आखिर क्या है तीन नंबर से प्रधानमंत्री मोदी का नाता

* नरेंद्र मोदी तीन बार गुजरात के सीएम और तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने हैं * प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन में नंबर तीन के साथ कई सुखद संयोग जुड़े हुए हैं

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लखनऊ। पीएम मोदी के जीवन में नंबर 3 का बहुत महत्व है। यह नंबर बार-बार उनके जीवन में नए तरीके से आता रहता है। अपने रूस के दौरे में प्रधानमंत्री में भी इसका जिक्र किया था। नरेंद्र मोदी तीन बार लगातार मुख्यमंत्री रहने के बाद तीन बार लगातार प्रधानमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं। इसके अलावा भी उनकी जिंदगी में नंबर तीन का महत्व है। आइए विस्तार से जानते हैं इस बारे में।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के इतिहास के पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने लगातार तीन बार किसी राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के बाद फिर लगातार लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है। हालांकि दिवंगत प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने भी लगातार तीन बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी लेकिन उसके पहले वे किसी और पद पर लगातार तीन बार नहीं रहे। इस मामले में नरेंद्र मोदी का रिकॉर्ड उनसे बेहतर है। अब लोग कयास लगा रहे हैं कि नरेंद्र मोदी अपना 3 साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद कोई बड़ा डिसीजन ले सकते हैं जिससे भारत और भाजपा की राजनीति में बड़ा बदलाव आ सकता है।

इसी प्रकार उनके प्रधानमंत्री के कार्यकाल में तीनों टर्म में तीन लोगों की तिकड़ी महत्वपूर्ण रही है। और इन्हीं तीन लोगों का पूरी सरकार पर वर्चस्व रहा है। और ये तीन लोग हैं स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, दूसरे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीसरे गृहमंत्री अमित शाह। हालांकि गृह मंत्री अमित शाह उनके पहले कार्यकाल में सरकार में नहीं थे किंतु भाजपा अध्यक्ष के रूप में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही। सरकार के नीति निर्धारकों के रूप में उनका दखल हमेशा बना रहा। इसी प्रकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले 9 जून को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। यदि हम 9 के अंक को तीन से डिवाइड करें तो उसका उत्तर तीन ही आता है। यानी यहां भी तीन का दखल है।

प्रधानमंत्री ने रूस में तीन के आंकड़े का महत्व जब भारतीय समाज को बताया तो वह तारीख भी 9 जुलाई थी। यदि इस नौ में भी तीन का भाग दें तो उसका भी उत्तर तीन ही आता है। इसके अलावा प्रधानमंत्री लगातार तीन-तीन बार गुजरात राज्य और केंद्र की सरकार के मुखिया के रूप मे कार्य कर चुके है। मास्को में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने नंबर तीन को भारतीय समुदाय के लिए शुभ बताते हुए कहा कि मैंने तीसरी बार चुनाव जीत कर भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है। और यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है। उन्होंने कहा कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के बाद मुझे यह सौभाग्य प्राप्त हुआ है। इसलिए मैंने शपथ लेते ही प्रण किया है कि इस बार तीन गुनी ताकत से देश के लिए काम करना है, और इसे नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। मोदी ने भारतीय समुदाय को आश्वस्त किया कि भारत जल्द विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थ व्यवस्था बन जाएगा, और इसमें कोई शक नहीं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी सरकार ने यह भी निश्चय किया है कि हम अपने देश की 3 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाएंगे। अर्थात हम ऐसी व्यवस्था करेंगे की इन महिलाओं की सालाना आय एक लाख रुपए अवश्य हो जाए। उन्होंने बताया की इस दिशा में काम चालू है। उन्होंने कहा की ये सब आपके आशीर्वाद से संभव है और मुझे उम्मीद है कि आपका आशीर्वाद मेरे साथ है। मोदी ने कहा कि अब तो दुनिया के लोग भी महसूस कर रहे हैं कि भारत में तेजी से सकारात्मक बदलाव आ रहा है।

हो सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ने नंबर तीन पर अपनी उपरोक्त बातें भीड़ का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए की हों किंतु नंबर तीन का महत्व उनके राजनीतिक जीवन में बहुत है। कई अवसरों पर ये दिखा भी है। जैसे उनकी वर्तमान एनडीए सरकार तीन लोगों की तिकड़ी पर ही टिकी हुई है। और वह है नरेंद्र मोदी की भाजपा, चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम और नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड। नरेंद्र मोदी की तीसरी एनडीए सरकार इन्हीं तीन मजबूत स्तम्भों पर टिकी हुई है। भारत का विपक्ष इसे नकारात्मक दृष्टि देखता है और उसे लगता है कि सरकार गिर जाएगी। इस बाबत नरेंद्र मोदी का कहना है कि वर्तमान एनडीए सरकार अब तक की सबसे मजबूत गठबंधन सरकार है। भारत के इतिहास में इससे पहले इतना मजबूत और टिकाऊ गठबंधन कभी नहीं बना था। उन्होंने दावा किया है यह गठबंधन अगले 5 साल ही नहीं अगले कई टर्म पूरा करेगा।

कांग्रेस और अन्य विपक्षियों द्वारा नरेंद्र मोदी की वर्तमान सरकार को एक तिहाई सरकार कहने पर चुटकी लेते हुए पीएम कहते हैं कि हां यह सच है कि हमारी सरकार अभी एक तिहाई ही है। क्योंकि अभी तो हमने 10 वर्ष ही सरकार चलाई हैं। यानी एक तिहाई सरकार चलाया है, अभी दो तिहाई सरकार यानी कम से कम 20 साल सरकार और चलाना बाकी है। मोदी ने कहा कि यह सचमुच में ही एक तिहाई सरकार है, विपक्ष के लोगों के मुंह घी शक्कर जो उन लोगों ने मेरी सरकार की सही व्याख्या की।

इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पहली बार 2014 में भाजपा को अकेले 282 सीटें मिली थीं। इसके सारे अंकों को आपस में जोड़ें तो यह मिलकर 12 होता है। और यह संख्या तीन से डिवाइड हो जाती है। इसी प्रकार 2019 में भी भाजपा को अकेले 303 सीटें मिली थीं। यानी की इस संख्या का जोड़ छह होगा जो तीन से डिवाइड हो जाता है। वर्ष 2024 के चुनाव में भी भाजपा को अकेले 240 सीटें मिली हैं। इसका भी जोड़ छह होता है जो तीन से आसानी से डिवाइड हो जाता है। यदि इस बार एनडीए को मिली 293 सीटों की संख्या को आपस में जोड़ें तो संख्या 15 होती है। और फिर उसे जोड़ें तो जोड़ छह आता है। और यह संख्या भी तीन से डिवाइड होती है।‌

इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑस्ट्रिया का द्वारा किया। वहां पर भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि मैं एक अच्छे मौके पर यहां आया हूं। उन्होंने कहा भारत और आस्ट्रिया रिश्तों को 75 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। यानी यहां भी 7 और 5 को जोड़ने पर संख्या 12 आती है वह तीन से डिवाइड हो जाती है। इस प्रकार उपरोक्त उदाहरणों देखने पर यह बात साफ हो जाती है कि नरेंद्र मोदी के जीवन में नंबर तीन कहीं न कहीं से प्रभावित करता ही है। अब देखते हैं कि अगला 3 साल पूरा होने पर नरेंद्र मोदी कौन सा करिश्मा लेकर आते हैं। जानकार कहते हैं कि जो भी होगा धमाकेदार होगा और जिसकी कल्पना शायद ही किसी ने की हो।

अभयानंद शुक्ल
राजनीतिक विश्लेषक