बीमारी में घटती प्लेटलेट्स पर लगाएं ब्रेक

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त्योहारों के बाद सीजनल बुखार, पेट की बीमारियां ही नहीं आजकल संक्रामक रूप से फैला हुआ डेंगू और रहस्यमय बुखार लोगों के मन में डर पैदा कर रहा है.. भय पैदा कर रहा है। केंद्रीय आयुष मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली के बोर्ड मेंबर और देश के वरिष्ठ आयुर्वेदाचार्य डॉ रविंद्र पोरवाल ने मौसम की इन समस्याओं से निजात पाने के लिए बहुत ही कारगर और प्रभावशाली घरेलू उपाय बताए हैं।

घटती प्लेटलेट्स पर लगाएं ब्रेक : डेंगू या अन्य किसी भी प्रकार के बुखार में जब बुखार उतरने का नाम ना ले कमजोरी बहुत बढ़ जाए और प्लेटलेट्स काउंट निरंतर गिरता चला जाए तो छोटी पीपल, दालचीनी, काली मिर्च और लौंग को बराबर बराबर मात्रा में लेकर पीसकर पाउडर बनाकर शीशी में भरकर रख लें। पपीता, तुलसी और पीपल के पत्तों का काढ़ा बनाइए। आप आधा चम्मच यह चूर्ण शहद के साथ चाट कर ऊपर से गरम गरम यह काड़ा दिन में तीन बार पिलाने से 24 घंटे में प्लेटलेट्स तेजी से बढ़ते हैं और बुखार भी कम हो जाता है। यह प्रयोग कम से कम 5 दिन करने से चमत्कारिक लाभ मिलता है और शरीर की इम्युनिटी इतनी बढ़ जाती है कि भविष्य में भी शरीर जल्दी-जल्दी अस्वस्थ नहीं होता। इस नुस्खे का प्रयोग करते समय दही, मट्ठा, चावल, फ्रिज का ठंडा पानी, कोल्ड ड्रिंक, चाय, कॉफी, जंक फूड, फास्ट फूड, तला हुआ प्याज लहसुन का सेवन ना करें।

बुखार को कहें अलविदा : बुखार जिसमें जांच कराने पर कोई बीमारी सामने नहीं आती है लेकिन मरीज का बुखार उतरने का नाम नहीं लेता। भयंकर कमजोरी, थकान शरीर के एक-एक अंग में भीषण दर्द और आहार के प्रति अरुचि के कारण रोगी बेहाल हो जाता है। इस से मुक्ति पाने के लिए एक बहुत ही लाभकारी उपाय है। आप केली के फूलों को तवे पर भून कर उसकी भस्म बना लें। दो भाग केले के फूल की भस्म एक भाग काली मिर्च और एक भाग लोग का पाउडर लेकर तीनों चीजों को आपस में मिलाकर औषधि बनाए और एक सीसी में रख ले। 2 ग्राम यह औषधि को शहद के साथ सुबह-दोपहर व शाम देने से फेफड़ों से दूषित कफ निकलने लगता है। सर्दी ज़ुकाम और बंद नाक गले की खराश ठीक हो जाते हैं। बुखार पूरी तरह नियंत्रण में आ जाता है और 2 दिन में ही तबीयत में सुधार हो जाता है। इस प्रयोग को कम से कम 5 दिन जरूर करना चाहिए। भले ही बुखार 2 दिन में ही उतर जाए।

