अंततः बसपा के डी फैक्टो मुखिया बने आकाश आनंद

अंततः बसपा के डी फैक्टो मुखिया बने आकाश आनंद पार्टी में वापस मिला आकाश आनंद को पुराना वाला रसूख मायावती की कृपा फिर बरसी, बनाया पार्टी का राष्ट्रीय संयोजक अब पूरी पार्टी भतीजे को रिपोर्ट करेगी, और आकाश बुआ जी को बसपा में अब छह राष्ट्रीय कोआर्डिनेटर होंगे, कोई चीफ नहीं

0
35

लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती के भतीजे आकाश आनंद फिर से नम्बर दो की हैसियत पा गए हैं। हालांकि इस उनको मायावती ने अपना सियासी वारिस नहीं बनाया है किंतु उन्हें डी फैक्टो मुखिया तो बना ही दिया है। मायावती उनको राष्ट्रीय संयोजक बना कर पूरी पार्टी का नियंत्रण सौंप दिया है और यूपी के आगामी विधानसभा चुनाव के अभी से रणनीति बनाने और तैयारी करने का निर्देश दे दिया है। यानी ससुराल वालों की वजह से मायावती का कोपभाजन बने भतीजे आकाश आनंद को आखिरकार बुआ जी का पूरा आशिर्वाद मिल ही गया। मायावती ने एक और सांगठनिक बदलाव करते हुए आकाश आनंद को पार्टी में ठीक अपने बाद वाली पोजीशन दे दी है।

आकाश की इस पोजीशन को छह-सात माह पूर्व मायावती ने ही नाराज होकर छीन लिया था। नाराजगी इतनी थी कि भतीजे आकाश को पार्टी से भी निकाल दिया गया। बाद में लगभग दो महीने बाद बुआ जी मायावती का ग़ुस्सा शांत हुआ। और फिर आकाश आनंद की पहले पार्टी में वापसी हुई, थोड़े दिन बाद वे नेशनल कोऑर्डिनेटर बने, फिर चीफ नेशनल कोऑर्डिनेटर बने और अब वे पार्टी में नेशनल कन्वेनर यानी राष्ट्रीय संयोजक बना दिए गए हैं। नई व्यवस्था में आनंद अब सिर्फ मायावती को रिपोर्ट करेंगे और पूरी पार्टी को कंट्रोल करेंगे। कुल मिलाकर आकाश को मायावती ने उत्तराधिकारी भले न घोषित किया है, पर उसी जैसा रुतबा दे दिया है। इसके अलावा विश्वनाथ पाल को एक बार फिर पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। यूपी विधानसभा चुनाव 2027 को लेकर बहुजन समाज पार्टी फूंक-फूंक कर लेकिन मजबूत कदम रख रही है। बीते गुरुवार को पार्टी ने संगठन में फिर बड़ा बदलाव किया है। इस बदलाव में मायावती ने भतीजे आकाश आनंद का फिर प्रमोशन करते हुए पार्टी का राष्ट्रीय संयोजक बना दिया है। ये पद संगठन में राष्ट्रीय अध्यक्ष यानी मायावती के बाद आता है। यानी अब आकाश आनंद दूसरे नंबर के पॉवरफुल नेता हो गए हैं। अभी तक आकाश आनंद चीफ राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर की भूमिका निभा रहे थे।

मायावती ने इसके अलावा संगठन में और कई बड़े बदलाव किए हैं, जिनमें अब चार के स्थान पर छह राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर बनाए गए हैं। इसके अलावा ज्यादातर राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों की भी घोषणा की गई है। उनकी जिम्मेदारी में अब सभी राष्ट्रीय, स्टेट और सेक्टर कोऑर्डिनेटरों और प्रदेश अध्यक्षों की काम की समीक्षा करना होगा। बसपा संगठन में हुए नए बदलाव इस प्रकार हैं। रामजी गौतम, राजाराम, रणधीर सिंह बेनीवाल, लालजी मेधांकर, अतर सिंह राव और धर्मवीर सिंह अशोक पार्टी के राष्ट्रीय नयी व्यवस्था में राजाराम के साथ मोहित आनंद, अतर सिंह राव के साथ सुरेश आर्या के अलावा धर्मवीर अशोक के साथ दयाचंद को लगाया गया है। इसमें रामजी गौतम को दिल्ली, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और बिहार का प्रभारी बनाया गया है। इसके अलावा मायावती ने विश्वनाथ पाल को एक बार फिर यूपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। साथ ही राजेश तंवर दिल्ली, रमाकांत पिप्पल मध्य प्रदेश, श्याम टंडन को छत्तीसगढ़ का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। बिहार का प्रदेश अध्यक्ष शंकर महतो और महाराष्ट्र का प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुनील डोंगरे को बनाया गया है। इसके अलावा कर्नाटक में एम. कृष्णा मूर्ति, तमिलनाडु में पी. आनंद, केरल में ज्वाय आर. थामस, हरियाणा में कृष्ण जमारपुर, पंजाब में अवतार सिंह करीपुरी, राजस्थान में प्रेम बारुपाल, झारखंड में शिव पूजन मेहता, पश्चिम बंगाल में मनोज हवलदार, ओडिशा में सरोज कुमार नायक, आंध्र प्रदेश में बंदेला गौतम, तेलंगाना में इब्राम शेखर, गुजरात में भगूभाई परमार, हिमाचल में विक्रम सिंह नायर, जम्मू कश्मीर में दर्शन राणा,चंडीगढ़ में बृजपाल व उत्तराखंड में अमरजीत सिंह को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है।

