पूंजी बटोरने में एसएमई टाॅप, सुस्त मार्केट में एनएसई का रुतबा

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पूंजी बटोरने में एसएमई टाॅप गियर में, सुस्त मार्केट में एनएसई का रुतबा बरकरार… उद्यमियों ने अपने अरमानों को पूरा करने के खातिर शेयर बाजार से वित्तीय संसाधन जुटाकर परियोजनाओं में निवेश किया और इसी पूंजी से अपने ऊपर लदे कर्ज का निपटान भी करने की कोशिश की। साझा करने वाली खास बात यह है कि पूंजी जुटाने के मामले में कद्दावर कंपनियों में पहले जैसी आक्रामकता नहीं दिखाई पड़ी। विभिन्न अधिकृत स्रोतों से जुटाए गए आंकड़ों की सर्जरी करने पर अहम तथ्य सामने आए। इनसे रूबरू होइए और भारतीय पूंजी बाजार की नब्ज टटोलने की कोशिश करते हैं।

ज्यादा नहीं पिछले दो सालों को लेते हैं, 2021-22 और अभी इसी मार्च में गुडबाय कह चुके 2022-23 को। तकरीबन हर मामले में वित्तीय वर्ष 21-22 का पलड़ा भारी बैठा। परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए कार्पोरेट जगत का सबसे प्रिय विकल्प आईपीओ रहा है। लेकिन इसकी लोकप्रियता 22_23 में इसके पूर्व वर्ष जैसी नहीं रही। 21_22 में इक्विटी व ऋण प्रतिभूतियों को मिलाकर 192 निर्गम (इश्यू) आए और इनसे 1 लाख 12 हजार 568 करोड़ रुपए जुटाए गए, 26हजार 327 करोड़ रुपए के 43 राइट इश्यूज़ लाए गए। 22_23 में इश्यूज की संख्या तो बढ़ कर 253 हो गई परन्तु इनसे कुल जुटाई गई 53 हजार करोड़ रुपए की राशि 21_22 की तुलना में 52 प्रतिशत कम रही, राइट इश्यूज़ की संख्या भी बढ़ कर 70 हो गई लेकिन इनसे सिर्फ 6635 करोड़ रुपए एकत्र किए जा सके।

उपर्युक्त ट्रेंड के ठीक विपरीत एसएमई सेक्टर की शाइनिंग परफार्मेंस रही। 22_23 में इस सेक्टर से आईपीओ की संख्या में लगभग 100 प्रतिशत के अप्रत्याशित इज़ाफे के साथ-साथ इनसे जुटाई गई धनराशि भी 135 प्रतिशत अधिक थी। इस सेक्टर से 22_23 में 125 आईपीओ के जरिए 2333 करोड़ की पूंजी एकत्र की गई जबकि 21_22 में 64 आईपीओ से 916 करोड़ रुपए जुटाए गए थे।

घरेलू शेयर मार्केट में चले आ रहे कंपटीशन में नौजवान स्टाॅक एक्सचेंज पहले की तरह देश के सबसे बुजुर्ग शेयर बाजार मुंबई स्टाॅक एक्सचेंज पर बढ़त कायम किए हुए है। पिछले एक साल में ओवरआल घरेलू शेयर बाजार के कैश सेगमेंट में समग्र कारोबार यानी टर्नओवर में 20 प्रतिशत की गिरावट बाजार की सुस्ती को दर्शाती है, 21_22 में कैश सेगमेंट में 179 लाख करोड़ रुपए का समग्र कारोबार 22_23 में 143 लाख करोड़ रुपए पर सिमट गया। बीएसई सुस्ती से ज्यादा प्रभावित रहा इसका कारोबार 21_22 में 13.38 लाख करोड़ रुपए के स्तर से 26.85 प्रतिशत लुढ़क कर 22_23 में 10.28 लाख करोड़ रु रह गया।

एनएसई का टर्नओवर 21_22में 165 लाख करोड़ रुपए से 19.68 प्रतिशत घटकर 22_23 में 133 लाख करोड़ रुपए के स्तर पर आ गया । हालांकि बीएसई में 22_23 में लिस्टेड कंपनियों की संख्या 5350 थी लेकिन इसमें से तकरीबन बीस प्रतिशत कंपनियों के शेयरों की ट्रेडिंग नहीं हुई। दूसरी तरफ एनएसई में 2191 कंपनियां लिस्टेड थीं और सभी ट्रेडिंग में सक्रिय भी रहीं।

प्रणतेश बाजपेयी