अब ड्रोन पहुंचाएंगे कोरोना वैक्सीन

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सरकार देश में ड्रोन के उपयोग का दायरा बढ़ाने और राष्ट्र के कोविड -19 महामारी से लड़ने के लिए वैक्सीन वितरण के वास्ते ड्रोन उड़ानों की सशर्त छूट प्रदान कर रही है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय (एमओसीए) और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने तेलंगाना राज्य सरकार को कोविड टीके की डिलीवरी के लिए प्रायोगिक तौर पर बियॉन्ड विजुअल लाइन ऑफ साइट (बीवीएलओएस) ड्रोन उड़ानों के संचालन की सशर्त छूट दे दी है।

यह छूट एक वर्ष की अवधि के लिए या फिर अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, तक ही मान्य होगी।पिछले महीने, तेलंगाना सरकार को ड्रोन का उपयोग करके विज़ुअल लाइन ऑफ़ साइट (वीएलओएस) रेंज के भीतर ही कोविड -19 के टीकों की प्रायोगिक डिलीवरी करने के लिए सशर्त छूट प्रदान की गई थी।

इससे पहले, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) को आईआईटी कानपुर के सहयोग से ड्रोन का उपयोग करते हुए कोविड -19 वैक्सीन की डिलीवरी की व्यवहार्यता का अध्ययन करने के लिए पिछले महीने सशर्त छूट दी गई थी।

इसका मकसद भारत भर में लाखों टीकों के परिवहन के साथ ही, स्वास्थ्य देखभाल के लिए हरेक तक आसानी से पहुंच सुनिश्चित करना, देश के अंतिम छोर तक और अंतिम घर तक, विशेष रूप से दूरदराज के क्षेत्रों में स्वास्थ्य देखभाल की पहुंच बनाना, लंबी दूरी के लिए चिकित्सा सहायता पहुंचाने में ड्रोन की सहायता लेना और चिकित्सा आपूर्ति श्रृंखला में सुधार करना है।

तेलंगाना सरकार द्वारा टीकों की डिलीवरी के लिए प्रायोगिक बियॉन्ड विजुअल लाइन ऑफ साइट ड्रोन उड़ानों के संचालन के लिए एक शर्त यह है कि ड्रोन उड़ाने की अधिकतम ऊंचाई जमीनी स्तर (एजीएल) से 400 फीट तक ही है।

स्थितियों को देखते हुए ड्रोन का संचालन स्थानीय सूर्योदय और स्थानीय सूर्यास्त के बीच ही सीमित रहेगा। यह भी कहा गया है कि दृश्य मौसम संबंधी स्थिति (वीएमसी) को टेक-ऑफ और लैंडिंग स्थलों पर प्रबल होना चाहिए। इसके अलावा, शर्त यह भी है कि ड्रोन निर्माता द्वारा निर्धारित मौसम सीमा का अनुपालन किया जाएगा।