लखनऊ। सावधानी हटी, दुर्घटना घटी। इस स्लोगन को हममें से अधिकांश लोगों ने कहीं न कहीं पढ़ा होगा। कोरोना के संक्रमण पर तो यह और भी लागू होता है। अब, जब पूरा प्रदेश कोरोना कर्फ्यू से मुक्त हो गया। सुबह सात से रात सात बजे तक पांच दिन (शनिवार रविवार को छोड़) तक बाजार खुले रहेंगे। यह खुश होने के साथ बेहद सतर्क रहने का समय है। अगर आप सतर्क रहे तो कोई और लहर आने से रही।
अपने स्तर से सरकार इसके लिए सब कुछ कर रही है, पर आपको भी सावधानी हटी दुर्घटना घटी स्लोगन को हरदम याद रखना होगा। जरा सी भी लापरवाही भारी पड़ सकती है। या साफ शब्दों में यह भी कह सकते हैं को यह कोरोना को फिर से आमंत्रण जैसा होगा।
ऐसा न हो इस बाबत एक्सपर्ट्स की सलाह है कि अगर बेहद जरूरी न हो तो एक जगह एकत्र होने से बचें। अगर एकत्र भी हों तो कोरोना प्रोटोकाल का कड़ाई से अनुपालन करें और कराएं। सरकार अपने तरह से कोरोना के संक्रमण को रोकने का हर संभव प्रयास कर रही है, अगर अगले कुछ महीने तक लोग भी सतर्क रहें तो किसी और लहर के आने के पहले ही कोरोना का काम तमाम हो जाएगा।
प्रभावी नियंत्रण के बावजूद सरकार सतर्क : जीवन और जीविका के सम्मान में संक्रमण रोकने के लिए अन्य राज्यों की लॉक डाउन व्यवस्था से इतर योगी सरकार ने आंशिक कोरोना कर्फ्यू लगाया।
टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट को मूलमंत्र मानकर सर्विलांस और टीकाकरण पर पूरा फोकस किया। यह सिलसिला जारी है। शासन के निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराने के लिए हर जिले में नोडल अधिकारी भेजे गए। प्रभारी मंत्रियों को प्रभार वाले जिलों में जाने के निर्देश के बाद सीएम योगी खुद भी ग्राउंड जीरो पर गए।
यही वजह रही की काम समय और कम संसाधनों में प्रदेश में कोरोना संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण लग सका। इसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन, नीति आयोग, मुंबई और इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोरोना प्रबंधन के योगी मॉडल की तारीफ की।
बावजूद इसके सरकार अब भी कोरोना को लेकर बेहद सतर्क है। सीएम योगी का साफ निर्देश है कि स्थानीय प्रशासन कोरोना प्रोटोकाल के नियमों का कड़ाई से अनुपालन कराए। छूट के बावजूद रात्रिकालीन बन्दी को प्रभावी बनाने के लिए शाम छह बजे से ही पुलिस और स्थानीय प्रशासन सक्रिय हो जाएं। पब्लिक एड्रेस सिस्टम का उपयोग करें। कहीं भी भीड़ की स्थिति न बने। छूट के तय समय में बाहर निकलने वालों से अनिवार्य रूप से कोरोना प्रोटोकाल का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए।