कानपुर l हार्ट अटैक के 35 फ़ीसदी मामले 35 वर्ष से कम उम्र के लोगों में दिखाई दे रहे हैं। दिल के रोगों से जुड़े दूसरे आंकड़े भी निराशाजनक ही हैं। गलत खानपान, नींद व व्यायाम की कमी, विपरीत स्थितियों में तनाव पर काबू न रख पाना, बढ़ता प्रदूषण और आनुवंशिक कारक और भी कई बातें दिल की सेहत पर गलत असर डालती हैं। आंकड़ों के अनुसार बीते वर्ष 27 लाख लोगों की मौत हृदय रोगों के कारण हुई है।
उपरोक्त बात सोसाइटी योग ज्योति इंडिया के तत्वाधान में राष्ट्रीय युवा हिंदू वाहिनी नीतू शर्मा के सहयोग से नशा हटाओ प्रदूषण मिटाओ दिल बचाओ कोरोना भगाओ अभियान के तहत वर्ल्ड हार्ट डे पर संस्था कार्यालय में आयोजित ई-संगोष्ठी शीर्षक यह दिल दीवाना कहीं गलत जीवनशैली से ना बन जाए रोगों का खजाना पर अंतरराष्ट्रीय नशा मुक्त अभियान के प्रमुख योग गुरु ज्योति बाबा ने कही।
ज्योति बाबा ने कहा कि युवाओं में सडेन कार्डियक डेथ ए सी डी के मामले ज्यादा देखे जा रहे हैं। जैसे कोई खेल खेलते हुए जिम में एक्सरसाइज करते हुए डांस करते हुए या कई बार नींद में ही लोगों का दिल बंद हो जाता है। इसका प्रमुख कारण हृदय की धड़कन अनियंत्रित हो जाना है। ज्योति बाबा ने कहा कि हार्ट के रोगों से बचने के लिए सोच को सकारात्मक रखें, तनाव व गलत विचारों को दिमाग पर हावी ना होने दें, रोज कम से कम आधा घंटा व्यायाम ब्लड प्रेशर व ब्लड शुगर नियंत्रित रखें। जहां तक हो सके जंक फूड से परहेज करें सुबह नाश्ता जरूर करें और रात को सोने से 2 घंटे पहले भोजन जरूर कर लें इत्यादि बातें जरूरी हैं।
राष्ट्रीय संरक्षक डॉ आर पी भसीन ने कहा कि हार्टअटैक दिल की किसी मांस पेशी में रक्त का संचार रुक जाता है तो इस स्थिति को सहज भाषा में हार्ट अटैक कहते हैं।