लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पांचवें पूर्ण बजट में सबसे ज्यादा फोकस किसानों पर किया गया है। सरकार ने न सिर्फ खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य बढ़ाया है, बल्कि खेती में नई तकनीक को बढ़ावा देने के लिए कृषि शिक्षा और अनुसंधान पर भी जोर दिया है। कृषि की नई जानकारियों के प्रचार-प्रसार के लिए 20 नवीन कृषि विज्ञान केन्द्रों की स्थापना और कृषक उत्पादन संगठनों (एफपीओ) की स्थापना ब्लॉक स्तर पर करने का निर्णय लिया है।
इसके अलावा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से 18 सौ करोड़ रुपयों से ज्यादा की धनराशि की व्यवस्था बजट में की गई है।
किसानों की आय को 2022 तक दोगुना करने के लक्ष्य की पूर्ति के लिए सरकार की ओर से वित्तीय वर्ष 2021-22 से एक नई योजना ‘आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना’ की शुरूआत की जाएगी। इसके लिए सरकार ने 100 करोड़ रुपए की व्यवस्था की है।
इस योजना को सरकार की विभिन्न योजनाओं के बेहतर उपयोग के लिए अवस्थापना से संबंधित गैप्स को पूरा करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। इसमें प्रदेश के हर एग्रो क्लाईमेटिक जोन में अधिक उत्पादकता वाली फसलों का चिह्नीकरण, उत्पादकता कृषि के लिए नवीन तकनीक और निवेश को बढ़ावा, चयनित उत्पादों का मूल्य संवर्धन, बिक्री के लिए बाजार तैयार करना और ब्लॉक स्तर पर एफपीओ की स्थापना की जाएगी।
इसके अलावा बजट में मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत 600 करोड़, नहरों और सरकारी नलकूपों से किसानों को मुफ्त पानी की सुविधा के लिए 700 करोड़, किसानों को प्रारम्भिक सहकारी कृषि ऋण समितियों के माध्यम से रियायती दरों पर फसली ऋण उपलब्ध कराने को अनुदान के रूप में 400 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। सरकार की ओर से प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा और उत्थान महाभियान योजना के तहत खेतों में विभिन्न क्षमताओं के सोलर पम्पों की स्थापना कराई जा रही है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में 15000 सोलर पम्पों की स्थापना का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
कृषि शिक्षा और अनुसंधान के लिए सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स की स्थापना : कृषि अनुसंधान के सुदृढीकरण के लिए प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालयों के तहत सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स की स्थापना की जा रही है। राज्य सरकार की ओर से कृषि विश्वविद्यालय अयोध्या के तहत धान, कृषि विश्वविद्यालय कानपुर के तहत गेहूं और सब्जी, कृषि विश्वविद्यालय मेरठ के तहत बायो तकनीकी के प्रयोग से बासमती धान के फसल सुधार, कृषि विश्वविद्यालय बांदा के तहत शुष्क खेती और शुआट्स, कृषि विश्वविद्यालय प्रयागराज के तहत छोटे और मध्यम कृषि यंत्रों पर अनुसंधान के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेन्स की स्थापना की जा रही है।
17 कृषि विज्ञान केन्द्रों का संचालन हुआ शुरू : प्रदेश में कृषि की नई जानकारियों के प्रचार-प्रसार के लिए 20 नवीन कृषि विज्ञान केन्द्रों की स्थापना करने का निर्णय लिया गया है, जिसमें 17 कृषि विज्ञान केन्द्रों का संचालन शुरू हो गया है। शेष कृषि विज्ञान केन्द्रों को भूमि हस्तान्तरित कर संचालन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
पिछली सरकारों से अधिक किया गन्ना भुगतान : गन्ना किसानों को करीब 1 लाख 23 हजार करोड़ रुपए से अधिक के रिकार्ड गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया है। यह धनराशि पिछली सरकारों के तीन वर्षों के सम्मिलित गन्ना मूल्य भुगतान 53,367 करोड़ से 69,633 करोड़ अधिक और पांच वर्षों के सम्मिलित गन्ना मूल्य भुगतान 95,215 करोड़ से 27,785 करोड़ अधिक है।
किसानों को 45,350 करोड़ का किया भुगतान : रबी विपणन वर्ष 2020-2021 में कोविड-19 महामारी के कारण उपजी विषम परिस्थितियों के बाद भी प्रदेश में 5896 गेहूं क्रय केन्द्र स्थापित कर 35 लाख 76 हजार मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया, जिसके सापेक्ष किसानों के खातों में 6885 करोड़ का आनलाइन भुगतान किया गया। ऐसे ही खरीफ में मूल्य समर्थन योजना के तहत स्थापित 4453 क्रय केंद्रों के माध्यम से 15 फरवरी तक 65 लाख 50 हजार मीट्रिक टन से अधिक धान खरीद की गई, जिसके सापेक्ष किसानों के खातों में 11,145 करोड़ रुपए का आनलाइन भुगतान किया गया। जबकि अभी प्रदेश में 28 फरवरी तक धान खरीद होनी है। इसके अलावा 15 फरवरी तक 108 मक्का क्रय केन्द्रों के माध्यम से एक लाख छह हजार मीट्रिक टन से अधिक मक्के की खरीद की जा चुकी है, जिसके सापेक्ष 197 करोड़ का भुगतान किया गया है। इसके अलावा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत दो करोड़ 40 लाख किसानों को 27 हजार 123 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि का भुगतान डीबीटी के माध्यम से किसानों के बैंक खातों में किया गया है।
उत्तर भारत की पहली चीनी मिल बनी पिपराइच मिल : पीपराइच चीनी मिल गन्ने के रस से एथनाल बनाने वाली उत्तर भारत की पहली चीनी मिल बनेगी। पिपराइच चीनी मिल से 120 किलोलीटर प्रतिदिन क्षमता का आसवनी भी स्थापित की जा रही है, जो दिसम्बर में शुरू होना सम्भावित है। इसमें सीधे गन्ने के रस से एथनाल बनाने की सुविधा होगी। निगम क्षेत्र की पूर्वांचल में बन्द चीनी मिलों पिपराइच और मुंडेरवा के स्थान पर 5000 टीसीडी की नई चीनी मिलें और 27 मेगावाट क्षमता का कोजन संयंत्र स्थापित किया गया है।