कमजोर पाचन शक्ति को करें दुरस्त : त्यौहार के मौसम में तला मसालेदार भोजन और मिठाइयां खूब खाई जाती हैं जो जीभ को तो स्वादिष्ट लगते हैं लेकिन पूरा पाचन तंत्र गड़बड़ा जाता है। अक्सर लोगों को त्यौहार के बाद कब्ज आंतों में मल का सूख जाना, गैस, पेट फूलना और एसिडिटी जैसी समस्याएं बच्चों से लेकर बड़ों तक को दुख देती है। खानपान में बदपरहेजी के बाद होने वाली इन समस्याओं के निवारण के लिए एक दिन केबल जल या फलों को लेकर उपवास रखना चाहिए। अगर संभव हो तो चार-पांच दिनों तक साईं काल भोजन ना लेकर दूध, दलिया, दूध ब्रेड अथवा केवल फल खाकर पेट को आराम देना चाहिए। इसके साथ साथ लगभग 6 सप्ताह तक खाना खाने के बाद गुड और मोटी सौंफ मुंह में रखकर धीरे धीरे इसका अर्क ग्रहण करते रहे और आधा घंटे बाद सौंफ अच्छी तरह चबाकर एक गिलास नींबू पानी के साथ सेवन कर ले।

कब्ज गैस पेट का फूलना स्थाई समाधान : 10 मिली नींबू के रस में 2 ग्राम भुनी हुई हींग और 5 ग्राम काला नमक मिलाकर इसमें 50 ग्राम अंडी के तेल में तली हुई छोटी हरड 24 घंटे के लिए भिगो दें। अगर नींबू का रस कम हो तो थोड़ा सा रस और मिला लीजिए 24 घंटे के बाद हरण को बहुत धीमी आंच पर तवे पर हल्का हल्का सेक कर सुखा लें। इस महा औषधि हरड को एक सीसी में रख ले। पुराने से पुराने पेट रोगी चाहे वह बूढ़े बच्चे या जवान हो सभी लोग खाना खाने के बाद एक या दो हरड को मुंह में रखकर धीरे-धीरे टॉफी की तरह चूसते हुए उसके रस को ग्रहण करे, यह लिवर पेनक्रियाज को ताकत देने के साथ-साथ पेट की अनेकों प्रकार की बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए बहुत कारगर नुस्खा है। इससे खुल कर पेट साफ होता है। आव मरोड़, गैस, भूख की कमी, खाया पिया शरीर में ना लगना आदि समस्याएं पूरी तरह ठीक हो जाती हैं और शरीर में खून का निर्माण तेज होता है। लीवर शक्तिशाली हो जाता है। पाचन तंत्र के लिए यह बहुत चमत्कारी नुस्खा है।

पेट का अल्सर और अम्ल पित्त : अम्लपित्त, पेट में अल्सर के रोगी रात्रि में सोते समय और प्रातः खाली पेट कच्चा जीरा एक चम्मच चबा चबा कर खाएं और जीरा चबाने के बाद 50 ग्राम ठंडे दूध में 50 ग्राम ठंडा पानी मिलाकर पीने से एसिडिटी सीने में जलन, खाना खाने के बाद उल्टी की इच्छा होना या सुबह उठते ही पीला पीला पित्त उल्टी में गिरने की समस्या और पेट का अल्सर पूरी तरह ठीक हो जाती है। इस नुस्खे प्रयोग करते समय तामसिक प्रकृति की चीजें, प्याज लहसुन, हरी मिर्च, लाल मिर्च, गरम मसाला, रिफाइंड ऑयल सेवन से पूरी तरह बचना चाहिए। ताजे फल, ताजे फलों का रस, ठंडा दूध का सेवन हितकारी है लेकिन सभी प्रकार की दाल और आलू का सेवन भी ना करें। मजबूरी बस कभी दाल का सेवन करना पड़े तो नींबू और देसी घी डालकर बिना फ्राई किए हुए दाल का सेवन करना चाहिए। एक आंवला डालकर गाजर का रस दिन में दो बार लेना अत्यंत लाभकारी है। ताजी गुलाब के फूल की पंखुड़ियों को अच्छी तरह धुल कर पीस लें। उसका 10 से 15 मिली रस शहद के साथ या ताजी जल से पीने से एसिडिटी के कारण निस्तेज पीला पीला और आकर्षणहीन चेहरा फिर से युवा आकर्षक हो जाता है और गाल गुलाबी हो जाते हैं।