लखनऊ। गर्भावस्था के दौरान रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) कमजोर होने के कारण गर्भवती के कोरोना व अन्य संक्रामक बीमारियों की चपेट में आने की संभावना ज्यादा रहती है। ऐसे में गर्भवती खुद के साथ गर्भ में पल रहे शिशु की सुरक्षा के लिए कोविड का टीका लगवाने के साथ ही खानपान और कोविड प्रोटोकाल का खास तौर पर ख्याल रखें। केंद्र सरकार के विशेषज्ञ सलाहकार समूह का भी कहना है कि सभी गर्भवती और धात्री महिलाओं के लिए कोविड-19 का टीका पूरी तरह सुरक्षित है।
राजधानी लखनऊ में मंगलवार को दो गर्भवती कोरोना संक्रमित पाई गईं, बाद में पता चला कि उन्होंने कोविड टीके की एक भी डोज नहीं लगवाई थी। ऐसे में गर्भवती व उनके परिजन निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचकर कोविड का टीका जरूर लगवाएं। टीका कोरोना की गंभीर स्थिति में जाने से बचाएगा। टीकाकरण गर्भवती को अन्य लोगों की तरह ही कोविड-19 से सुरक्षित बनाता है।
इसके साथ ही यह भी जानना जरूरी है कि किसी भी अन्य वैक्सीन की तरह, इस टीका से भी हलके बुखार, इंजेक्शन के स्थान पर दर्द और एक-दो दिन के लिए अस्वस्थ महसूस कर सकते हैं। इसमें घबराने वाली कोई बात नहीं है। इसलिए वह गर्भवती जिनका कामकाज के सिलसिले में ज्यादा बाहर निकलना होता है और लोगों से मिलना-जुलना होता है, उनके साथ ही हर गर्भवती के लिए यही सलाह है कि वह जल्द से जल्द कोविड का टीका लगवा लें, इससे यदि वह कोरोना की चपेट में आती भी हैं तो गंभीर स्थिति में जाने से बच सकती हैं।
कोविड-19 का टीका गर्भावस्था के दौरान कभी भी दिया जा सकता है। उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) वाली महिलाएं जैसे- पहले से रोग ग्रसित गर्भवती, मां की अधिक आयु और उच्च बॉडी मॉस इंडेक्स (बीएमआई) के लिए कोविड का गंभीर लक्षण जोखिम से भरा हो सकता है। इसके अलावा पहले से मौजूद चिकित्सा स्थितियां जैसे मधुमेह, हृदय रोग से ग्रसित, सीओपीडी, अस्थमा, लिस्टिक फाइब्रोसिस जैसी पुरानी सांस सम्बन्धी स्थिति, डायलिसिस या एडवांस क्रोनिक किडनी रोग, इम्यूनोसप्रेसिव उपचार करवाने वाले मरीज, होमोजिगस सिकल सेल रोग, अंग प्रत्यारोपण प्राप्तकर्ता वाली गर्भवती में जोखिम की संभावना अधिक रहती है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन-उत्तर प्रदेश के महाप्रबंधक- मातृत्व स्वास्थ्य व टीकाकरण डॉ. मनोज शुकुल का कहना है कि कोविड टीकाकरण के साथ ही गर्भवती अपने खानपान का भी पूरा ख्याल रखें ताकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे और उनका शरीर संक्रामक बीमारियों से आसानी से लड़ सके। वह अपने भोजन में हरी साग सब्जियों को जरूर शामिल करें और चिकित्सक के बताए अनुसार आयरन व कैल्शियम की गोलियों का भी सेवन करें।
इसके अलावा कोविड प्रोटोकाल का भी पालन पूरी तरह से करें, बहुत जरूरी होने पर ही बाहर जाएँ और इस दौरान मास्क जरूर लगाकर रखें, भीड़भाड़ में बिल्कुल न जाएँ। घर पर आने वाले मेहमानों से भी दो गज की दूरी बनाकर रखें और खाना बनाने, खाने से पहले और शौच के बाद साबुन-पानी से हाथों को अच्छी तरह से अवश्य धुलें। इसके अलावा हर गर्भवती प्रसव पूर्व चार जांच जरूर कराएं ताकि किसी भी उच्च जोखिम वाली स्थिति का पहले से पता चल सके। इससे सुरक्षित प्रसव में बड़ी मदद मिल सकती है।