लखनऊ। इंडोक्राइन एंड ब्रेस्ट सर्जन डाक्टर प्रतीक के. मेहरोत्रा ने कहा कि डायबिटीज अनियंत्रित होने पर डायबिटीक फुट की समस्या को अनदेखा न करें। समय समय पर मधुमेह के रोगी अपने पैरों की नियमित जांच करें, किसी तरह का कोई घाव या कट होने पर तुरंत डॉक्टर को अवश्य दिखाएं।
वरिष्ठ पेरिफेरल वैस्कुलर और एंडोवैस्कुलर सर्जन डॉक्टर यशपाल सिंह ने स्लाइड शो के माध्यम से डायबिटिक फुट की समस्या व उसके इलाज के संबंध में जानकारी दी। डायबिटीज के रोगियों को पैरों की देखभाल करना अति आवश्यक है। मरीज को डायबिटिक फुट की समस्या होने पर उसको तुरंत ही चिकित्सक को दिखाना चाहिए। पैरों में आरामदायक व डायबिटीज के मरीजों हेतु बनाई गई चप्पल या जूते ही प्रयोग करना चाहिए ताकि किसी प्रकार का कोई घाव होने की संभावना न रह जाए। डायबिटीज के रोगियों को नंगे पैर नहीं चलना चाहिए।
विश्व मधुमेह दिवस के उपलक्ष्य में गोमती नगर स्थित सहारा हॉस्पिटल में नि:शुल्क चिकित्सा शिविर और डायबिटीज से बचाव, प्रबंधन और उसकी देखभाल पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। शिविर प्रातः: नौ बजे से अपराह्न दो बजे तक चला। इस दौरान करीब दो सौ से अधिक लोगों की शुगर लेवल और एचबीएवनसी नि:शुल्क जांच की गयी और डायबिटीज प्रबंधन के लिए खानपान की जानकारी दी गयी। साथ ही मधुमेह बीमारी के प्रति जागरूकता हेतु इससे सम्बंधित पुस्तिका भी वितरित की गयी।
हॉस्पिटल में एक तरफ चिकित्सा शिविर तो दूसरी तरफ डायबिटीज, किडनी, नेत्र, मनोरोग और डेंटल के चिकित्सकों ने व्याख्यान दिया। सबसे पहले हास्पिटल के सीनियर एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉक्टर संतोष चौबे ने बताया कि आधुनिक जीवन शैली गलत लाइफस्टाइल और खान-पान लोगों को मधुमेह का मरीज बना रही है। इसका प्रबंधन न करने पर शरीर के कई अंगों पर दुष्प्रभाव पड़ता है, जो आगे चलकर मृत्यु का कारण बन सकता है।
वरिष्ठ नेफ्रोलॉजिस्ट डाक्टर शशांक गुप्ता ने कहा कि मधुमेह के दुष्प्रभावों का असर किडनी पर भी पड़ता है। ऐसे में जरूरी है कि इसकी देख देख सही तरीके से की जाए। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नितिन मित्तल ने डायबिटिक रेटिनोपैथी विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने डायबिटीज के मरीजों को अपनी आंखों की जांच छह माह पर या एक साल में जरूर करवाने की सलाह दी। लापरवाही करने पर समस्याओं पर सामना करना पड़ सकता है।
सीनियर साइकेट्रिक डॉक्टर अर्चना शुक्ला ने तनाव को मधुमेह का सबसे बड़ा कारण बताया। ऐसे में सकारात्मक सोच बनाये रखना बेहद जरूरी है। सीनियर डेंटल सर्जन डॉक्टर एसपीएस तुलसी ने मधुमेह के मरीजों के लिए दांतों का इंप्लांट, आरसीटी आदि कराते समय प्रबंधन के महत्व की जानकारी दी। इस कार्यक्रम में सहारा हॉस्पिटल की डायटिशियन टीम द्वारा मधुमेह संबंधित आहार की समुचित जानकारी काउंसलिंग की माध्यम से प्रदान की।
विश्व मधुमेह दिवस” पर सहारा इंडिया परिवार के वरिष्ठ सलाहकार अनिल विक्रम सिंह ने बताया कि सहारा हॉस्पिटल में मधुमेह बीमारी से संबंधित इलाज हेतु सम्बंधित विभागों की कुशल टीम जिसमें एंडोक्रिनोलोजिस्ट मेटाबॉलिज्म व डायबिटोलॉजिस्ट, नेफ्रोलॉजिस्ट (किडनी रोग विशेषज्ञ), नेत्र रोग विशेषज्ञ, डायबिटिक फुट एक्सपर्ट, वैस्कुलर एंडोवस्कुलर सर्जन एवं मानसिक रोग विशेषज्ञ, डायबिटीज परामर्श सहित एक ही छत के नीचे उपलब्ध है।