जिन्होंने गोद में खिलाया, उनको ही अखिलेश ने पोस्टर में भुलाया
अखिलेश यादव की छवि गलत समय में गलत फैसले लेने वाले नेता की बनी
लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की इमेज अब “गलत समय में गलत फैसला” लेने वाले नेता की बनती जा रही है। विधानसभा चुनाव के ठीक पहले जारी किए गए पार्टी के एक पोस्टर में मुलायम सिंह यादव की फोटो ना होने पर अब फिर से अखिलेश यादव के बारे यह कहा जाने लगा है। सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव से जुड़े तमाम पुराने नेता और कार्यकर्ता तो यह बात अब खुलकर कह रहे हैं। इन लोगों के अनुसार मुलायम सिंह और शिवपाल सिंह यादव ने अखिलेश यादव को गोद में खिलाया, उन्हें सूबे का मुख्यमंत्री बनाया। इसके बाद भी अखिलेश यादव ना सिर्फ ऐसे नजदीकी लोगों को भुला रहे हैं, बल्कि ऐसे फैसले ले रहे जिनसे पार्टी का नुकसान हो रहा है।
बीते पांच वर्षों में लिए गए अखिलेश के फैसले इसका सबूत हैं। ऐसा दावा करने वाले मुलायम समर्थक पार्टी द्वारा जारी किए गए पोस्टर में मुलायम सिंह का फोटों ना होने को अखिलेश यादव का गलत फैसला मान रहे हैं। इनका मत है कि अखिलेश के इस फैसले से मुलायम सिंह के समर्थकों का अखिलेश यादव के प्रति विश्वास घटेगा। जिसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ सकता है।
वास्तव में सपा से जुड़े लोगों ने कभी यह कल्पना नहीं की थी कि पार्टी के किसी पोस्टर में मुलायम सिंह यादव की फोटो नहीं होगी। परन्तु 12 अक्टूबर से राज्य में निकाली जाने वाली समाजवादी विजय यात्रा के पोस्टर में अखिलेश यादव सहित नौ विख्यात लोगों के फोटो हैं, लेकिन पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का फोटो नहीं है। इस पोस्टर में पार्टी के चुनाव चिन्ह साइकिल के साथ आगामी विधान सभा चुनाव के लिए तैयार किए गए स्लोगन 22 में बाइसिकल का उल्लेख भी है, पर मुलायम सिंह यादव के किसी कथन का जिक्र नहीं किया गया है।
इस पोस्टर को देख वरिष्ठ पत्रकार गिरीश पांडेय कहते हैं, लगता है अखिलेश खुद ही अपने पिता मुलायम सिंह यादव को अब पूरी तरह से पार्टी के बाहर करने में जुट गए हैं। इसके पहले बीते विधानसभा चुनावों के पहले मुलायम सिंह यादव को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटाकर वह आधा काम कर चुके थे और अब उन्होंने पार्टी के पोस्टर में मुलायम सिंह यादव की फोटो को जगह ना देकर यह जता दिया है कि सपा में अब वही सब कुछ हैं। मुलायम सिंह यादव के रहते अखिलेश द्वारा दिए गए इस संदेश से मुलायम समर्थक खासे दुखी हैं।
ऐसे ही एक मुलायम समर्थक नेता फाकिर सिद्दीकी हैं। मुलायम सिंह से प्रभावित होकर वह वर्ष 1988 में मुलायम के साथ लोकदल में शामिल हुए। दस साल वह लखनऊ में सपा के जिलाअध्यक्ष रहे और लखनऊ में पार्टी को मजबूती दी, वर्ष 2007 में वह विधानसभा चुनाव लड़े और 354 मतो से चुनाव हारे। मुलायम समर्थक ऐसे जुझारू नेता को मुलायम सिंह के कहने के बाद भी अखिलेश ने एमएलसी नहीं बनाया। तो फाकिर ने सपा ने नाता तोड़ लिया। वह कहते हैं कि अखिलेश यादव को पार्टी में अब मुलायम और शिवपाल समर्थक पुराने वफादार लोगों के जरूरत नहीं है। चाटुकार लोगों को ही अखिलेश पार्टी में पद देते हैं, एमएलसी बनाते हैं भले ही जनता ऐसे नेताओं को पसंद ना करती हो। फ़क़ीर का कहना है कि अखिलेश यादव मुस्लिम और पिछड़ों का इस्तेमाल करते हैं और अब वह पार्टी में मुलायम समर्थकों को खुलकर अनदेखी करने लगे हैं। मुलायम समर्थकों को संदेश देने के लिए ही समाजवादी विजय यात्रा के पोस्टर में मुलायम सिंह को जगह नहीं दी गई है ताकि मुलायम के समर्थक यह समझ जाए कि नेता जी से अखिलेश ने दूरी बना ली है।
शिवपाल यादव से वह बीते विधानसभा चुनावों के पहले ही दूरी बना चुके हैं। जिसका खामियाजा अखिलेश यादव को बीते विधानसभा और लोकसभा के चुनावों में भुगतना पड़ा था। इसके बाद भी अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल यादव के साथ अपने राजनीतिक रिश्ते ठीक नहीं किए हैं। जबकि शिवपाल सिंह यादव वह शक्स हैं जिन्होंने अखिलेश यादव की पढ़ाई का जिम्मा संभाला था। अखिलेश उनकी गोदी में खेल का बड़े हुए हैं। सपा से जुड़े रहे फाकिर जैसे तमाम पुराने छोटे और बड़े नेता यह चाहते हैं कि अखिलेश यादव पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव को महत्व देते हुए शिवपाल सिंह यादव को साथ लेकर राजनीति करें।
पार्टी की स्थापना में शिवपाल सरीखे नेताओं की अहम भूमिका रही है, मुलायम सिंह के साथ इन्होने पार्टी को सत्ता तक पहुचाने में अहम भूमिका अदा की है। परन्तु युवा जोश में आकर अखिलेश पहले मुलायम सिंह को पार्टी के अध्यक्ष पद से हटाया, फिर शिवपाल सिंह से दूरी बनायी। इसके बाद पार्टी के सीनियर नेताओं की सलाहों की अनदेखी कर बीते विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीते लोकसभा चुनावों में बसपा से चुनावी गठबंधन किया। अखिलेश के इन गलत फैसलों का नुकसान पार्टी को हुआ। ऐसे में अब अखिलेश यादव पार्टी के पोस्टर में उन लोगों की अनदेखी ना करें, जिन्होंने उन्हें गोद में खिलाकर बड़ा किया है और पार्टी को मजबूत किया है। ऐसी बात कहने वाले पार्टी के समथक यह भी कह रहे हैं कि अखिलेश यादव पार्टी के पोस्टर को संशोधित कर उसमें मुलायम सिंह की फोटो शामिल कर अपनी गलती का सुधार करें।