आर्थराइटिस से परेशान हैं तो करें यह उपाय

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ओस्टियोआर्थराइटिस आज के युग की एक बड़ी समस्या है। जिसमें जोड़ों के बीच में पाई जाने वाली चिकनाई खत्म होने लगती है। श्रीनाथ आयुर्वेद चिकित्सालय भगवत दास घाट सिविल लाइंस कानपुर में अपनी निस्वार्थ सेवाएं दे रही डॉ रजनी पोरवाल देश की जानी-मानी नेचुरोपैथ व आयुर्वेदिक चिकित्सक है, उन्होंने अपने अनुभव अनुसंधान एवं ज्ञान से सैकड़ों मरीजों पर सफल अनुभूत घरेलू उपायों द्वारा जोड़ों के दर्द की इस लाइलाज बीमारी से मुक्ति का मार्ग बताया है।
ओस्टियोआर्थराइटिस को जाने…….

क्या है सायनोवियल फ्लुएड : हमारे शरीर के जोड़ों घुटनों के चारों तरफ की विशेष प्रकार की झिल्ली होती है। जिसे सायनोवियल में ब्रेन कहते हैं। इससे एक तेली पदार्थ बनता है, जो सायनोवियल फ्लुएड कहलाता है। यह हमें चलने में मदद करता है और जोड़ो के मध्य चिकनाई, गिरीश का काम कर जोड़ों को रगड़ से बचाता है। मांसपेशियों और कार्टिलेज के क्षय होने को रोकने में मदद करता है।

क्या है कारण : नियमित रूप से जंक फूड और फास्ट फूड का सेवन करना मेहनत बिल्कुल भी ना करना विलासिता पूर्ण जीवन जीना और अप्राकृतिक दिनचर्या इस बीमारी का प्रमुख कारण है। मानसिक तनाव चिंता नींद पूरी ना होना और ज्यादा देर खड़े होकर काम करना वासा और ठंडा भोजन भी सायनोवियल फ्लुएड के निर्माण में बाधक माना जाता है।

क्या खाएं : शरीर में विटामिन बी 12, विटामिन-सी, विटामिन डी और मैग्नीशियम कैल्शियम की कमी होना घुटनों और जोडों में दर्द का मुख्य कारण है। प्राकृतिक रूप से इनकी पूर्ति करने के लिए भोजन में हरी पत्तेदार सब्जियां सलाद ताजा सूप अंकुरित अनाज दूध सोयाबीन का दूध और मौसम के फलों का भरपूर मात्रा में सेवन करें। सलाद में मध्यम आकार के कम से कम दो टमाटर एक प्याज और एक शिमला मिर्च का सेवन अवश्य करें।

अखरोट बादाम गुणकारी : सायनोवियल फ्लुएड के निर्माण के लिए अखरोट और बादाम को पानी में भिगोकर सेवन करना जोड़ों के मध्य सायनोवियल फ्लुएड की कमी को दूर करने के लिए अत्यंत लाभकारी है। अखरोट में प्रोटीन नेचुरल फैटी एसिड व कार्बोहाइड्रेट के अतिरिक्त विटामिन ई विटामिन बी और जोड़ों के लिए जरूरी सभी मिनरल्स के साथ-साथ भरपूर मात्रा में कैल्शियम मैग्नीशियम होता है। यह जोड़ों की अकड़न को कम करके मांसपेशियों को ताकतवर और लचीला बनाता है। साथ ही साथ सूजन को कम करने में मदद करता है। नारियल पानी, सेब और केला, सहजन की फलियों की सब्जी सोया मेथी की सब्जी का सेवन भी जोड़ों की अच्छी स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होता है।

हरसिंगार की पत्ती : हरसिंगार के पत्तों में ग्लूकोसाइड टैनिक एसिड और मैथिल सिलसिलेट होता है। यह जोड़ों के अंदर सायनोवियल फ्लुएड की निर्माण को बढ़ाता है। मांसपेशियों की अकड़न को खत्म कर देता है और जोड़ों से आने वाली कट कट की आवाज पूरी तरह ठीक हो जाती है। हरसिंगार की 8-10 पत्तियों को 200 ग्राम पानी में इतना उबालें कि पानी आधा बचे। इसे छानकर सुबह खाली पेट गरम गरम पी लें। इसके साथ 5 से 8 सदाबहार के फूल भी खा ले तो सोने में सुहागा है। सदाबहार के फूल सुखाकर उनका पाउडर भी बनाकर सेवन किया जा सकता है। यह उपाय बच्चे बूढ़े स्त्री पुरुष सभी के लिए निरापद है और अर्थराइटिस की बीमारी में चमत्कारिक लाभ देने वाला है।

जरूरी है सावधानियां : बादी प्रकृति की खाद्य पदार्थ जैसे कटहल कद्दू बैगन भिंडी अरबी उड़द और चने की दाल बेसन छोले राजमा इत्यादि का सेवन बिल्कुल ना करें। जंक फूड फास्ट फूड अमचूर मिर्च मसाले रिफाइंड ऑयल से परहेज करना आवश्यक है। कोल्ड ड्रिंक चाय दही मट्ठा फ्रिज का ठंडा पानी चावल और ठंडी प्रकृति के खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें। दिमागी काम तो खूब करना लेकिन शारीरिक रूप से मेहनत ना करना योग व्यायाम या घर का काम बिल्कुल भी ना करना जोड़ों की ही नहीं शरीर के अन्य आंतरिक अंगो की सेहत के लिए भी खराब माना जाता है।

इन पर ध्यान दें : अपनी दिनचर्या को भी व्यवस्थित करें। जरूरी है समय पर भोजन करें। समय पर सोएं नियमित दिनचर्या और संतुलित आहार अनेकों शारीरिक और मानसिक समस्याओं की महाऔषधि होता है। प्रतिदिन आधा घंटा योगाभ्यास ध्यान और प्राणायाम जरूर करें।