअल बैठक में संयुक्त रूप से तय कर लिया था कि वे बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री से कोविड से संबंधित सभी आवश्यक वस्तुओं को टैक्स मुक्त करने मांग पूरी जोरदारी के साथ करेंगे।

केंद्र सरकार कोविड वैक्सीन पर 5 फीसद, रेमिडिविर सहित अन्य कोविड दवाओं, टेस्टिंग किट, पीपीई किट, आॅक्सीजन कंसंट्रेटर, वेंटिलेटर और हैंडसेनिटाइज़र (एल्कोहल आधारित) पर 12 फीसद की दर से जीएसटी वसूल कर रही है।

इस बैठक में असम की नई वित्तमंत्री अजंता नियोग, बिहार के तारकिशोर प्रसाद, केरल के के एन बालागोपाल, पुडुचेरी के सीएम एन रंगासामी, तमिलनाडु के पलनिवेल त्यागराजन और पंजाब के मनप्रीत सिंह बादल सहित छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और राजस्थान के समकक्ष शामिल हुए थे।

यह भी तय किया गया कि केंद्रीय वित्त मंत्री से राज्यों का बकाया जीएसटी भुगतान तुरंत कराने की मांग की जाएगी। राज्य पिछले साल से कई बार इसका भुगतान कराने मांग कर भी चुके हैं। राज्यों के जीएसटी अंश का 63000 करोड़ रु का भुगतान केंद्र ने अभी तक नहीं किया। इससे राज्यों को वित्तीय समस्याओं से जूझना पड़ रहा है।

चालू वित्तीय वर्ष में जीएसटी संग्रह में 2.69 लाख करोड़ रु की कमी रहने का अनुमान है। 2021, 31 मार्च को समाप्त वित्तीय वर्ष में शुरू के पांच महीनों में जीएसटी संग्रह में लगातार गिरावट आई। सितंबर से सुधार होने लगा था, अक्टूबर से हर महीने एक लाख करोड़ रु से अधिक संग्रह हुआ और मार्च (2021) में 1.23 लाख से भी ज्यादा का रिकॉर्ड संग्रह किया गया और पूरे वित्तीय वर्ष 2020-21 में 11.36 लाख करोड़ रु से ज्यादा संग्रह हुआ। वसूल की गई यह कर राशि 2019-20 में की गई 12.16 लाख करोड़ रु की वसूली के मुकाबले 79314 करोड़ रु कम है। ‌‌

प्रणतेश नारायण बाजपेयी