लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में आपातकालीन ऑक्सीजन की महत्ता को देखते हुए बड़ी पहल की है। प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज, संस्थान और चिकित्सा महाविद्यालय पर अब पल-पल नजर रहेगी। इसके लिए महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण के कार्यालय में 24 घंटे का कंट्रोल रूम स्थापित किया जा रहा है। कंट्रोल रूम से न सिर्फ ऑक्सीजन आपूर्ति पर नजर रखी जाएगी, बल्कि किसी भी प्रकार की आवश्यकता पर तत्काल समाधान कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी ने हाल ही में टीम 11 की समीक्षा बैठक में अस्पतालों में कम से कम 36 घंटे की ऑक्सीजन उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे। सीएम के निर्देश पर चिकित्सा शिक्षा विभाग प्रदेश स्तरीय कंट्रोल रूम शुरू कर रहा है, जिससे प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज, संस्थान और चिकित्सा महाविद्यालय 24 घंटे जुड़ेंगे। कंट्रोल रूम गूगल शीट पर ऑक्सीजन के बारे में सूचना दिन में चार बार अपडेट करेगा।
अस्पताल भी ऑक्सीजन संबंधी सूचना गूगल शीट पर अपडेट करेंगे। ऑक्सीजन आपूर्ति में आने वाली दिक्कतों के लिए भी एक गूगल शीट तैयार किया गया है, जिस पर अस्पताल अपनी समस्याओं का जिक्र करेंगे और कंट्रोल रूम उन समस्याओं का निराकरण तुरंत कराएगा।
ऑक्सीजन की उपलब्धता लगातार सुनिश्चित की जा रही: प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने बताया कि अस्पतालों या संस्थानों में कम से कम तीन दिनों तक ऑक्सीजन की उपलब्धता के लिए निदेशालय स्तर पर डॉ. आरसी गुप्ता को नोडल अधिकारी बनाया गया है। वह रोजाना कम से कम चार बार ऑक्सीजन आपूर्ति, उपलब्धता का अनुश्रवण करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी कॉलेज और संस्थान में ऑक्सीजन की कमी न होने पाए। इसके बावजूद यदि महानिदेशक, चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण या नोडल अधिकारी के स्तर पर किसी समस्या का समाधान नहीं हो पाता है, तो तत्काल शासन के उच्चाधिकारियों को अवगत कराएंगे, ताकि जल्द से जल्द समाधान किया जा सके। अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता लगातार सुनिश्चित की जा रही है।
ऑक्सीजन की समस्या दूर कराएंगे नोडल अधिकारी : मेडिकल कालेजों और संस्थानों में नामित नोडल अधिकारी चिकित्सालय की आवश्यकता के अनुसार कम से कम तीन दिन के लिए आवश्यक ऑक्सीजन के स्टाक की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे। नोडल अधिकारी निदेशालय स्थित कंट्रोल रूम के लगातार सम्पर्क में रहेंगे और ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए समन्वय स्थापित करेंगे। नोडल अधिकारी द्वारा ऑक्सीजन की कमी की स्थिति में तत्काल निदेशालय स्थित कंट्रोल रूम और अन्य उच्चाधिकारियों को सूचित किया जाएगा। कंट्रोल रूम में ड्रग कंट्रोलर और ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ता फर्म के नम्बर भी रहेंगे, जिसे संबंधित मेडिकल कालेजों और संस्थानों से भी साझा किया जाएगा।