धरती हमारी माता, अपनी मिट्टी से हम सबको अनुराग

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘मिट्टी सुरक्षा’ के लिए प्रदेशवासियों का आह्वान किया है। उन्होंने कहा है कि भारतीय संस्कृति में धरती को माता तुल्य माना गया है। हम सभी को इससे विशेष अनुराग है। आज के दौर की चुनौतियों के बीच हमें अपने स्वास्थ्य के साथ-साथ धरती की सेहत के प्रति भी जागरूक होना होगा। पेस्टीसाइड आदि विभिन्न केमिकल के दुष्प्रभावों से मिट्टी को बचाने के लिए प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित कर रही है। हर प्रदेशवासी को इस कार्यक्रम से जुड़ना चाहिए।

मुख्यमंत्री योगी, मंगलवार को ईशा फाउंडेशन द्वारा ‘मिट्टी बचाओ’ अभियान के तहत आयोजित विशेष कार्यक्रम में जनता को संबोधित कर रहे थे। आध्यत्मिक गुरु सद्गुरु जग्गी वासुदेव द्वारा ‘मिट्टी बचाओ’ का संदेश लेकर 27 देशों की 100 दिवसीय 30 हजार किलोमीटर यात्रा कार्यक्रम की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने मिट्टी की सुरक्षा के लिए आमजन में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता बताई। सद्गुरु के पिछले अभियान ‘रैली फ़ॉर रिवर’ का संदर्भ लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 में नदी संरक्षण का पवित्र अभियान लेकर सद्गुरु का लखनऊ आगमन हुआ था। प्रदेश सरकार ने भी इस अभियान में भागीदारी की थी और तब से अब तक अंतर्विभागीय समन्वय के माध्यम से 60 से अधिक नदियों को पुनर्जीवन दिया गया है। यही नहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से जारी ‘नमामि गंगे’ अभियान के तहत कानपुर का सीसामऊ नाला, जहां कभी 14 करोड़ लीटर सीवर गिरता था, आज सेल्फी पॉइंट बन गया है और गंगा जी में एक भी बूंद गंदा पानी नहीं जाता। इसी तरह, कानपुर में ही जाजमऊ नाले में फिर से जलीय जीवन साकार हो सका है।

जैविक उत्पादों की बेहतर ब्रांडिंग में सहयोग : उत्तर प्रदेश की प्रचुर प्राकृतिक संपदा और सांस्कृतिक व आध्यत्मिक परंपरा का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा मृदा परीक्षण के लिए वर्ष 2014 में शुरू किए गए ‘सॉयल हेल्थ कार्ड’ की महत्ता पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि हम सभी अपनी सेहत का तो नियमित परीक्षण कराते हैं, लेकिन जिस मिट्टी से हमें भोजन मिलता है, उसके स्वास्थ्य की जांच की जरूरत किसी ने न समझी। प्रधानमंत्री मोदी ने इस विषय पर देश का ध्यान आकृष्ट किया और इसके सकारात्मक परिणाम हम सभी देख रहे हैं। इस प्रयास को आगे बढ़ाते हुए अब केंद्र व राज्य सरकार ने प्राकृतिक खेती का विशेष अभियान शुरू किया है। इसके तहत बुंदेलखंड के सभी 07 जिलों में किसानों को खेती की इस महत्वपूर्ण विधा से जोड़ने का कार्यक्रम चल रहा है तो गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों में भी किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ा जा रहा है।

सीएम ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा जैविक उत्पादों के गुणवत्ता परीक्षण के लिए मण्डल स्तर पर टेस्टिंग लैब स्थापित कर रही है। यही नहीं, सरकार जैविक उत्पादों की ब्रांडिंग, पैकेजिंग और मार्केटिंग के लिए भी किसानों का सहयोग करेगी। सद्गुरु जग्गी वसुदेव की मौजूदगी में आयोजित इस विशिष्ट आयोजन में सीएम ने बीते 05 वर्षों में हुए 100 करोड़ पौधारोपण और इस वर्ष के 35 करोड़ पौधारोपण अभियान और बाढ़ की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में किए गए नियोजित प्रयासों का भी परिचय दिया।