करेंसी नोट निगम दो डेटा सेंटर, सिलवर नैनो प्रोजेक्ट लगाएगा

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करेंसी नोट निगम दो डेटा सेंटर, सिलवर नैनो प्रोजेक्ट लगाएगा…. करेंसी नोट छपाई करने वाले सरकारी उपक्रम भारतीय प्रतिभूति मुद्रण और मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड (सिक्योरिटी प्रिंटिंग ऐंड मिंटिंग कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड) हाईटेक क्षेत्र में उतर रहा है। निगम दो नई परियोजनाएं स्थापित करेगा, एक है – सिल्वर नैनो मटीरियल परियोजना हैदराबाद में और दो डेटा सेंटर – उत्तर प्रदेश तथा हैदराबाद में बनाएगा। निगम ने डेटा परियोजना को ‘पारगमन’ नाम दिया है।

भारत सरकार के पूर्ण स्वामित्व वाले इस अतिमहत्वपूर्ण निगम ने उत्तर प्रदेश के नोएडा और हैदराबाद में डेटा सेंटर का निर्माण करने के लिए नौएडा में स्थित निजी क्षेत्र की कंपनी कार्पोरेट इन्फोटेक सोल्यूशन्स प्रा. लि. को 137 करोड़ रुपए का ठेका दिया है। निगम ने दोनों डेटा सेंटर पर किए जाने वाले निवेश का खुलासा नहीं किया है। एक प्राइमरी डेटा सेंटर और दूसरा आपदा (डिसास्टर) डेटा सेंटर होगा।

वित्त मंत्रालय को लम्बे अरसे से निगम के अपने अति गोपनीय आंकड़ों, सूचनाओं का हर स्थिति में सुरक्षित भंडारण करने की जरूरत महसूस हो रही थी। डेटा सेंटर्स की स्थापना से निगम को कई फायदे भी होंगे। डेटा सेंटर प्राकृतिक आपदाओं में भी सूचनाओं -आंकड़ों को सुरक्षित भंडारण करने में सक्षम होते हैं। दर असल निगम करेंसी नोटों के साथ -साथ पासपोर्ट डाॅक्यूमेंट्स, वीज़ाकार्ड, रेलवे वारंट, बैंक चेक, न्यायिक-गैरन्यायिक स्टांपपेपर, सिक्योरिटी पेपर, डाकटिकट, पोस्टलऑर्डर सिक्के, परमवीर चक्र और पद्मश्रृंखला के नागरिक मेडल्स आदि का उत्पादन- बिक्री करता है। भारत सरकार के अलावा भी कई देश निगम से उक्त उत्पादों की नियमित आपूर्ति लेते हैं जिसके लिए सूचनाओं और आंकड़ों की पूर्ण गोपनीयता और सुरक्षा अतिमहत्वपूर्ण होती है। इनकी बिक्री से निगम को सालाना 1000-1100 करोड़ रुपए की आमदनी होती है। ये सभी संवेदनशील उत्पाद राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हुए हैं और इसीलिए निगम इनके उत्पादन के प्रत्येक स्तर पर उच्चतम गोपनीयता और सुरक्षा अपनाता है। निगम के उत्पाद न केवल केंद्र और राज्यों में बल्कि विदेशी सरकारों को भी निर्यात किए जाते हैं, डेटा सेंटर इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाने में सक्षम होते हैं।

उत्पादन लागत में बचत, उत्पादकता में सुधार, उत्पादों की डिज़ाइनिंग, गुणवत्ता नियंत्रण, मार्केटिंग और कच्चे माल से संबंधित कई अहम सूचनाओं का सटीक तथा त्वरित विश्लेषण करने में डेटा सेंटर अहम भूमिका निभाएंगे। लेकिन डेटा सेंटर से अच्छे कार्यपरिणाम हासिल करने के लिए इनके संचालन में अति कुशल, दक्ष और त्वरित कार्य करने वाले कर्मचारियों की समर्पित टीम का होना निहायत जरूरी होता है।

तमाम कंपनियां पूंजी निवेश से स्थिर प्रतिफल प्राप्त करने के उद्देश्य से भी डेटा सेंटर का निर्माण करती हैं। डेटा सेंटर पर निवेश से सालाना आठ से दस प्रतिशत का रिटर्न मिलता है जोकि कई बैंकों की जमा पर ब्याज दर से भी अधिक है। निगम हैदराबाद में स्थित अपनी इकाई भारत सरकार टकसाल (इंडिया गवर्नमेंट मिंट – अईजीएम) में सिलवर नैनो मटीरियल की अनुसंधान परियोजना शुरू करने के लिए पुणे में स्थित वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद- राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशाला (सीएसआईआर- एनसीएल) से गठजोड़ किया है। सिलवर नैनो मटीरियल का उपयोग ऐंटीकैंसर, एंटीमाइक्रोबियल सहित कई उपचारों में किया जाता है। 352 अधिकारियों और 940 सुपरवाइजरों सहित 6,400 से अधिक कर्मियों से लैस निगम की सालाना आमदनी चार हजार करोड़ रुपए से अधिक होती है।

प्रणतेश बाजपेयी