क्या भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में सीएम का चेहरा बदलेगी ? क्या योगी आदित्यनाथ सीएम की कुर्सी पर अपना कब्ज़ा बरकरार रख पाएंगे ? क्या भारतीय जनता पार्टी हाईकमान एन मौके पर सीएम के लिए ब्राह्मण चेहरा सामने लाएगी। फ़िलहाल बीजेपी उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ को सामने रख कर चुनाव लड़ रही है। लेकिन राजनीति व उत्तर प्रदेश के आम आदमी के जहन में यह कुछ ऐसे सवाल हैं जो लगातार उठ रहे हैं।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में एक साथ कई सवाल हवा में तैर रहें हैं। विपक्ष का बिखराव, मुस्लिम मतों का बिखराव, बहुजन समाज पार्टी यानी मायावती की खामोशी, ब्राह्मण वर्ग की नाराजगी उत्तर प्रदेश को बहुत बड़ा सन्देश देती है। उत्तर प्रदेश की 403 सीटों पर कौन दल भारी पड़ेगा यह तो चुनाव परिणाम बताएँगे लेकिन इतना अवश्य है कि चुनौती सभी राजनीतिक दलों के सामने है। चाहे बीजेपी हो सपा हो या कोई अन्य दल हो,
खास बात यह कि मायावती पहले की तरह आक्रामक नहीं दिख रहीं। हालांकि मायावती ने चुनाव ओपिनियन पोल्स को लेकर कहा कि ओपिनियन पोल्स गलत हैं, असल में हकीकत कुछ और है। मायावती ने कहा कि हमारी पार्टी यूपी चुनाव में लगभग सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ रही है, जिससे वो एक बार फिर से 2007 की तरह पूर्ण बहुमत की सरकार बना सके क्योंकि इसके बाद ही बीजेपी की जाति आधारित राजनीति, तानाशाही से छुटकारा मिल सकता है।
मायावती ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा सरकार की नीतियां और कार्यशैली जातिवादी, पूंजीवादी है। कांग्रेस को घेरते हुए मायावती ने कहा कि वह दलितों और अन्य अनुसूचित जातियों को रिझाने के लिए हमेशा ड्रामा रचती है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने रविवार को ट्वीट कर कहा कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा बेरोजगारी की समस्या को अनदेखा करना उनके अहंकार का परिचायक है। उन्हें अपनी इस सोच का त्याग करना चाहिए।
उन्होंने रविवार को ट्वीट कर कहा कि कर्ज में डूबी घुटन का जीवन जीने को मजबूर किसानों द्वारा आत्महत्या की खबरें विचलित करती हैं, किन्तु अब बेरोजगार युवाओं द्वारा भी आत्महत्या करने की विवशता ने राष्ट्रीय चिन्ता, बेचैनी व आक्रोश को और बढ़ा दिया है। फिर भी विकास व इण्डिया शाइनिंग आदि जैसा भाजपा का दावा कितना उचित है?
इन सब के बीच देखें तो बीजेपी भी बसपा पर अधिक हमलावर नहीं है। कारण साफ है कि यदि बीजेपी पूर्ण बहुमत हासिल नहीं कर पाती है तो मायावती से समर्थन ले सकती है। ऐसी स्थिति में सीएम का चेहरा बदलना करीब करीब तय है क्योंकि मायावती को सीएम के तौर पर योगी बर्दास्त नहीं होंगे।
चुनाव परिणाम बीजेपी के पक्ष में कितना कमजोर या कितना मजबूत होंगे यह तय करेगा कि अब उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री कौन होगा ? अब यदि चुनाव में योगी प्रचण्ड बहुमत हासिल कर लेते हैं तो योगी को हटाना बीजेपी हाईकमान के लिए मुश्किल होगा फिलहाल चुनाव परिणाम का इंतजार करना होगा।