मौसम के बदलाव के साथ शरीर में भी कुछ परिवर्तन होते हैं। अगर इन पर ध्यान ना दिया जाए तो यह परिवर्तन एक बीमारी का रूप ले लेते हैं। बरसात के मौसम में पाचन संबंधी रोगों और समस्याओं पर देश के विख्यात आयुर्वेदाचार्य डॉ रविंद्र पोरवाल जो केंद्रीय आयुष मंत्रालय भारत सरकार के बोर्ड मेंबर और श्री नाथ आयुर्वेद चिकित्सालय भगवत दास घाट सिविल लाइंस कानपुर के मुख्य चिकित्सक हैं, उन्होंने बहुत ही सहज भाषा में सरल और घरेलू उपायों से निदान की विधि बताई है।
बूढ़ों की गैस कब्जियत : वृद्धावस्था में बरसात में वृद्ध तली मसालेदार चीजें पूरी पराठे मंगोड़े समोसा चाट आदि का सेवन कर लेते हैं, जो अपच और पेट मे ऐठन दर्द के साथ भूख न लगना पेट फूलना गैस के साथ-साथ कब्जियत जैसी समस्याएं पैदा कर देता है। दो लौंग कूटकर 1 लीटर पानी में इतना खोलाए कि पानी आधा जल जाए और लगभग 2 गिलास पानी शेष बचे। अब प्रातः खाली पेट एक गिलास गुनगुना गुनगुना पानी के साथ एक चम्मच आमलकी रसायन का चूर्ण ले ले। शाम के लगभग 5:00 बजे जो शेष एक गिलास पानी बचा है उसे पुनः गुनगुना करके उसके साथ आधा चम्मच खाने वाला सोडा खा ले। यह उपाय केवल 7 दिन करने से पूरे पाचन तंत्र की सफाई होती है। खुलकर भूख लगती है और गैस कब्ज की शिकायत पूरी तरह से ठीक हो जाती हैं। खाना खाने के बाद लवण भास्कर चूर्ण एक चम्मच मट्ठे के साथ लेना बहुत हितकारी है। साथी दिन भर में एक केला काला नमक और नींबू डालकर जरूर खाएं।
बच्चों को भूख ना लगना : एक बड़ी समस्या होती है बच्चे खाना देखकर भागते हैं मां परेशान हो जाती है कि बच्चा फल, जूस, सूप, दूध, दही, लस्सी, सब्जी रोटी दाल चावल कुछ तो खा ले। मां द्वारा तरह-तरह के अनेकों प्रयास करने पर बच्चा थोड़ा बहुत खाता है, बच्चों की भूख खत्म हो जाना उसके आंतरिक विकास पर बुरा प्रभाव डालता है क्योंकि बच्चों की 14 वर्ष तक की उम्र में शरीर के आंतरिक अंगों का विकास हो रहा होता है। उस समय शरीर के विकास और आंतरिक अंगों के नव निर्माण के लिए भरपूर मात्रा में पौष्टिक तत्व खनिज तत्व और विटामिनों की जरूरत होती है जो संतुलित आहार से ही संभव है। भूख ना लगने की समस्या से पीड़ित बच्चों को भोजन के उपरांत हिंग्वाष्टक चूर्ण 2 ग्राम पानी के साथ दें। यह स्वादिष्ट होता है और बच्चे खुशी-खुशी खा लेते हैं। बच्चों के लिए जब रोटी बनाए तो अजवाइन हींग और काला नमक डालकर आटा गूथ कर लगभग 15 मिनट रख दे। तत्पश्चात बच्चे के लिए रोटी बना गर्म गर्म बच्चे को खिलाएं। यह रोटी सुपाच्य है और भूख बढ़ाती है। बच्चे को लहसुन और अदरक बारीक काटकर काला नमक और नींबू निचोड़ कर भोजन के साथ खिलाने से पाचन शक्ति मजबूत होती है। खुलकर भूख लगती है। साथ ही साथ पाचन ग्रंथियां लीवर पेनक्रियाज स्प्लीन आदि सशक्त और मजबूत हो जाती है। यहां ध्यान देने योग्य बात है कि घर में जंक फूड जैसे बिस्किट दालमोठ नमकीन चॉकलेट आदि लाएं ही नहीं और घर पर भी फास्ट फूड चाउमीन समोसा बर्गर आदि ना बनाएं। बच्चे को ज्यादा से ज्यादा मात्रा में ताजे फल, ताजा जूस, ताजा सूप और भरपूर मात्रा में हरी पत्ते वाली सब्जियां दें। प्रातः नाश्ते में केला सेब पपीता अनार खजूर टमाटर आदि को काटकर भुना जीरा और काला नमक मिलाकर फ्रूट चाट बच्चों को बहुत पसंद आती है। यह पौष्टिकता से भी भरपूर है और स्वादिष्ट भी है लेकिन ध्यान रखिएगा फ्रूट चार्ट बनाने की 10 मिनट के अंदर बच्चों को खिला दें। इसे कटा हुआ फ्रिज में ना रखें।
बच्चों का पेट साफ ना होना : बच्चों का पेट कभी-कभी दो दो तीन तीन दिन साफ नहीं होता और बच्चों का मल सूखने लगता है। जिससे बच्चों को बहुत असुविधा होती है। पेट में दर्द होती है और बच्चे खाना छोड़ देते हैं। ऐसे बच्चों को छोटी हरड़ को पानी में घिसे जब आधी घिस जाए तब उसे शहद में मिलाकर बच्चे को चटा दे, ऊपर से एक कप गर्म पानी पिला दे ऐसा दिन में 2 बार करें बच्चे का पेट खुलकर साफ होगा और पेट का भारीपन दूर हो जाएगा। बच्चा रोज सुबह उठकर शौंच के लिए जाएगा। बच्चे को उसकी उम्र और शारीरिक बाहर वजन को ध्यान में रखते हुए 5 ग्राम से लेकर 10 ग्राम तक अंडी का तेल (कैस्टर ऑयल) रात्रि सोते समय गर्म पानी के साथ लेने से आंतों का रुखा सुखा पन दूर होकर चिकनापन आता है और 1 सप्ताह तक यह प्रयोग करने से पेट साफ न होने की समस्या जड़ से ठीक हो जाती है।
युवाओं की एसिडिटी और गैस से छुटकारा दें : युवाओं को एसिडिटी खट्टी डकार जलन जैसी समस्याएं अकसर दुख देती हैं। सुबह खाली पेट एक चम्मच कच्चा जीरा चवाकर एक गिलास पानी पीने से एसिडिटी की समस्या पूरी तरह ठीक हो जाती हैं। दोपहर एवं रात दोनों समय भोजन के बाद लगभग 10 ग्राम अविपत्तिकर चूर्ण पानी के साथ लेने से एसिडिटी के साथ-साथ कब्जियत की शिकायत पूरी तरह ठीक हो जाती है। अरहर दाल में नींबू और देसी घी डालकर खाएं अन्य दालें राजमा छोला चावल आलू आदि 4 सप्ताह के लिए ना खाएं, वही रिफाइंड ऑयल गरम मसाला हरी मिर्ची लाल मिर्ची तला हुआ प्याज लहसुन अदरक टमाटर का परहेज करें। चाट चटनी जंक फूड तले मसालेदार फास्ट फूड और बाजार के भोजन से बचाव ही इस समस्या का स्थाई समाधान है।