लखनऊ। आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के चार साल पूरे होने पर शुक्रवार को केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में वर्चुवल माध्यम से आयुष्मान भारत दिवस कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम से ऑनलाइन जुड़े उत्तर प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों के आयुष्मान लाभार्थियों से स्वास्थ्य मंत्री ने बात की और उनसे जानना चाहा कि योजना का लाभ उठाने में उन्हें कहीं कोई दिक्कत तो नहीं हुई। इसी मौके पर स्टेट हेल्थ एजेंसी साचीज के कार्यालय में 20 लाभार्थियों के साथ प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पार्थ सारथी सेन शर्मा और एजेंसी की सीईओ संगीता सिंह भी कार्यक्रम से जुड़े।
इस मौके पर गोरखपुर के बेतियाहाता स्थित चन्द्रलोक कुष्ठ आश्रम के शफीक ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को बताया कि उनके 36 वर्षीय भाई नसीब के मुंह के कैंसर का इलाज आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त चल रहा है। उनके माता-पिता कुष्ठ रोगी हैं जो कि कुष्ठ आश्रम में रहते हैं। उनके परिवार की आमदनी का कोई जरिया नहीं है। यदि यह योजना न होती तो उनके भाई का इलाज संभव नहीं था। गोरखपुर के पोद्दार हास्पिटल में कीमोथेरेपी और रेडिएशन का मुफ्त इलाज चल रहा है, जिस पर अभी तक करीब 1.28 लाख रुपये खर्च हुए हैं, जिसमें उनको एक पैसा भी नहीं देना पड़ा है।
शफीक की ही तरह अन्य राज्यों के लाभार्थियों ने भी अपनी बात बताई, जिस पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने प्रधानमन्त्री के इस तोहफे को सराहा और कमजोर वर्ग के लोगों से अपील की कि जिनका भी नाम इस योजना की सूची में है वह जल्दी से जल्दी अपना आयुष्मान कार्ड बनवा लें ताकि उन्हें सालाना पांच लाख तक के मुफ्त इलाज की सुविधा हासिल हो सके। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 सितम्बर 2018 को थी। चार साल के दौरान देश के करीब चार करोड़ लोगों को योजना के तहत मुफ्त इलाज का लाभ मिल चुका है।
साचीज कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में मौजूद उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पार्थ सारथी सेन शर्मा ने कहा कि प्रदेश में चार साल के दौरान 2.15 करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाये गए हैं। योजना के तहत 15 लाख से अधिक लोगों को मुफ्त इलाज का लाभ मिला है। आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए प्रदेश में 15 सितम्बर से आयुष्मान पखवाड़ा मनाया जा रहा है। पखवाड़े के तहत अब तक प्रदेश में 5.45 लाख आयुष्मान कार्ड बनाये जा चुके हैं, जिन लोगों ने अब तक कार्ड नहीं बनवाया है वह क्षेत्रीय आशा कार्यकर्ता से मिलकर कार्ड बनवा लें।