लखनऊ। बीते 05 साल में निवेशकों के लिए पहली पसंद बने उत्तर प्रदेश में आगामी 03 जून को तीसरी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी आयोजित होने जा रही है। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, लखनऊ में प्रस्तावित इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने की भी संभावना है तो अडानी समूह, माइक्रोसॉफ्ट इंडिया, रिलायंस इंडस्ट्रीज, हीरानंदानी समूह, बिरला ग्रुप, आईटीसी ग्रुप सहित तमाम राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय कम्पनियों के चेयरमैन, सीईओ, निदेशकों और अन्य प्रतिनिधियों की सहभागिता भी होगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक कर कार्यक्रम की रूपरेखा के सम्बंध में निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के दिशा-निर्देशन में विगत 05 वर्ष में उत्तर प्रदेश, देश में औद्योगिक निवेश के श्रेष्ठतम गंतव्य के रूप में राष्ट्रीय पटल पर उभर कर आया है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की राष्ट्रीय रैंकिंग में 2017 तक 14वें स्थान पर रहने वाला उत्तर प्रदेश आज द्वितीय पायदान पर है। अब इस रैंकिंग में प्रथम स्थान पर आने के लक्ष्य के साथ “टीम यूपी” को काम करना होगा।
उन्होंने कहा कि पिछले यूपी इन्वेस्टर समिट में 4.68 लाख करोड़ से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव हमें मिले थे। इनमें से 03 लाख करोड़ से ज्यादा के प्रस्ताव आज धरातल पर साकार हो रहे हैं। अब यह तीसरी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी ‘नए भारत के नए उत्तर प्रदेश’ की आकांक्षाओं को उड़ान देने वाला होगा। सेरेमनी के लिए इन्वेस्ट यूपी को नोडल एजेंसी नामित करते हुए सीएम ने कहा कि समारोह में निजी संस्थाओं, कंपनियों के साथ-साथ सरकारी निवेश कार्यक्रमों को भी शामिल किया जाए। उन्होंने सेरेमनी को भव्य बनाने के लिए जरूरी निर्देश भी दिए।
डेटा पार्क, डेयरी, सीमेंट प्लान्ट सहित 1500 से अधिक प्रोजेक्ट होंगे शुरू : 03 जून को होने जा रही इस तीसरी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में ₹70,000 करोड़ से अधिक की 1500 परियोजनाओं को शुरू करने की योजना है। प्रमुख परियोजनाओं में नोएडा में प्रस्तावित अडानी समूह की ₹4900 करोड़ और हिरानन्दानी समूह के ₹9100 करोड़ के निवेश वाले दो डाटा सेंटर, माइक्रोसॉफ्ट की ₹2100 करोड़ के सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट सेंटर, मिर्जापुर में डालमिया ग्रुप के ₹600 करोड़ की सीमेंट मैन्युफैक्चरिंग प्लांट, हमीरपुर में हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड का डिटर्जेंट मैन्युफैक्चरिंग प्लांट शामिल है। अब तक की स्थिति के मुताबिक करीब ₹21,000 करोड़ निवेश राशि की परियोजनाएं केवल आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर की हैं जबकि एमएसएमई, टेक्सटाइल, पर्यटन, ऊर्जा, फ़ूड प्रोसेसिंग, खाद्य सुरक्षा और औषधि सेक्टर से जुड़ी अनेक परियोजनाओं को भी शुरू करने की तैयारी है।