डिफेंस कॉरिडोर और एक्सप्रेस-वे की कतार, वाह! यूपी ने कर दिखाया

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यूपी आकर देखिए क्या होता है इंफ्रास्ट्रक्चर विकास: सीतारमण

विकास और समृद्धि से रोशन हुआ यूपी का हर कोना: केंद्रीय वित्त मंत्री

प्रदेश के औद्योगिक विकास की रफ्तार को केंद्रीय वित्त मंत्री ने सराहा, मोदी-योगी की जोड़ी को दिया श्रेय

यूपी के आर्थिक विकास की रीढ़ होगा गंगा एक्सप्रेस-वे: सीएम योगी

“गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना” क्रियान्वयन के लिए सिक्योरिटाइज़ेशन के आधार पर पंजाब नेशनल बैंक से ₹5,100 करोड़ की मिली ऋण-स्वीकृति

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में हो रहे इंफ्रास्ट्रक्चर विकास और तेजी से बढ़तीं औद्योगिक गतिविधियों की केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सराहना की है। सीतारमण ने कहा है उत्तर प्रदेश ने बीते चार-पांच वर्षों में पूर्वांचल एक्स्प्रेस-वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे गोरखपुर और बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे और अब गंगा एक्सप्रेस-वे जैसे विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर की श्रृंखला तैयार की है, उसने देश को एक नए यूपी से परिचय कराया है। प्रधानमंत्री के “वोकल फ़ॉर लोकल” की सोच यहां के ओडीओपी योजना में साफ झलकती है। यूपी डिफेंस कॉरीडोर की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जिस यूपी को आमतौर पर कृषि और एमएसएमई के लिए जाना जाता था, उसने इतने बड़े और महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के लिए न केवल रुचि दिखाई, बल्कि सफलतापूर्वक क्रियान्वित भी कर रहा है। स्वयं के लिए इसे एक चौंकाने वाली सफ़लता करार देते हुए सीतारमण ने इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शी जोड़ी को दिया।

केंद्रीय वित्त मंत्री, शनिवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में गंगा एक्सप्रेस-वे के सम्बंध में आयोजित बैठक में अपने विचार रख रहीं थीं। सरकारी नीतियों को अर्थपूर्ण दिशा देने के लिए योगी सरकार की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की योजनाओं को यूपी में जितनी तत्परता और सफलता के साथ क्रियान्वित किया गया है, वह औरों के लिए एक उदाहरण है।

अब देश के आर्थिक विकास का “ग्रोथ इंजन’ होगा यूपी: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई यह बैठक गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए वित्तीय संसाधन जुटाने के लिहाज से बेहद अहम थी। बैठक में पंजाब नेशनल बैंक के प्रबंध निदेशक-सह-सी.ई.ओ. एस.एस. मल्लिकार्जुन राव ने यूपी सरकार को ₹5,100 करोड़ के ऋण-स्वीकृति पत्र का हस्तांतरण किया।

इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश, न केवल भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का केंद्र रहा है, बल्कि अब देश के आर्थिक विकास का “ग्रोथ इंजन’ भी बन रहा है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के शिलान्यास समारोह में पीएम मोदी के कथन को दोहराते हुए योगी ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर, अर्थव्यवस्था की रीढ़ होती है। एक्सप्रेस-वे केवल सड़क भर नहीं है, इसके साथ-साथ दोनों ओर औद्योगिक क्लस्टर भी विकसित किये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के पश्चिम में स्थित मेरठ से पूरब के प्रयागराज तक बनने जा रहा गंगा एक्सप्रेस-वे, उत्तर प्रदेश के आर्थिकी की रीढ़ साबित होगी।

