रेलवे ने फिर बनाया कोविड देखभाल वाले डिब्बों का बेड़ा

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64000 बिस्तरों के साथ लगभग 4000 कोविड देखभाल वाले डिब्बे देश के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर तैनात किए गए
देश मौजूदा समय में जब कोविड की दूसरी लहर के संकट से जूझ रहा है, तो ऐसे में रेल मंत्रालय कोविड देखभाल आइसोलेशन कोचों की तैनाती की अपनी पहल को फिर से शुरू कर रहा है। रेलवे ने पिछले वर्ष कोविड-19 के प्रारंभिक संकट के समय अतिरिक्त स्वास्थ्य देखभाल सुविधा की इस पहल को शुरू किया था। तैयारियों के एक उपाय के रूप में, कोविड देखभाल डिब्बों को हल्के लक्षणों वाले कोविड रोगियों के आइसोलेशन के लिए अतिरिक्त स्वास्थ्य देखभाल सुविधा प्रदान करने के लिए तैयार किया गया है। इन कोचों को अब उपयुक्तता के साथ मौजूदा गर्मी के मौसम की स्थिति को पूरा करने के लिए कूलर, जूट-मैट से सुसज्जित किया गया है।

 

इस संबंध में, राज्य सरकारों को आइसोलेशन डिब्बों की उपलब्धता और स्थान के बारे में तौर-तरीकों तथा मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) पर सलाह दी गई है। 64000 बिस्तरों के साथ लगभग 4000 कोविड देखभाल वाले डिब्बे, देश के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर तैनात किए गए हैं। जिनमें से कुछ पहले से ही कोविड की पहली लहर में मरीजों की आइसोलेशन की जरूरतों को पूरा कर चुके हैं।

कोविड महामारी से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों में आइसोलेशन कोचो में खासतौर से दिल्ली में, 50 डिब्बे (800 बिस्तर के साथ) शकूरबस्ती स्टेशन पर तैनात किए गए हैं (4 मरीज वर्तमान में भर्ती हैं) और 25 डिब्बे (400 बिस्तर के साथ) आनंद विहार टर्मिनल पर उपलब्ध हैं। महाराष्ट्र के नंदुरबार में 21 डिब्बे (378 बिस्तर के साथ) तैनात हैं और वर्तमान में इन डिब्बों में 55 रोगियों को भर्ती किया गया है। भोपाल स्टेशन पर, 20 डिब्बे तैनात किए गए हैं। पंजाब में तैनाती के लिए 50 डिब्बे तैयार किए गए हैं और 20 डिब्बे जबलपुर में तैनाती के लिये तैयार किए गए हैं।

राज्य सरकारों की मांग पर, ये आइसोलेशन केंद्र हल्के और मध्यम लक्षणों वाले रोगियों की जरूरतों को पूरा करेंगे (जैसा कि राज्य स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा इन सुविधाओं के बारे में निर्देशित किया गया है)। रेलवे इन रोगियों को खानपान व्यवस्था प्रदान करने और इन कोचों में स्वच्छता बनाए रखने के लिए सभी प्रयास कर रही है। राज्य सरकारों के आइसोलेशन डिब्बों के उपयोग के बारे में समय-समय पर अद्यतन के माध्यम से जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।