विश्व के तीसरी रैंक के एनएसई पर जड़ा 72 करोड़ का दंड

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विश्व के तीसरी रैंक के एनएसई पर जड़ा 72करोड़ का दंड…. विश्व के तीसरे सबसे बड़े शेयर बाजार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को गैरजिम्मेदाराना हरकत बहुत मंहगी पड़ गई। स्टाॅक एक्सचेंज का अचानक समूचा सिस्टम फेल हो जाने से तकरीबन चार घंटों तक ट्रेडिंग ठप रही, इस दौरान अरबों रुपए दांव पर लगाए बैठे, जोखिम से जूझ रहे शेयर कारोबारियों की मानसिक स्थिति और उनमें मची अफरातफरी का अंदाजा लगा पाना आसान नहीं है।

शर्मनाक हरकत से निवेशकों को हुए कारोबारी नुकसान का कोई पुख्ता आंकड़ा तो नहीं निकल पाया। हां इतना अवश्य हुआ कि नेशनल स्टाॅक एक्सचेंज के मैनेजिंग डायरेक्टर विक्रम लिमये, स्टाॅक षएक्सचेंज की ही कंपनी एनएसई क्लियरिंग लिमिटेड (एनसीएल) के मैनेजिंग डायरेक्टर विक्रम कोठारी, स्टाॅक एक्सचेंज के चीफ़ टेक्नोलॉजी ऐंड ऑपरेशन्स अफसर (सीटीओओ) शिवकुमार भसीन को ऐसा कठोर दण्ड दिया गया है जिसे भुला पाना इन अफसरों के लिए मुमकिन नहीं होगा।

बताते चलें कि ये तीनों अधिकारी स्थाईरूप से सक्रिय रहने वाली आपदा प्रबंधन टीम (क्राइसिस मैनेजमेंट टीम) के अभिन्न अग हैं। आश्चर्य यह है कि इन तीनों शीर्ष अधिकारियों ने जांच टीम के समक्ष स्वयं को पाक-साफ बताते हुए सारा दोष दो टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर के मत्थे मढ़ दिया। हालांकि जांच में इन्हें ही दोषी पाया गया और पांच में से दो दोषियों नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और एनएसई क्लियरिंग पर 72 करोड़ 64 लाख 80 हजार रुपए का जुर्माना ठोंका गया है। विक्रम लिमये, विक्रम कोठारी और शिव कुमार भसीन को स्वयं के खर्च पर बाजार विनियामक सेबी द्वारा निर्धारित विशिष्ट ट्रेनिंग कोर्स को अगले छः माह के अंदर पूरा करने का आदेश दिया गया है।

यह आदेश सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अनंत बरुआ ने 20जून की शाम को जारी किया।आदेश के अनुसार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर (एमडी विक्रम लिमये और सीटीओओ शिव कुमार सहित) 49 करोड़ 76 लाख 80 हजार रूपए और एनसीएल पर (एमडी विक्रम कोठारी सहित) 22 करोड़ 88 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया। लिमये पहले आईडी एफसी में थे, आठ करोड़ रुपए सालाना के पैकेज पर एनएसई के एमडी नियुक्त किए गए थे, इसके पहले चित्रा रामकृष्णा को इस पद से दिसंबर 2017 में इस्तीफा देना पड़ा था। विक्रम कोठारी पहले आईडी एफसी में थे और शिवकुमार भसीन पहले भारतीय स्टेट बैंक में ग्लोबल चीफ टेक्नोलॉजी अफसर थे, 2019 में एन सी एल में आए।

अब इस स्टोरी को संक्षेप में बयान करते हैं। 2021, तारीख 24 फरवरी, शेयर ब्रोकर-सदस्य और निवेशक रोज़ की तरह स्टाॅक एक्सचेंज के प्लेटफॉर्म पर सौदे करने में व्यस्त थे, ट्रेडिंग पीक पर चल रही थी कि अचानक पूरा सिस्टम ही कोलैप्स कर गया -फेल हो गया, तब समय 11बजकर 40 मिनट हुए थे। सुचारु ट्रेडिंग के लिए आपातकाल से निपटने के उद्देश्य से स्टाॅक एक्सचेंज की’ क्राइसिस मैनेजमेंट टीम’ उस वक्त क्या कर रही थी इसका कोई भी उल्लेख विनियामक सेबी द्वारा की गई जांच में नहीं किया गया। बस इतना खुलासा किया गया कि ट्रेडिंग बहाल होने में बेशकीमती चार घंटे लग गए। सिस्टम पुनः चालू हो सका 3.45 पर, प्रबंधन ने उसके बाद ट्रेडिंग टाइम बढ़ा कर पांच बजे कर दिया था इन चार घंटों में तीस – पैंतीस हजार करोड़ रुपए का ट्रेडिंग नुकसान होने का अनुमान है।

प्रणतेश बाजपेयी