मोदी हुए 400 पार, विपक्ष फिर लाचार

मोदी हुए 400 पार, विपक्ष फिर लाचार उपराष्ट्रपति चुनाव में कुल पड़े 752 वैध मतों में से एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को 452 वोट मिले इंडी गठबंधन के उम्मीदवार बी जनार्दन रेड्डी को मात्र 300 मतों से ही संतोष करना पड़ा कुल 767 वोटरों में से 15 सांसद ऐसे भी थे जिन्हें वोटिंग करना नहीं आया, उनके मत अवैध घोषित हो गये

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नयी दिल्ली। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए ने एक बार फिर राहुल गांधी के नेतृत्व वाले इंडी गठबंधन को शिकस्त दे दी है। एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने विपक्ष के उम्मीदवार को 152 वोटों से मात दी है। उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए कुल पड़े 767 वैध मतों में से 452 वोट एनडीए उम्मीदवार को मिले, जबकि विपक्ष के उम्मीदवार बी जनार्दन रेड्डी को सिर्फ 300 मतों से संतोष करना पड़ा। इस चुनाव में 15 सांसद ऐसे भी थे जिन्हें ठीक से वोट डालना नहीं आया, इस कारण उनके मत अवैध घोषित कर दिए गए। बीआरएस, अकाली दल और बीजेडी के 11 सांसदों ने पार्टी लाइन का सम्मान करते हुए मतदान नहीं किया।

इस प्रकार मोदी ने सांकेतिक तौर पर ही सही 400 का आंकड़ा पार कर लिया। मोदी सरकार ने एक बार फिर दिखा दिया वे जो चाहे कर सकते हैं, और विपक्ष के पास हाथ मलने के अलावा और कोई चारा नहीं है। इस बार एनडीए ने विपक्ष के 14 वैध मतों की सेंधमारी की है। अवैध घोषित 15 में से चार इंडी गठबंधन को और 11 एनडीए को मिलने का भी अनुमान था। ऐसे में एनडीए की संख्या 463 और इंडी गठबंधन की संख्या 304 हो सकती थी।

प्राप्त आंकड़ों के अनुसार एनडीए प्रत्याशी को कुल 452 वोट मिले जबकि उसे अपनी गणना के अनुसार 438 वोट मिलने का अनुमान था। यानी इस प्रकार एनडीए प्रत्याशी ने विपक्ष के 14 वैध वोट हथिया लिये हैं। अर्थात विपक्ष के 14 सांसदों ने क्रॉस वोटिंग की है। अब ये 14 वोट कहां से आए इसको लेकर मंथन शुरू हो गया है। चर्चा है कि महाराष्ट्र में शिवसेना उद्धव वाला साहब ठाकरे और एनसीपी शरद के कुछ सांसदों ने क्रॉस वोटिंग की है। कुछ बागी कांग्रेस सांसदों के अलावा समाजवादी पार्टी से भी दो सांसदों के क्रास वोटिंग करने की चर्चाएं हैं। मतदान गुप्त था और कोई ह्विप भी जारी नहीं किया गया था, इसलिए यह बता पाना बहुत मुश्किल है कि किस सांसद ने किसको वोट दिया है। किंतु 14 का आंकड़ा आया तो विपक्षी खेमे से ही है, यह तय है। इसमें शशि थरूर, राजीव शुक्ला और मनीष तिवारी के बारे में कहा जाता है कि ये ऑपरेशन सिंदूर के समय से ही पार्टी लाइन से असहमत हैं। इस लिस्ट में शिवसेना उद्धव वाला साहब ठाकरे की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी का भी नाम है। वे भी ऑपरेशन सिंदूर के समय से सरकारी पक्ष का समर्थन कर रही थीं। बाद में भी उनकी राय सरकार के पक्ष में ही दिख रही थी। ऐसे में अनुमान है कि ये सांसद सत्ता पक्ष को वोट दे सकते हैं।
इसके अलावा अवैध घोषित हो गए 15 मतों में से भी अधिकतर के बारे में अनुमान है कि ये विपक्षी सांसदों के ही वोट हैं।

चूंकि वे अपने गठबंधन के प्रत्याशी से सहमत नहीं थे और पार्टी से बगावत भी नहीं करना चाहते इसलिए उन्होंने अपने मत अवैध करा दिए। और यह भी एक तरह से सत्ता पक्ष का समर्थन ही कहा जाएगा। हालांकि चर्चाएं तो टीडीपी के चार सांसदों को लेकर भी है। इनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने तेलंगाना से ताल्लुक रखने वाले विपक्ष के उम्मीदवार बी जनार्दन रेड्डी को समर्थन करने के लिए पार्टी में बात की थी, किंतु पार्टी ने घोषित तौर पर एनडीए उम्मीदवार को समर्थन दे दिया था। ऐसे में नाराज होकर उन्होंने एनडीए के सांसदों के ट्रेनिंग कैंप में हिस्सा भी नहीं लिया था, ऐसे दावे हैं। इसीलिए अंदाजा लगाया जा रहा है कि ये सांसद एनडीए प्रत्याशी के खिलाफ अपनी मंशा जाहिर करने के लिए अपना वोट खराब कर सकते हैं। फिर भी बाकी 11 वोट एनडीए उम्मीदवार को ही मिलने की उम्मीद थी। ऐसे में अगर एनडीए को मिले 452 में ये 11 वोट जोड़ दें तो एनडीए की संख्या 463 होती है और इंडिया को मिले 300 वोटों में चार वोट जोड़ दें तो संख्या 304 होती है। यानी एनडीए ने नंबर गेम में एक बार फिर इंडी गठबंधन को पटखनी दे दी है। इसलिए इंडी गठबंधन और एनडीए को अपना कुनबा और मजबूत करने की जरूरत है। वोटिंग का यह ट्रेंड उन्हें सावधान करने के लिए भी है।

उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्धारित वोटरों का गणित : वर्तमान में लोकसभा में 542 और राज्यसभा में 239 की सांसदों की संख्या है। दोनों को मिलाकर 781 वोट थे। कुल 11 सांसदों ने वोटिंग में भाग नहीं लिया। तीन और सांसद किन्हीं कारणों से वोट नहीं दे पाए।‌ इस प्रकार कुल 767 वोट ही पड़े। इनमें से भी 752 वोट वैध पाए गए। यानी कुल 15 वोट अवैध पाए गए।

वोट गणित की एक झलक :
* एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने इंडी गठबंधन के बीच जनार्दन रेड्डी को 152 वोटों से हराया।
* राधाकृष्णन को अनुमानित 437 से 15 वोट अधिक यानी 452 वोट और रेड्डी को 300 वोट मिले, जो अनुमान से 15 कम है।
* 15 सांसदों का वोट अवैध भी हुआ, जो इन सांसदों के लिए शर्म की बात है, अगर उसे जान बूझकर वोट खराब न किया गया हो।
* इस चुनाव में विपक्ष को क्रास वोटिंग भी झेलनी पड़ी। उसे अनुमानित 315 वोट मिलने की बजाय मात्र 300 वोट ही मिले।
* कांग्रेस के जयराम रमेश ने चुनाव के पहले ट्वीट करके अपने गठबंधन को कम से कम 315 वोट मिलने का विश्वास जताया था।

अभयानंद शुक्ल
राजनीतिक विश्लेषक