पूरे यूपी में वन स्टाप सेंटर हो रहे संचालित

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• पीड़ित महिला को अल्प प्रवास, चिकित्सकीय सहायता, परामर्शी सेवायें, विधिक सहायता एवं पुलिस सहायता इत्यादि एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराया जा रहा है
• पीड़ित महिला को न्याय दिलाये जाने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के इम्पैनल्ड अधिवक्ताओं के माध्यम से सहायता प्रदान दी जाती है
• दिसम्बर 2020 तक लगभग 6,804 महिलाओं/बालिकाओं को सहायता उपलब्ध करायी गई है

लखनऊ। निदेशक, महिला कल्याण मनोज कुमार राय ने बताया कि भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित वन स्टाप सेंटर का शुभारम्भ वित्तीय वर्ष 2016-17 में किया गया था। योजना का उद्देश्य हिंसा से पीडि़त महिलाओं को समस्त आवश्यक सेवायें जैसे पीड़ित महिला को अल्प प्रवास (पाँच दिवस), चिकित्सकीय सहायता, परामर्शी सेवायें, विधिक सहायता एवं पुलिस सहायता इत्यादि एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराया जाना है। वर्तमान में प्रदेश के सभी जनपदों में वन स्टाप सेंटर का संचालन किया जा रहा है।

श्री राय ने बताया कि हिंसा से पीडि़त महिलाओं को आवश्यक सेवायें प्रदान किये जाने के लिए प्रत्येक वन स्टाप सेंटर में प्रशासकीय कार्यों के लिए सेंटर मैनेजर/प्रशासक-1,पीडि़ता को परामर्शी सेवायें प्रदान किये जाने के लिए मनोवैज्ञानिक परामर्शदाता-1, चिकित्सीय सेवाओं के लिए पैरामेडिकल नर्स-3, कार्यालय के लिए कप्यूटर आपरेटर-सह लिपिक-1 तथा केसवर्कर-2 की व्यवस्था की गयी है।

इसके अतिरिक्त इमरजेंसीं रिस्पॉस एवं रेस्क्यू सेवायें, पुलिस विभाग की डायल 112, स्वास्थ्य विभाग की डायल 108, 102 सेवाओं से सम्पर्क करते हुए प्रदान की जाती हैं तथा पुलिस विभाग से सम्पर्क कर पीड़िता की प्रथम सूचना रिपोर्ट अथवा शिकायत दर्ज करायी जाती है। पीडि़त महिला को न्याय दिलाये जाने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के इम्पैनल्ड अधिवक्ताओं के माध्यम से सहायता प्रदान की जाती है।

श्री राय ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्रदेश के वन स्टाप सेंटरों में कुल 16,607 महिलाओं/बालिकाओं के मामले आये जिसमें महिलाओं को यथावश्यक सहायता उपलब्ध कराई गई। गत वर्ष दिसम्बर 2020 तक लगभग 6,804 महिलाओं/बालिकाओं को सहायता उपलब्ध करायी गई है।