…तो ऐसे बीमारी दूर भगाएं

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लखनऊ। हर साल 15 अक्तूबर को विश्व हैंडवाशिंग डे मनाया जाता है लेकिन कोरोना के चलते इस बार इस दिवस की महत्ता काफी बढ़ गई है। शायद हर व्यक्ति गुरुवार को इस दिवस को मनाएगा। विशेषज्ञों की राय है कि घर में प्रवेश करते वक्त इंसान को 30-40 सेकेंड तक हाथ धोना चाहिए ताकि वायरस अगर हाथ में चिपका भी हो तो घर में प्रवेश न करे।

इस साल के ग्लोबल हैंडवाशिंग डे की थीम, “सभी के लिए स्वच्छ हाथ” निर्धारित की गयी है। इस साल हम सभी ने हाथ की स्वच्छता के महत्व को बखूबी समझा भी है। केजीएमयू के मेडिसिन विभाग के प्रोफसर अरविंद मिश्रा के मुताबिक कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सबसे प्रभावी तरीका ठीक तरह से हाथ धोना है। जिससे संक्रमण का खतरा काफी हद तक काम हो जाता है। डब्ल्यूएचओ के वैश्विक सुझावों में कोविड-19 महामारी को रोकने व नियंत्रित करने और इसे व्यवहार में लाने के लिए हाथ की स्वच्छता का लक्ष्य रखा गया।

बलरामपुर हॉस्पिटल के वरिष्ठ बालरोग विशेषज्ञ डॉ. देवेंद्र सिंह कहते हैं कि कोरोना संक्रमण के बाद कई लोगों ने इसे जिम्मेदारी समझकर अपनाया है तो वहीँ कुछ लोग इसे संक्रमण के डर से अपना रहे हैं। सही तरह से हाथ धुलने से हम दस्त, टाइफाइड, पेट संबंधी रोग, आँख में होने वाले संक्रमण, त्वचा संबंधी रोग आदि से बच सकते हैं।

हाथ धोने का सही तरीका: डॉ. देवेंद्र के मुताबिक हाथ धुलने का सही तरीका दो मिनट तक साबुन से छह चरणों में हाथ धोना चाहिए| इसमें सबसे पहले सीधे हाथ पर साबुन लगाकर रगड़ना, उसके बाद उल्टे हाथ, इसके बाद नाखून, फिर अंगूठा, उसके बाद मुट्ठी तथा अंत में कलाई धोनी चाहिए। इस तरह से अगर हम अपने हाथों को धोयेंगे तो निश्चित रूप से 90 प्रतिशत तक बीमारियों से बच सकते हैं। यह संक्रमण से बचाव का बहुत छोटा मगर प्रभावी कदम है।

क्या कहते हैं आंकड़े : द स्टेट ऑफ हैंड वॉशिंग की 2016 की वार्षिक रिपोर्ट बताती है कि भारत के ग्रामीण क्षेत्र में 54 प्रतिशत आबादी शौचालय के बाद हाथ धोती है, वही सिर्फ 13 प्रतिशत आबादी  खाना बनाने से पहले और 27 प्रतिशत बच्चों को खाना खिलाने से पहले हाथ धोती है। दूसरी तरफ शहरी क्षेत्र में 94 प्रतिशत लोग शौचालय के बाद हाथ धोते है। 74 प्रतिशत खाना बनाने से पहले और 79 प्रतिशत बच्चों को खाना खिलाने से पहले हाथ धोते है।

इसलिए मनाते हैं हैंडवाशिंग डे: हमारे हाथों में न जाने कितनी अनदेखी गंदगी छिपी होती हैं, जो किसी भी वस्तु को छूने, उसका उपयोग करने और कई तरह के रोज़मर्रा के कामों के कारण होती हैं। यह गंदगी, बगैर हाथ धोए कुछ भी खाने-पीने से आपके शरीर में पहुँच जाती हैं और कई तरह की बीमारियों को जन्म देती हैं। हाथ धोने के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए वैश्विक स्तर पर हर साल 15 अक्टूबर को हैंड वॉशिंग दिवस मनाया जाता है। इस दिन की स्थापना वर्ष 2008 में ग्लोबल हैंड वाशिंग पार्टनरशिप द्वारा की गयी जिसका प्रयास साबुन से हाथ धोने के महत्व पर जागरूकता बढ़ाना है।

हाथ धोना कब-कब जरूरी: शौच के बाद , खाना बनाने व खाने से पहले , मुंह, नाक व आँखों को छूने के बाद, खाँसने व छींकने के बाद, घर की साफ-सफाई करने के बाद, किसी बीमार व्यक्ति से मिलकर आने के बाद व पालतू जानवरों से खेलने के बाद।