वैष्णव परंपरा की आभा से आलोकित होगी अवधपुरी

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लखनऊ। भगवान राम की नगरी अवधपुरी वैष्णव परंपरा की आभा से आलोकित होगी। अयोध्या के सम्पूर्ण विकास में जुटी योगी सरकार ने इसको लेकर मास्टर प्लान तैयार कर लिया है। इसके तहत वहां बनने वाले विभिन्न नये सरकारी भवनों एवं होटल में नागर शैली की वास्तुकला की झलक देखने को मिलेगी। सरकार का प्रयास यह भी है कि अयोध्या में बनने वाले विभिन्न राज्यों के भवन भी इसी अनुरूप हों। साथ ही भवनों के नाम भी पौराणिक चरित्रों पर आधारित होंगे।

मुख्यमंत्री योगी की मंशा है कि अयोध्या आने वाले पर्यटकों को सिर्फ राम धुन ही न सुनाई दे बल्कि त्रेतायुगीन चरित्रों के दर्शन भी हों। इसके लिए वहां बन रहे भवनों के नाम कौशल्या, वशिष्ठ, उर्मिला, श्रुतिकीर्ति, मांडवी जैसे पौराणिक चरित्रों के नाम पर रखे जाएंगे। वहां बने हवाई अड्डे का नाम मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्री राम के नाम पर और मेडिकल कॉलेज का नाम राजा दशरथ के नाम पर रखा जा चुका है। साथ ही विशिष्ट वास्तुकला के बारे में जानकारी देते हुए भवनों पर पट्टिका भी लगाई जाएगी, जिससे आने वाली पीढ़ी को वैष्णव सम्प्रदाय की वास्तुकला के बारे में जानकारी मिल सके।

नगर निगम में होगा पुस्तकालय : सदर तहसील के पीछे 2 एकड़ से ज्यादा की भूमि पर 4630.70 लाख रुपये की लागत से बन रहे नये नगर निगम भवन की वास्तुकला में वैष्णव संस्कृति के दर्शन होंगे। यह भवन भूतल के साथ चार तल का होगा। साथ ही इसमें सभी पार्षदों का एक-एक कक्ष होगा। चूंकि नगर निगम किसी भी शहर का सबसे मुख्य भवन होता है इसको देखते हुए इसमें एक पुस्तकालय बनाया जाएगा। जिसमें शहर के गजेटियर के साथ-साथ अयोध्या के इतिहास से जुड़ीं सभी पुस्तकें, शोध एवं काव्य उपलब्ध होंगे।

चार मंजिला होगी मल्टीलेवल पार्किंग : इसके साथ ही 3708.49 लाख रुपये की लागत से मल्टीलेवल पार्किंग बनाई जाएगी, जिसमें व्यवसायिक गतिविधयां भी संचालित होंगी। चार मंजिला बन रहे इस मल्टीलेवल पार्किंग में 282 चार पहिया वाहन और 309 दो पहिया वाहन खड़े हो पाएंगे। इसके अलावा 15 दुकानें एवं एक कैंटीन की व्यवस्था भी रहेगी।

16 संस्कारों को प्रदर्शित करेगा बैकुंठ धाम : राम नगरी में 1506.66 लाख रुपये की लागत से बन रहा श्मशान घाट में सुन्दरीकरण का विशेष ध्यान रखा जाएगा। 16 संस्कारों को दर्शाते हुए संस्कार वाटिका बनाई जाएगी, जिसमें सनातन धर्म के महत्वपूर्ण संस्कारों को प्रदर्शित करते हुए 16 खम्भे होंगे। योजना के अंतर्गत बैकुंठ धाम 2 विद्युत फायर शेड, 2 ग्रीन फायर शेड, 10 पारम्परिक फायर शेड और दशगात्र के लिए 1 शेड होगा।