मायावती की मजबूरी भी हैं भतीजे आकाश आनंद : वैसे बसपा प्रमुख मायावती के पास रहने वाले कहते हैं कि उनके मिजाज को पढ़ पाना बहुत आसान नहीं है। वे क्षणे रुष्टा-क्षणे तुष्टा वाली हैं। तीन बार भतीजे आकाश आनंद को पार्टी से निकालकर फिर पार्टी में वापस लेकर उन्होंने अपनी इस मानसिक अस्थिरता का सबूत दे ही दिया है। लेकिन आकाश आनंद को फिर पार्टी में वापस लेकर और ताकतवर बनाकर उन्होंने यह भी साबित कर दिया है कि उनके पास आकाश आनंद के अलावा और कोई विश्वसनीय चेहरा भी नहीं है। हालांकि उन्होंने आकाश आनंद को अभी उत्तराधिकारी घोषित नहीं किया है, लेकिन जिस तरह से छूट दे दी है, उसका मतलब तो यही है। यानी आकाश आनंद बसपा के बेताज बादशाह हो गए हैं। वे अब अपने हिसाब से टीम तैयार कर रहे हैं ताकि पार्टी पर उनकी पकड़ मजबूत हो सके। परंतु उन्हें इस बात से सावधान रहना होगा कि फिर कहीं बसपा प्रमुख मायावती उनकी किसी बात से नाराज न हो जाएं और फिर बाहर का रास्ता दिखा दें। क्योंकि पार्टी में मायावती के कान भरने वाले बहुत हैं और मायावती कान की कच्ची हैं, यह बात उन्होंने तीन बार में साबित भी कर दिया है। उधर मायावती के पुराने विश्वस्त रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने पिछले दिनों आकाश को राजनीति का नया खिलाड़ी बताकर उनकी क्षमता पर सवाल उठा दिये थे। अब अपनी जनता पार्टी के अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने कुछ दिनों पूर्व लखीमपुर में कहा था कि आकाश राजनीति में नये खिलाड़ी हैं, उनको शुभकामनाएं हैं। पर बहनजी बार-बार उन्हें पार्टी से बाहर कर देती हैं, जिससे उनकी प्रतिभा कुंठित होती है। बसपा से चुनावी गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि समान विचारधारा वालों से हाथ मिलाने से वह गुरेज नहीं करेंगे।

इस बार आकाश ने अपने को बहुत ही नियंत्रण में रखकर काम किया है। इसी धैर्य का परिणाम है कि मायावती ने फिर उन्हें पूरी पार्टी सौंप दी है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि बसपा की नई टीम आकाश के हिसाब से बनाई जा रही है। उन्होंने यह काम पार्टी का चीफ नेशनल कोऑर्डिनेटर बनने के बाद से ही शुरू कर दिया था। आकाश पहले विधानसभा और बूथवार संगठन को मजबूत करने की कवायद में जुटे हैं। मायावती ने तो आकाश को पार्टी के चुनाव प्रचार अभियान की कमान भी सौंप दी है और निर्णय लेने के लिए अधिकृत भी कर दिया है। यानी आकाश आनंद से अपनी नाराजगी के नैरेटिव को मायावती ने पूरी तरह से धो दिया है। परंतु सारी कृपा बरसाने के बावजूद मायावती ने स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी में अभी किसी उत्तराधिकारी की घोषणा नहीं की गई है।

मायावती ने बीते 16 अप्रैल को आकाश की पार्टी में वापसी की घोषणा करते हुए कहा था कि चूंकि आकाश आनंद ने अपनी गलती मान ली है, इसलिए उन्हें एक और मौका मिल रहा है। मायावती ने तब कहा था कि आकाश ने आश्वासन दिया है अब वे अपनी ससुराल वालों के बहकावे में आकर कोई काम नहीं करेंगे, जिससे पार्टी मिशन को नुकसान पहुंचे। मायावती ने एक बार फिर पदाधिकारियों से कहा है कि पार्टी को कांशीराम के दौर की तरह मज़बूत बनाया जाए ताकि बहजन समाज के उत्थान के लिए काम किया जा सके।

बसपा आईटी सेल से सावधान रहें-आकाश : जब से आकाश आनंद को फिर पार्टी की जिम्मेदारी मिली है, तब से वे बहुत सक्रिय हो गए है। उन्होंने पिछले दिनों बसपा के नाम से सोशल मीडिया पर बने फेक अकाउंट्स को लेकर भी पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि साथियों, पिछले कुछ समय से कुछ सोशल मीडिया हैंडल्स द्वारा ‘बीएसपी आईटी सेल’ के नाम पर व्हाट्सऐप ग्रुप बनाने की अपील की जा रही है। उसमें आपके नंबर सहित निजी जानकारियां मांगी जा रही हैं।‌ इनमें कुछ हैंडल्स मेरे नाम को भी जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, जो पूरी तरह से भ्रामक और असत्य है। आकाश ने कहा है कि बहुजन समाज पार्टी में ‘आईटी सेल’ जैसी कोई व्यवस्था नहीं है। बीएसपी एक मिशनरी आंदोलन है, जिसमें करोड़ों समर्पित कार्यकर्ता सीधे स्तर पर पार्टी से जुड़े हैं। इसलिए ऐसे आई टी सेल से सावधान रहें।

अभयानंद शुक्ल
राजनीतिक विश्लेषक