सार्वजनिक इंफ्रास्ट्रक्चर संपत्तियों के मुद्रीकरण का नवोन्मेषी प्रयास: सीएम योगी ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री ने अपने केंद्रीय बजट 2021-22 अभिभाषण में देश के विभिन्न भागों में समन्वित विकास के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर ज़ोर देते हुए ‘‘राष्ट्रीय इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन’’ और ‘‘राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन’’ की वृहद अवधारणा जाहिर की थी। इस इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन के लिए आवश्यक वित्तीय संसाधनों को जुटाने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री ने अन्य स्रोतों के अतिरिक्त मुद्रीकरण की प्रक्रिया को इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण वित्तपोषण विकल्प के रूप में सुझाया था। इस अवधारणा को आगे बढ़ाते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने गंगा एक्सप्रेसवे के लिए वित्तीय संसाधन जुटाने के एक अंश के रूप में बैंकों से सिक्योरिटाइज़ेशन आधारित ऋण की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया है। इसके अंतर्गत यूपीडा, जो कि राज्य में एक्सप्रेसवे निर्माण हेतु शासन द्वारा निगमित अथॉरिटी है, द्वारा पंजाब नेशनल बैंक से ₹5,100 करोड़ के ऋण की स्वीकृति प्राप्त की गई है, जिसका उपयोग उत्तर प्रदेश शासन द्वारा नव-निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना हेतु किया जाएगा। इस प्रकार से सार्वजनिक इंफ्रास्ट्रक्चर संपत्तियों के मुद्रीकरण का न सिर्फ प्रदेश में, बल्कि समस्त उत्तर भारत में यह प्रथम नवोन्मेषी प्रयास है।

उन्होंने रक्षा मंत्री के रूप में यूपी को डिफेंस कॉरीडोर का उपहार और प्रयागराज कुंभ में सनातन आस्थावलम्बियों के लिए “अक्षयवट” के दर्शन सुलभ कराने के लिए निर्मला सीतारमण के प्रति आभार भी जताया। साथ ही कहा कि, गंगा एक्सप्रेस-वे की लंबाई 594 किमी. होगी और यह उत्तर भारत का सबसे लम्बा और देश का दूसरा सबसे लम्बा एक्सप्रेस-वे होगा। इस एक्सप्रेस-वे के लिए आवश्यक भूमि के लगभग 92 प्रतिशत से अधिक भूमि खरीदी जा चुकी है। इसके निर्माण में लगभग 36,230.00 करोड़ का खर्च आएगा।

औद्योगिक विकास के क्षेत्र में जुड़े अनेक नए आयाम: बैठक में प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में हमारा राज्य निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। राज्य सरकार द्वारा पिछले चार वर्षों में चहुंमुखी औद्योगिक विकास के क्षेत्र में अनेकों नए आयाम जोडे़ हैं। राज्य में कोविड-19 महामारी के चलते हुए भी औद्योगिक निवेश को बढ़ावा दिए जाने के साथ साथ समस्त उत्तर प्रदेश क्षेत्र को राष्ट्रीय बाज़ारों से त्वरित कनेक्टिविटी देने के लिए एक्सप्रेसवे का नेटवर्क विकसित किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का निर्माण लगभग पूर्ण होने की प्रक्रिया में है, साथ ही बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का 70 प्रतिशत काम पूर्ण हो गया है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के माध्यम से गोरखपुर क्षेत्र को, बलिया लिंक एक्सप्रेसवे के माध्यम से बलिया और उसके आस-पास के क्षेत्र को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ कर इन क्षेत्रों को तीव्र गति की कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी। इससे पहले, पंजाब नेशनल बैंक के प्रबंध निदेशक-सह-सी.ई.ओ. एस.एस. मल्लिकार्जुन राव ने यूपी सरकार की निवेश नीतियों और सहयोगात्मक रवैये की सराहना की और प्रदेश के विकास में भागीदारी के लिए बैंक की ओर से धन्यवाद भी जताया। बैठक में आभार ज्ञापन यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी ने गंगा एक्सप्रेस-वे सहित यूपीडा की विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति का संक्षिप्त परिचय देते हुए सभी के प्रति आभार भी जताया।