मृत दलित के बारे में क्यों खामोश हैं मायावती

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बहनजी की खामोशी साबित करती है कि उनके लिए दलित सिर्फ वोट बैंक

सही मायनों में वह दौलत की ही बेटी हैं, दलित तो उनके लिए सिर्फ राजनीति का माध्यम

लखनऊ। राज्यसभा सदस्य बृजलाल ने लखीमपुर की घटना में मृत दलित की मौत पर दलितों की कथित रहनुमा और बसपा सुप्रीमो मायावती की खामोशी पर सवाल उठाए हैं। इस बाबत जारी बयान में प्रदेश के पूर्व डीजीपी ने कहा कि लखीमपुर की घटना पर अपने बयानों के जरिये लगातार घड़ियाली आंसू बहाने वाली बहनजी के आंसू मृत दलित के प्रति संवेदना जताने में क्यों सूख गए? यह इस बात का सबूत है कि उनका दलित प्रेम हाथी के दांत की तरह सिर्फ दिखावा है। सही मायनों में वह दौलत की ही बेटी हैं।

बृजलाल ने कहा कि बहनजी के लिए दलित सिर्फ वोट बैंक हैं। उनके दुख-दर्द से उनका कोई सरोकार नहीं। सरोकार होता तो उक्त घटना में मृत दलित के बाबत दो शब्द जरूर बोलतीं। इस घटना को लेकर उनसे सरकार को नसीहत नहीं चाहिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृत किसानों के परिजनों के बारे में उतना किया जितना आप (मायावती) सोच भी नहीं सकती। मामला सुलझाने के लिए वह पूरी रात जगे रहे। मौके पर वरिष्ठ अफसरों को भेजा। मृतक आश्रितों को 45 लाख रुपये का आर्थिक सहयोग, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी के साथ घटना की तेजी से निष्पक्ष न्यायिक जांच की घोषणा भी कर चुके हैं।

उन्होंने बसपा सुप्रीमो पर निशाना साधते हुए कहा कि आपके दुख की वजह जनता समझ रही है। आपको इस घटना पर राजनीतिक रोटी सेंकने का समय न मिलना ही आपके दुःख की असली वजह है। यकीनन योगीजी की सरकार में आपको यह मौका कभी मिलेगा भी नहीं। आपकी कलई खुलने के साथ ही आपकी राजनीति भी खत्म हो चुकी है। आपकी हाथी 2014 में ही बैठ चुकी है। अब वह उठने से रही। बाकी गाल बजाते रहिये। कोई फर्क नहीं पड़ने वाला।