भारत का स्वर्ण भंडार नए रिकॉर्ड के बहुत करीब

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भारत के आरक्षित स्वर्ण भंडार में एक ऐतिहासिक दिन बहुत शीघ्र आने वाला है। भारत 700 टन (7 लाख किलोग्राम) स्वर्ण भंडार से युक्त देश होने के बिल्कुल नजदीक पहुंच गया है। भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार पहले ही 25 जून को 60900 करोड़ डॉलर (45 लाख करोड़ रु) के स्तर पर रिकॉर्ड कायम कर चुका है।

भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने नौ वर्षों के लंबे अंतराल के बाद 2017 में सोने की खरीद शुरू की थी। आरबीआई पिछले पांच सालों से लगातार सोना खरीद रहा है। आरबीआई ने 2017 में 8460 किलोग्राम सोना की पहली ख़रीद की थी। वर्ष 2019-20 के दौरान 40450 किलोग्राम और 2020-21 में 42300 किलोग्राम सोना खरीदा।

आंकड़ीय गुणाभाग से पता चलता है कि आरबीआई ने वर्ष 2017, दिसंबर से लेकर 2021, मार्च तक की अवधि में 1 लाख 37 हजार 500 किलोग्राम सोना खरीदा। यह आरबीआई की रणनीति का ही परिणाम सामने है कि भारत के पास 6 लाख 95 हजार 310 किलोग्राम सोना का आरक्षित भंडार है।

आरबीआई कभी भी 29-30 करोड़ डॉलर खर्च करके एक झटके में 5000 किलोग्राम सोना खरीद कर भंडार का स्तर 7 लाख किलोग्राम कर लेना देश के लिए बड़ी उपलब्धि होगी। 24 करेट शुद्धता के सोने के मूल्य अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 58000- 61000 डॉलर प्रति किलोग्राम के स्तर पर चल रहे हैं।

इस भाव के आधार पर भारत के आरक्षित स्वर्ण की कीमत तीन लाख करोड़ रु से ऊपर बैठती है। 2021, 31 मार्च की स्थिति के आधार पर विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंकों और अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के स्वर्ण भंडार का तुलनात्मक अध्ययन करने पर भारत को दसवें पायदान पर खड़ा पाते हैं।

भारत से ठीक ऊपर नौवें स्थान पर जापान का केंद्रीय बैंक है। जिसके पास 2020, मार्च में सोना 765.22 टन से बढ़कर इस वर्ष मार्च में 845 .97 टन हो गया। आठवें पायदान पर स्विट्जरलैंड है। जिसके पास 1040 टन का आरक्षित स्वर्ण भंडार है। पड़ोसी चीन 1948 टन के साथ सातवें स्थान पर आता है। इसके आगे रूस महासंघ का नंबर आता है। जिसके केंद्रीय बैंक के पास 2295. 42 टन का आरक्षित स्वर्ण भंडार है।

इसके ऊपर इटली आता है। जिसके आरक्षित भंडार में 2451 टन सोना जमा है। इसी चढ़ते क्रम में फ्रांस आता है। जिसके केंद्रीय बैंक के पास 2436 .19 टन सोना है। जर्मनी का स्वर्ण आरक्षित भंडार 3362.45 टन के स्तर पहुंच गया है। सबसे बड़ा स्वर्ण भंडार अमेरिका का है। जिसके केंद्रीय बैंक ने 8133.46 टन सोना जमा किया हुआ है। नीदरलैंड्स के भंडार में 612.45 टन, टर्की के पास 544.20 टन, नन्हें से मुल्क ताइवान ने अपने आरक्षित भंडार में 423.63 टन सोना एकत्र कर रखा है।

यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ईसीबी) के पास भी 504.8 टन का स्वर्ण भंडार है। कज़ाकस्तान केंद्रीय बैंक ने 387.86 टन, पुर्तगाल ने 382.6 टन, उज़्बेकिस्तान ने 332.49 टन, सऊदी अरब ने 323.07 टन, यूके ने 310.29 टन, लेबनॅन ने 286.83 टन, आस्ट्रिया ने २८० टन, स्पेन ने 281.6 टन, बेल्जियम ने 227.40 टन व पोलैंड ने 230.5 टन सोना जमा कर रखा है। फिलिपींस के आरक्षित भंडार में 188.78 टन, थाईलैंड के भंडार में 153.96 टन, सिंगापुर में 127.40 टन, वेनेजुएला 161.2 टन, स्वीडन में 125.7 टन, द. अफ्रीका में 125.3 टन, मैक्सिको में 119.8 टन, लीबिया में 116.6 टन, ग्रीस में 113.9 टन, दक्षिण कोरिया में 104.45 टन और रोमानिया में 103.6 टन का भंडार है।

अपने पड़ोस में स्थित पाकिस्तान का आरक्षित स्वर्ण भंडार सिर्फ 64.6 टन का है। विश्व के केंद्रीय बैंकों ने समग्र रूप से 2018 में 600 टन, 2019 में 660.05 टन और 2020 में 326.3 टन सोना खरीदा। केंद्रीय बैंकों के अलावा अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के पास 2814 टन का स्वर्ण भंडार मौजूद है। ध्यान दिला देना जरूरी है कि भारत ने वर्ष 2009 में 200 टन सोना आईएमएफ से ही खरीदा था।

प्रणतेश नारायण बाजपेयी