गरीबों व नए उद्यमियों को ‘स्टार्टअप’ के गुर सिखाएंगे

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लखनऊ। दिल्ली स्थित कॉमनमैन ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी चंद्र मिश्रा और लखनऊ स्थित सुभाष चंद्र बोस एजुकेशनल सोसाइटी के अध्यक्ष व विधान परिषद सदस्य इंजीनियर अवनीश कुमार सिंह ने रविवार को सामाजिक प्रभाव, बाजार के लोकतंत्रीकरण और आर्थिक स्वतंत्रता के लिए ज्ञान-पूंजी आधारित लक-नो (Luck-Know) स्टार्टअप स्कूल की स्थापना के लिए सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जन्मतिथि 17 सितम्बर को यह स्कूल उत्तर प्रदेश के युवाओं को समर्पित किया जायेगा।

यह स्कूल नए उद्यमियों को तीन साल के लिए 360 डिग्री सपोर्ट और हैंडहोल्डिंग प्रदान करेगा। जिसमें कॉन्सेप्ट से लेकर मार्केट, लीगलिटीज, अकाउंट्स और ऑडिट से लेकर वैल्यूएशन, पिचिंग से लेकर फंडरेजिंग, ग्रोथ और एक्जिट शामिल हैं। यह स्कूल यूपी से भारत का अगला जीरो-टू-हीरो यूनिकॉर्न पेश करने का लक्ष्य रखता है। किसानों और रेहड़ी-पटरी वालों की आय बढ़ाने के अलावा, यह यूपी का सबसे बड़ा दोतरफा विपणन नेटवर्क तैयार करेगा जो किसानों, स्वयं सहायता समूहों और स्थानीय उत्पादकों को दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों में अपने उत्पाद और सेवा बेचने में सक्षम बनाएगा। यह उत्तर प्रदेश की सरकार को राज्य के हर गांव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मानिर्भर भारत और “वोकल फॉर लोकल” विजन को लागू करने में मदद करेगा।

यह पांच वर्षों में 2000-2500 स्टार्टअप के लिए 1000 करोड़ का निवेश लाएगा और उत्तर प्रदेश में एक लाख प्रत्यक्ष रोजगार पैदा करेगा। उत्तर प्रदेश की सरकार को राज्य के हर गांव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मानिर्भर भारत और “वोकल फॉर लोकल” विजन को लागू करने में यह मदद करेगा। ज्ञात हो कि श्री मिश्रा के नेतृत्व में कॉमनमैन ट्रस्ट ने वर्ष 2005 में ओडिशा में बीजद-भाजपा सरकार को राज्य रोजगार मिशन स्थापित करने में मदद की, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक इसके अध्यक्ष थे, मिश्रा ने इसके संचालन समिति के सदस्य के रूप में कार्य किया। इस मुद्दे पर ओडिशा, बिहार, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, हरियाणा और दिल्ली जैसे विभिन्न राज्यों में काम करने के बाद, मिश्रा ने सामाजिक संगठन जनमित्र न्यास के साथ मिलकर वर्ष 2021 में मिशन बेरोजगारी मुक्त वाराणसी की शुरुआत की। बेगर्स कारपोरेशन के माध्यम से भिखारियों को उद्यमी बना रहे श्री मिश्रा ह्यूमन इकोनॉमिक एक्शन डिज़ाइन के अन्वेषक (पायनियर) हैं जो परिणामोन्मुख रोजगार नीति के लिए आवश्यक है।

इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट दोनों का अध्ययन करने वाले अवनीश कुमार सिंह ने नौकरी करने के बजाय ग्रामीण छात्रों का गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के विकास के लिए खुद को समर्पित कर दिया। वर्ष 1965 में अत्यंत पिछड़े गांव तेरवा, दहिगवां (हरदोई) में एक प्राथमिक विद्यालय से अपनी यात्रा शुरू करते हुए, सुभाष चंद्र बोस एजुकेशनल सोसाइटी ने ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को उच्च शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए सुभाष चंद्र बोस शैक्षिक समूह की स्थापना की। मेधावी 40, पाठशाला-द ग्लोबल स्कूल, ऑर्गेनिक खेती के माध्यम से शिक्षा और रोजगार के नए अवसर सृजन करने में लगे हुए श्री सिंह लखनऊ खण्ड स्नातक क्षेत्र से विधान परिषद सदस्य हैं।