लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश में बेडों की क्षमता में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। मुख्यमंत्री खुद कोरोना पॉजिटिव होने के बाद भी टीम 11 के अधिकारियों के साथ रोजाना मीटिंग कर रहे हैं और प्रदेशभर के अस्पतालों में बेड्स की क्षमता को लेकर मॉनिटरिंग कर रहे हैं। ऐसे में अब मुख्यमंत्री योगी ने प्रदेश में 33 हजार बेड और बढ़ाने के निर्देश दे दिए हैं, ताकि प्रदेश में बेडों को लेकर कोई किल्लत न रहे।
कोरोना महामारी से निपटने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक्शन में हैं। प्रदेश में किसी भी मरीज को बेड की किल्लत न हो, इसके लिए मुख्यमंत्री योगी ने प्रदेश में कोविड संकट से निपटने के लिए प्रदेश में करीब 33 हजार बेड तत्काल बढ़ाने के निर्देश दे दिए हैं। प्रदेश में फिलहाल एल-1, एल-2, एल-3 के करीब एक लाख 80 हजार बेड के अतिरिक्त 33 हजार और बेडों को बढ़ाने का निर्देश आज मुख्यमंत्री योगी ने दिया है।
मुख्यमंत्री योगी ने स्वास्थ्य विभाग को 15 हजार और चिकित्सा शिक्षा विभाग को 18 हजार अतिरिक्त बेड तत्काल बढ़ाने की जिम्मेदारी दी है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा 15 हजार बेड के सापेक्ष प्रदेश के सभी 75 जिलों में निगरानी करते हुए तत्काल 200 बेड बढ़ाए जाएंगे।
प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग आलोक कुमार ने बताया कि प्रदेश में राजकीय क्षेत्र के तहत 25 और निजी क्षेत्र के तहत कुल 33 मेडिकल कॉलेज, चिकित्सा विश्वविद्यालय और संस्थान संचालित हैं। इनमें 18 हजार 181 बेड्स की व्यवस्था की गई है। इनमें से 12,659 बेड आइसोलेशन और पांच हजार 522 बेड आईसीयू के बेड हैं। बीते एक मार्च से नौ हजार बेडों को अतिरिक्त बढ़ाया गया है। जिनमें 6 हजार आइसोलेशन और 2705 आइसीयू बेड शामिल हैं।
मुख्यमंत्री योगी ने गुरुवार को टीम 11 के साथ हुई मीटिंग में बेडों की क्षमता को दोगुना करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश कोविड के खिलाफ लड़ाई में पूरी प्रतिबद्धता के साथ लड़ रहा है। कोविड की पहली लहर के अनुभवों से सीखते हुए स्वास्थ्य संसाधनों को प्राथमिकता के साथ बेहतर किया गया है। यह काम लगातार जारी है। हमें हर परिस्थिति के लिए तैयार रहना होगा। प्रदेश में 1,16,000 से अधिक एल-1 के बेड्स हैं, तो एल-टू और एल-3 के 65,000 से अधिक बेड हैं। सभी जिलों में दो-दो सीएचसी को कोविड डेडिकेटेड अस्पताल के रूप में तैयार किया जा रहा है। सरकारी अस्पतालों में संसाधन बढ़ाए जा रहे हैं, इसके साथ-साथ निजी अस्पतालों/मेडिकल कॉलेज को भी इसमें जोड़ा जा रहा है।