भारत सरकार (जीओआई) और यूरोपीय निवेश बैंक (ईआईबी) ने एक वर्चुअल हस्ताक्षर समारोह के माध्यम से पुणे मेट्रो रेल परियोजना के लिए 150 मिलियन यूरो की दूसरी किश्त के लिए वित्त अनुबंध पर हस्ताक्षर किए।
हस्ताक्षर समारोह पुर्तगाल के विदेश मामले और सहयोग के विदेश सचिव फ्रांसिस्को आंद्रे और ईआईबी के अध्यक्ष वर्नर होयर की उपस्थिति में किया गया। भारत सरकार की ओर से वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग के अपर सचिव के.राजारमन ने ऋण पर हस्ताक्षर किए और ईआईबी की ओर से ऋण पर उपाध्यक्ष क्रिश्चियन केटटेल थॉमसन ने हस्ताक्षर किए।
ईआईबी ने पुणे मेट्रो रेल परियोजना को वित्तपोषित करने के लिए कुल 600 मिलियन यूरो के ऋण को मंजूरी दी थी। भारत सरकार और ईआईबी के बीच 22.7.2019 को 200 मिलियन यूरो की पहली किश्त के लिए वित्त अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे। इस परियोजना का उद्देश्य पुणे शहर में घनी आबादी वाले क्षेत्रों में कुशल, सुरक्षित, आर्थिक और प्रदूषण-मुक्त मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम प्रदान करते हुए भारी यातायात का एक विकल्प उपलब्ध कराना है।
ईआईबी से वित्तपोषण की मदद से कॉरिडोर 1 (उत्तर-दक्षिण)-पिंपरी चिंचवाड़ नगर निगम (पीसीएमसी) से स्वारगेट और कॉरिडोर 2 (पश्चिम-पूर्व)- वनाज (कोथरुड) से रामवडी तक, कुल 31.25 किलोमीटर (किमी) के निर्माण और संचालन में मदद के साथ-साथ मेट्रो कारों से संबंधित बेड़े की खरीद की जाएगी। इसके अलावा, इस परियोजना से बड़ी आबादी को लाभ मिलेगा जिसमें उनकी आजीविका के लिए शहरी गतिशीलता प्रदान करने हेतु इसमें श्रमिक वर्ग शामिल है। महाराष्ट्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (महामैट्रो) इस परियोजना की कार्यान्वयन एजेंसी है।