लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की इकोनॉमी को 5 ट्रिलियन डालर बनाने का लक्ष्य रखा है। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश की इकोनॉमी 1 ट्रिलियन डालर बनाने के लिए कई कदम उठा चुके हैं। इसी क्रम में सरकार ने बड़ा फैसला लिया है जो प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ ही रोजगार के नये अवसर पैदा करेगा। योगी सरकार काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि कॉरिडोर बनाने जा रही है।
योगी सरकार ने इसको लेकर विशेष रणनीति बनाई है ताकि आने वाले वक्त में अयोध्या वैश्विक पर्यटन का केंद्र बने सके। कॉरिडोर बनने के बाद अयोध्या में जहां एक तरफ पर्यटकों की आवक बढ़ेगी, वहीं दूसरी तरफ भारी संख्या में रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे और प्रदेश की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी। इससे विश्व पटल पर राम नगरी की अलग पहचान बनेगी।
कॉरिडोर के विकसित हो जाने से आवागमन सुगम होगा और मुख्य सड़क से बेहतर कनेक्टिविटी भी विकसित होगी। प्रदेश सरकार सहादतगंज से नयाघाट तक 12.94 किलोमीटर लंबी सड़क का चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण करने जा रही है, जिसे कॉरिडोर के तौर पर विकसित किया जाएगा।
कॉरिडोर के तौर पर विकसित की जा रही यह सड़क अभी दो लेन की है जिसे चार लेन का बनाया जाएगा। इसके लिए आवश्यक भूमि एवं भवन अधिग्रहण व्यय की 378.77 करोड़ रुपये की धनराशि सहित कुल 797.69 करोड़ रुपये की निर्माण लागत के प्रस्ताव को स्वीकृति मिली है। सड़क के निर्माण का कार्य लोक निर्माण विभाग द्वारा भूमि अधिग्रहण का कार्य पूर्ण किये जाने के बाद किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने तय किए हैं सात आयाम : प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री मोदी के विजन के अनुरूप इस नगरी को आस्था और पर्यटन के वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए सात आयाम तय कर चुकी है। ये आयाम “सांस्कृतिक अयोध्या, आयुष्मान अयोध्या, सक्षम अयोध्या, आधुनिक अयोध्या, सुरम्य अयोध्या, भावात्मक अयोध्या और स्वच्छ अयोध्या” हैं।
वैष्णव परंपरा की आभा से आलोकित होगी अयोध्या : भगवान राम की नगरी अवधपुरी वैष्णव परंपरा की आभा से आलोकित होगी। इसके लिए सरकार वहां बनने जा रहे विभिन्न नये सरकारी भवनों एवं होटल में वैष्णव सम्प्रदाय की वास्तुकला दिखे इसकी भी व्यवस्था भी की है। साथ ही सरकार भवनों के नाम पौराणिक चरित्रों पर रखकर आने वाले पर्यटकों को त्रेतायुगीन राम नगरी की अनुभूति भी कराएगी।