लखनऊ। सत्ता की बागडोर संभालते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की महिलाओं के हित में ठोस कदम उठाए है। उसका ही परिणाम है कि आज एक ओर मिशन शक्ति जैसे वृहद अभियान से उनका मनोबल बढ़ा है तो वहीं योगी सरकार की स्वर्णिम योजनाओं से विकास के पथ पर महिलाओं के कदम तेजी से बढ़ रहें हैं। प्रदेश में योगी सरकार बुजुर्गों व पति की मृत्योपरांत निराश्रित महिला पेंशन योजना महिलाओं को सीधे तौर पर लाभ पहुंचा रही है।
प्रदेश में बुजुर्गों को पेंशन देने के मामले में योगी सरकार सबसे आगे है। वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत अब तक लगभग 51 लाख से अधिक बुजुर्गों को पेंशन की सुविधा दी जा चुकी है। पेंशन योजना के तहत योगी सरकार ने प्रदेश के लगभग 14, 68,847 नए पेंशनरों को लाभान्वित किया है। योजना से जुड़ने के बाद बुजुर्गों को अब 500 रुपए प्रतिमाह मिल रहा है।
साल 2017 के पहले जहां प्रदेश के बुजुर्गों को 300 से 400 रुपए की धनराशि मिलती थी वहीं योगी सरकार ने उसे बढ़ाकर 500 रुपए किया है। इस मद में जहां पहले लगभग सरकार के 1500 करोड़ खर्च होते थे वहीं नए पेंशन धारकों के जुड़ने से यह राशि दोगुनी हो गई है अब योगी सरकार द्वारा 3000 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहें हैं। कोरोना महामारी के चलते पेंशनधारकों की आर्थिक समस्या दूर करने के लिए हर बुजुर्ग को योगी सरकार ने एक एक हजार रुपए की अतिरिक्त सहायता राशि वितरित की।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की महिलाओं को सम्मान व सुरक्षा देने के उद्देश्य से शुरू की गई पति की मृत्योपरांत निराश्रित महिला पेंशन योजना ने महिलाओं को कवच प्रदान किया है। पति की मृत्योपरांत निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत 27.95 लाख प्रदेश की महिलाओं को लाभ मिल चुका है। इसके साथ ही कन्या भ्रूण हत्या पर लगाम लगाने व बेटियों की शिक्षा, सेहत को ध्यान में रखते हुए गरीब परिवारों में बेटी के जन्म पर कन्या सुमंगला योजना लागू कर उनको लाभन्वित किया है। जिसके तहत अब तक प्रदेश की 6 लाख 13 हजार से अधिक बेटियों को सीधा लाभ मिला है।