आवोशिमा द्वीप:बिल्लियों की बादशाहत………… इंसान पर बिल्ली की हुकूमत हो तो आश्चर्य ही होगा। जी हां, जापान के ‘आवोशिमा” में बिल्लियों के समूह की हुकूमत चलती है। इंसानी आबादी से कहीं अधिक बिल्लियां ‘आवोशिमा” में मिलेंगी। ‘आवोशिमा” जापान का एक विकसित द्वीप है। इसे ‘बिल्ली द्वीप” भी कहा जाता है। इसे नेको नशिमा के नाम से भी जाना जाता है।
‘आवोशिमा” में बिल्लियों की इजाजत के बिना कोई हलचल नहीं होती। या यूं कहें कि बिल्लियों की इजाजत के बिना पत्ता भी नहीं हिलता। ‘आवोशिमा” में बिल्लियों का एक बड़ा समूह है। आंकलन है कि इस द्वीप में सौ से कई गुना बिल्लियां होंगी। ‘आवोशिमा” द्वीप जापान के एहिम में स्थित है। ‘आवोशिमा” द्वीप में कुल सवा दर्जन इंसानों की आबादी है। इनमें चार व्यक्ति मछुआरे हैं। शेष अन्य व्यक्ति पचास से अस्सी वर्ष आयु के हैं। इनमें भी अधिसंख्य व्यक्ति सेवानिवृत्त हैं।
विशेषज्ञों की मानें तो द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान द्वीप की बड़ी आबादी पलायन कर गयी थी। आंकलन है कि वर्ष 1960 की अवधि में इस द्वीप की आबादी 655 थी। रोजगार के पर्याप्त अवसर भी नहीं थे। लिहाजा बड़ी संख्या में आबादी ने द्वीप को छोड़ दिया। बच्चों की शिक्षा के लिए प्राथमिक विद्यालय था। वर्ष 1976 में प्राथमिक विद्यालय भी बंद हो गया। इस द्वीप तक पहंुचने का एक मात्र माध्यम नौकायन है।
हालात यह रहे कि ‘आवोशिमा” द्वीप की आबादी कम होती गयी। बिल्लियों की आबादी बढ़ती गयी। बिल्लियों की संख्या पहले से ही काफी थी लेकिन वर्ष 2000 के बाद से ‘आवोशिमा” में बिल्लियों की संख्या तेजी से बढ़ी। चूंकि ‘आवोशिमा” द्वीप में न कोई कार है आैर न कोई बाइक ही है। लिहाजा ‘आवोशिमा” शत-प्रतिशत ईको-फ्रैण्डली है। ‘आवोशिमा” में बिल्लियां स्वच्छंद विचरण करती हैं क्योंकि जीवन या अस्तित्व को कहीं कोई खतरा नहीं है। खास यह कि बिल्लियों को आजादी में कोई खलल कतई बर्दास्त नहीं।
लिहाजा ‘आवोशिमा” के घर-मकान खुले ही रहते हैं। खाना न मिलने से लेकर आरामदेह जिंदगी में कहीं कोई दिक्कत होने पर बिल्लियां हंगामा खड़ा कर देती हैं। यह हंगामा एकल न होकर समूह में होता है। लिहाजा आबादी के घर-मकान खुले ही रहते हैं। जिससे बिल्लियां आरामदायक तौर तरीके से शांतिपूर्वक रह सकें। हालात यह हैं कि ‘आवोशिमा” द्वीप की इंसानी आबादी के पारिवारिक सदस्यों की भांति यह बिल्लियां रहती हैं।
‘आवोशिमा” द्वीप का दायरा अर्थात क्षेत्रफल 1.60 किलोमीटर लम्बा है। ‘आवोशिमा” कभी जापान के किटा जिला में नागाहमा का हिस्सा था। ‘आवोशिमा” को देखा जाये तो प्राणी उद्यान में तब्दील हो चुका है। ‘आवोशिमा” तक पहंुचने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता है। पोर्ट नागामा से ‘आवोशिमा” द्वीप तक पहंुचने में तीस मिनट का समय लगता है। इस ‘आवोशिमा” खास द्वीप पर आने जाने वाले पर्यटकों की संख्या भारी होती है।