भाजपा की सोशल इंजीनियरिंग ने बढ़ाईं विपक्ष की मुश्किलें

0
878

जितिन प्रसाद, चौधरी वीरेंद्र सिंह गुर्जर, निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद और गोपाल अंजान भुर्जी बनेंगे एमएलसी

सरकार में ज्यादातर युवा और संगठन के लिए समर्पित चेहरों को मिली जगह

लखनऊ। भाजपा सरकार के तीसरे मंत्रिमंडल विस्तार में सबका साथ, सबका विकास फार्मूले को मूर्त रूप दिया गया है। कैबिनेट विस्तार में हर तबके को प्रतिनिधित्व दिया गया है। साथ ही सामाजिक संतुलन का भी ध्यान रखा गया है। विस्तार से भाजपा ने लोगों में समरसता का संदेश और अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को अवसर दिया है। इसके अलावा पंडित दीनदयाल जी के सपने को साकार करने के दिशा में बड़ी पहल की है। वहीं, दूसरी तरफ पार्टी की ओर से एमएलसी के लिए शाहजहांपुर के जितिन प्रसाद, शामली के चौधरी वीरेंद्र सिंह गुर्जर, गोरखपुर के निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद और मुरादाबाद के गोपाल अंजान भुर्जी के नाम पर मुहर लगा दी गई है।

मंत्रि मंडल विस्तार में सरकार ने सोशल इंजीनियरिंग के साथ क्षेत्रीय समीकरण का भी खासा ध्यान रखा है। नए मंत्रियों में ज्यादातर चेहरे युवा हैं। सामाजिक समीकरण को अगर देखें, तो एक सवर्ण जाति से ब्राह्मण, तीन ओबीसी, एक अनुसूचित जनजाति और दो अनुसूचित जाति के नेताओं को मंत्री बनाया गया है। प्रदेश की राजनीति में पहली बार भुर्जी समुदाय के नेता को एमएलसी भी बनाया गया है। इससे इन जातियों में भाजपा की पकड़ मजबूत होगी और सामाजिक संतुलन सधने से 2022 में जीत की राह भी प्रशस्त होगी। चुनाव के ठीक पहले भाजपा के इस गुगली से विपक्षी दलों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

यह बने मंत्री : जितिन प्रसाद शाहजहांपुर से ब्राह्मण और सवर्ण चेहरे हैं और हाल ही में कांग्रेस छोड़कर उन्होंने भाजपा का दामन थामा था। कांग्रेस सरकार में वह दो बार केंद्रीय राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। भाजपा ने उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया है। इसी तरह गाजीपुर से संगीता बलवंत बिंद सदर सीट से विधायक हैं। पिछड़ी जाति (मल्लाह) समाज से आती हैं और 2017 में पहली बार विधायक चुनी गई हैं। इन्हें राज्य मंत्री बनाया गया है। आगरा से धर्मवीर प्रजापति (कुम्हार) विधान परिषद सदस्य हैं और उत्तर प्रदेश माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष हैं। ये पश्चिमी यूपी से हैं और ओबीसी समाज से आते हैं। इन्हें भी राज्य मंत्री बनाया गया है।

बलरामपुर सदर से पलटूराम सोनकर विधायक हैं। वह 2017 में पहली बार चुनाव जीते थे। अनुसूचित जाति से आने पलटूराम की दलित समुदाय में अच्छी पकड़ है। इन्हें राज्यमंत्री बनाया गया है। मेरठ जिले के हस्तिनापुर विधानसभा सीट से दिनेश खटिक विधायक हैं और वह 2017 में पहली बार विधायक बने थे। इससे पहले वह संगठन में कई पदों पर रह चुके हैं। यह भी दलित समुदाय से आते हैं और इन्हें भी राज्यमंत्री बनाया गया है।

सोनभद्र जिले के ओबरा सीट से संजीव कुमार गौड़ पहली बार 2017 में विधायक बने थे। वह अनुसूचित जनजाति समाज से आते हैं और उन्हें राज्यमंत्री बनाया गया है। छत्रपाल सिंह गंगवार बरेली जिले की बहेड़ी विधानसभा सीट से दूसरी बार विधायक चुने गए हैं। वह कुर्मी समाज से आते हैं और भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं। इन्हें भी राज्यमंत्री बनाया गया है।