जीटीएल इंफ्रा, वरुण इंड.ने बैंकों के हड़पे 5 हजार करोड़, सीबीआई ने कसा शिकंजा

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जीटीएल इंफ्रा, वरुण इंड.ने बैंकों के हड़पे 5 हजार करोड़, सीबीआई ने कसा शिकंजा….. बैंकों के साथ पांच हजार करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने वाली दो नामी कंपनियां जीटीएल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड और वरुण इंडस्ट्रीज लिमिटेड सीबीआई के हत्थे चढ़ गई हैं। यही नहीं इस धोखाधड़ी में कंपनियों और इनके प्रमोटरों के अलावा तेरह बैंकों के उन अधिकारियों को भी सीबीआई ने जांच के दायरे में लिया है जिन्होंने एक बैंक के मनाही के बावजूद इन कंपनियों की परिसंपत्तियों को आधीपौनी कीमतों में बिकवाने की साजिश रची।

तिरोडकर के ग्लोबल ग्रुप की जीटीएल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने बैंकों से 4600 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की। यह कंपनी टेलीकम्युनिकेशन के टाॅवर के निर्माण, स्थापना और रखरखाव संबंधित इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में काम करती है। इसके 27729 टेलीकॉम टावर हैं। ग्लोबल ग्रुप की नियंत्रक कंपनी ग्लोबल श्रीहोल्डिंग कार्पोरेशन जीटीएल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की प्रमुख प्रमोटर है। जीटीएल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के निदेशक बाला सुब्रमनियन नागराजन, दीना संजय हेतकर ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से 468.72 करोड़ और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स से 207.14 करोड़ रुपए सहित तेरह बैंकों का ४०६३ करोड़ और वित्तीय संस्थानों का तकरीबन 500 करोड़ मिलाकर कुल 4600 करोड़ रुपए का कर्ज नहीं लौटाया।

इसी धनराशि को लेकर सीबीआई ने कंपनी के निदेशकों विरुद्ध इसी वर्ष जनवरी में पहली रिपोर्ट दर्ज कराई थी। और दूसरी रिपोर्ट वैसीबीआई ने इसी माह 16 तारीख को दर्ज कराई। उधर सीबीआई ने 19 बैंक अफसरों के खिलाफ भी रिपोर्ट लिखाई है जिन्होंने अपने बकाया वसूली के लिए कंपनी की 3224 करोड़ रुपए की परिसंपत्तियों को सिर्फ 1867 करोड़ रुपए में ईएआरसी के हाथों बेंच दिया जबकि एक कर्जदाता केनरा बैंख ने इसका विरोध भी किया था। दर असल पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा,आईसीआईसीआई, यूबीआई सहित अन्य बैंकों के अधिकारियों ने ईएआरसी को बेंची गई परसंपत्तियों में कई करोड़ रुपए की रिश्वत ली थी। इस सौदे से जीटीएल इंफ्रास्ट्रक्चर को 1326 करोड़ रुपए की हानि उठानी पड़ी।

बैंक के साथ धोखाधड़ी का दूसरा मामला वरुण इंडस्ट्रीज लिमिटेड का है। सीबीआई ने दो अलग-अलग मामलों में रिपोर्ट दर्ज कराई है। एक मामला सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन बैंक के साथ 289 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का है।दूसरा मामला है जिसमें वरुण के प्रमोटरों किरन नवरतनमल मेहता, कैलाश एन. अग्रवाल और कुदेश टी. राजकोटवाला ने सिंडीकेट बैंक (जोकि केनरा बैंक में मर्ज कर दिया गया था) से 119 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की।

प्रणतेश बाजपेयी