होम्योपैथी औषधि से कोरोना से जीती जंग

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कानपुर शहर के विख्यात होम्योपैथ डा देवस्य शुक्ला की देखरेख में ईलाज ले रहे सभी मरीज तेजी से स्वस्थ हो रहें हैं और बहुत से मरीजों ने कोरोना की इस दूसरी लहर में कोरोना को पराजित करके जीवन की इस जंग को जीत लिया है। विशेष बात यह है कि होम्योपैथी से ठीक हुये किसी भी मरीज में अभी तक ब्लैक फंगस के लक्षण नहीं देखे गये हैं।

कोरोना की इस लहर के बाद ठीक हुये मरीजों में ब्लैक फंगस यानि की म्यूकाॅरमायकोसिस की शिकायत आनी शुरू हुई है। यह फंगल इन्फेक्शन पहले से मधुमेह से पीड़ित व्यकितयों पर अपना प्रभाव दिखा रहा है क्योंकि कोरोना के उपचार हेतु स्टेरॉयड का विशेष रूप से प्रयोग किया जा रहा है। जिसके कारण शुगर लेवल में बढोतरी हो रही है। इसलिए कोरोना से ठीक हुये मरीजों को अपने शुगर लेवल पर नियमित रूप से ध्यान रखने की सलाह दी जाती है।

डा देवस्य ने बताया कि चूंकि होम्योपैथी में कोरोना के उपचार में स्टेरॉयड का प्रयोग नही होता है। इसलिए होम्योपैथी से ठीक हुये मरीजों में ब्लैक फंगस का खतरा कम है। लेकिन सभी व्यकितयो को इस फंगल इन्फेक्शन से सतर्क रहने के लिये मास्क का प्रयोग करना चाहिये व धूल और मिट्टी से संबंधित कार्य करते समय ग्लब्स का प्रयोग करना चाहिये।

डा देवस्य ने बताया कि बरसात के मौसम में फंगल इन्फेक्शन बढने की संभावना है। अतः घर में नमी की जगहों, घर व कपडों की साफ सफाई भी रखने की आवश्यकता है। इस फंगल इन्फेक्शन के सामान्य लक्षण नाक के आस पास लालिमा व आंखों मे जलन, सिर दर्द, बुखार व खून की उल्टी है। इस प्रकार के लक्षण दिखाई देने पर तत्काल चिकित्सकीय परामर्श अवश्य लेना चाहिए। सावधानी व त्वरित कार्यवाही से ही कोरोना की इस जंग को आसानी से जीता जा सकता है।

होम्योपैथी इलाज से कोरोना की जंग जीत चुके मशहूर उद्योगपति मनोज अग्रवाल के परिवार ने डा देवस्य को धन्यवाद देते हुए गरीबों के मुफ्त इलाज व उनकी जांच में आने वाले खर्च में अपना सहयोग देने का वादा किया है। जिससे कि गरीबों तक इस विधा का लाभ पहुँच सके व हम लोग स्वस्थ भारत का निर्माण कर सकें।

भाजपा के वरिष्ठ नेता सुरेन्द्र अवस्थी व उनके परिवार ने होम्योपैथी के माध्यम से कोरोना की इस जंग को जीता है। श्री अवस्थी ने डा देवस्य के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हुये कोरोना के विरूद्ध इस लडाई में होम्योपैथी के सहयोग के प्रति अपना आभार व्यक्त किया व सरकार तक होम्योपैथी के योगदान को पहुंचाने की बात कही।

चार्टर्ड एकाउंटेंट आलोक पाण्डेय ने भी डा देवस्य शुक्ला के सतत् मार्गदर्शन में कोरोना की इस जंग में विजय प्राप्त की। श्री पाण्डेय का कहना है कि होम्योपैथी के माध्यम कम खर्च में सटीक इलाज संभव है बिना किसी साइड इफेक्ट के।

अभिनव श्रीवास्तव इवेंट मैनेजर ने बताया कि कोविड के लक्षण आते ही उनहोंने डा देवस्य से सम्पर्क किया। अपने माइंड को पाजिटिव रखा व होम्योपैथी और अपने डाक्टर पर पूरा भरोसा रखा व कोरोना की जंग को 7 दिनों के अन्दर जीत लिया।

पं पवन त्रिपाठी ने बताया कि मुझे डॉक्टर देवस्य शुक्ला एवं डॉक्टर जीडी शुक्ला की होम्योपैथी दवा से मात्र 6 दिन में करोना जैसी बीमारी से निजात मिल गई और मेरे पिताजी भी मेरे साथ ही पॉजिटिव हुए थे। उनकी भी 6 दिन में ही रिपोर्ट नेगेटिव आ गई। अतः मुझे तो लगता है कि आपकी दवा हम लोगों के लिए वरदान साबित हुई।

रवि भाटिया व्यवसायी ने बताया कि मैं साठ वर्षीय डायबिटिक पेशंट हूँ, मुझे और मेरी पत्नी को करोना के लक्षण आए टेस्ट करवाने पर पॉज़िटिव आया। मैंने तुरंत डॉक्टर देवस्य का इलाज लेना शुरू कर दिया बुख़ार १०३ डिग्री तक गया लेकिन डॉक्टर की सलाह के अनुसार बुखार उतारने की दवा नहीं खायी और धीरे धीरे फ़ीवर १-१ डिग्री करके कम होता गया और हम दोनो पूर्णतया स्वस्थ हो गए और सबसे बड़ी बात हम दोनो को कोई भी साइड इफ़ेक्ट्स भी नहीं आए, करोना के उपचार के लिए होम्योपैथी में सबसे अच्छा ट्रीटमेंट है।

जे पी निगम समाज सेवी ने बताया कि वह आश्चर्यजनक रूप से कोरोना जैसी महामारी से केवल 5 दिनो में स्वस्थ हो गये। डा देवस्य के इलाज ने उनके मन से यह मिथक तोड़ दिया कि होम्योपैथी में त्वरित इलाज नही है।